अजमेर. सीआरपीएफ जीसी 2 के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को 523 से अधिक नव आरक्षियों ने पासिंग आउट परेड (CRPF GC 2 passing our parade in Ajmer) की. इस समारोह में जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.
अजमेर के सीआरपीएफ ग्रुप 2 में 523 नव आरक्षियों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण था. 43 हफ्ते के कठिन प्रशिक्षण के बाद सभी नव आरक्षियों को सीआरपीएफ में शामिल होने का मौका (523 cadets joined CRPF in Ajmer) मिला. इसका निरीक्षण समारोह के मुख्य अतिथि कर्नल राठौड़ ने किया. राठौड़ ने कठिन प्रशिक्षण के बाद अपनी मेहनत और लगन के बूते सीआरपीएफ में शामिल होने वाले सभी नव आरक्षियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी. समारोह में प्रशिक्षण काल में सीखे जूडो, कराटे एवं तलवारबाजी का भी नव आरक्षियों ने शानदार प्रदर्शन किया.
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कठिन परिस्थितियों में जान की परवाह किये बिना निभाते है सुरक्षा का जिम्मा : इस मौके पर राठौड़ ने कहा कि मुझे खुशी है कि कठिन प्रशिक्षण के दौर से निकलकर नव आरक्षियों ने खुद को साबित किया है. पासिंग आउट परेड में महिलाओं की संख्या अधिक है. इससे साफ है कि देश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से लोहा लेने के लिए महिलाएं भी पीछे नहीं है. राठौड़ ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा सीआरपीएफ के कंधों पर है. कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जान की परवाह किए बिना सीआरपीएफ के जवान अपनी सेवाएं देते हैं. फिर चाहे वह नक्सली क्षेत्र हो या आतंकी इलाका. सीआरपीएफ हर हाल में देश की सुरक्षा करती है.
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43 हफ्ते के कठिन प्रशिक्षण के बाद तैयार हुए 523 योद्धा: सीआरपीएफ के राजस्थान के आईजी विक्रम सहगल ने कहा कि सीआरपीएफ जीसी 2 ने 523 से अधिक नव आरक्षियों ने 43 हफ्ते के कठिन प्रशिक्षण देकर योद्धा बनाया है. उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल देश का ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा अर्द्ध सैनिक बल है. देश में जहां भी सुरक्षा को चुनौती होती है, वहां अर्ध सैनिक बल जिम्मेदारी निभाता है. देश के विकास में सीआरपीएफ का बड़ा योगदान है. जम्मू कश्मीर, माओवाद, पूर्वोत्तर में नक्सलवाद क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आरक्षियों को अच्छा प्रशिक्षण मिले. जिससे वे देश के सामने आने वाली चुनौतियां का सामना करने में सक्षम हों. उन्होंने बताया कि नव आरक्षियों में कई अच्छे खिलाड़ी भी हैं, जो भविष्य में देश और सीआरपीएफ का नाम खेलों में भी रोशन करेंगे.