अजमेर. लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा कार्य शुरू कर दिया गया है. जिससे गरीब वर्ग के लोगों को काफी फायदा हो रहा है. अजमेर संभाग की बात करे तो 6 लाख 22 हजार 735 श्रमिक मनरेगा से जुड़ चुके हैं. वहीं मनरेगा में श्रमिकों की संख्या निरन्तर बढ़ाई जा रही है.
मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब वर्ग के लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने इसकी शुरुआत कि. ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आर्थिक राहत मिले. अजमेर संभाग में राज्य सरकार के आदेश के बाद लगातार मनरेगा श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है. मनरेगा के तहत 6 लाख 22 हजार 735 लोगों को रोजगार मिल चुका है. संभाग की बात की जाए तो अजमेर जिले में एक लाख 9 हजार 590 श्रमिक रोजगार से अब तक जुड़ चुके हैं.
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नागौर में 1 लाख 45 हजार 579, टोंक में 91 हजार 120 और भीलवाड़ा जिले में 2 लाख 66 हजार 446 श्रमिकों को काम मिला है. खास बात यह है की संभाग में सर्वाधिक मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम देने वाला जिला भीलवाड़ा है. हालांकि संभाग के अन्य 3 जिले में मनरेगा के तहत श्रमिकों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने में जुटे हुए हैं. जिला परिषद सीईओ गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिले में मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में तीन लाख से ज्यादा श्रमिकों को काम देने का लक्ष्य रखा है. अजमेर संभाग का नंबर मनरेगा में श्रमिकों को सर्वाधिक काम देने में प्रथम स्थान पर है.
अजमेर जिले के 9 ब्लॉक में मनरेगा की स्थिति
- अराई- 9 हजार 381
- भिनाय- 15 हजार 413
- जवाजा - 8 हजार 772
- केकडी- 9 हजार 422
- मसूदा- 16 हजार 393
- पीसांगन- 15 हजार 409
- सरवाड़- 9 हजार 614
- श्रीनगर - 11 हजार 585
- सिलौरा- 13 हजार 401