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नाड़ियों में हुए हादसों को लेकर जारी की एडवाइजरी, आवश्यक कार्रवाई के निर्देश

अजमेर के सरवाड़ और नसीराबाद उपखंड में पिछले दिनों नाड़ियों में डूबने से 13 जनों की मौत (13 drowned in ponds in Ajmer) को लेकर जिला परिषद ने एडवाइजरी जारी की है. समस्त पंचायतों को जारी एडवाइजरी में गहराई वाले जलभराव क्षेत्रों को लेकर एहतियातन आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था.

13 drowned in ponds in Ajmer, advisory released for security arrangements at ponds
नाड़ियों में हुए हादसों को लेकर जारी की एडवाइजरी, आवश्यक कार्रवाई के निर्देश
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Published : Oct 7, 2022, 6:43 PM IST

अजमेर. जिले के सरवाड़ और नसीराबाद उपखंड में गत 27 सितंबर से 5 अक्टूबर के मध्य 13 जनों के बरसाती नाड़ी में डूबकर मरने के मामले में जिला परिषद ने जिले की समस्त पंचायतों को एडवाइजरी जारी की (Advisory for security arrangements at ponds) है. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.

जिले में इस बार मानसून मेहरबान रहा है. बरसात का पानी नाड़ियों में भर गया. लेकिन यही नाड़ियां लोगों के लिए 'मौत का कुंआ' बन गईं. गफलत में लोग नदी में नहाने के लिए उतर जाते हैं और गहराई में समा जाते हैं. विगत 27 से 5 अक्टूबर के बीच 13 जने अलग-अलग जगहों पर नाडियों में डूब कर जान से हाथ धो चुके हैं. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई.

पढ़ें: अजमेर: नाड़ी में नहाने उतरे चार बच्चों की डूबने से मौत

जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर ने मामले में संवेदना दिखाई और इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. उन्होंने अगले ही दिन समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. एडवाइजरी जारी होने के बाद लोगों में जागरूकता आएगी और लोग अपने बच्चों एवं खुद को नाड़ियों के समीप जाने से बचेंगे. माथुर ने एडवाइजरी में समस्त पंचायत के विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते जिले में जलभराव के समस्त स्थानों पर सतत निगरानी की आवश्यकता है.

पढ़ें: बाड़मेर में नाड़ी में डूबने से 3 की मौत, एक दूसरे को बचाने के चक्कर में हादसा

गत दिनों गहरे पानी में डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे समस्त स्थानों को चिन्हित करवा कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था, साइन बोर्ड, गहरे पानी की चेतावनी, आदि के रूप में आवश्यक कार्रवाई करें. समस्त जलभराव के क्षेत्रों को सूचीबद्ध कर ग्राम पंचायत की ओर से एतिहात के कदम उठाए जाएं. व्यक्तिगत स्वामित्व की भूमि होने पर भी आवश्यक कदम उठाए जाएं तथा संबंधित को इस बाबत पाबंद भी किया जाए.

पढ़ें: प्यास ने छीनी जिंदगी : बकरियां चराने के दौरान नाड़ी में पानी पीने गई दो नाबालिग लड़कियों की डूबने से मौत

तीन बड़ी घटनाएं:

  • 27 सितंबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के पीसांगन तहसील में नया गांव प्रतापपुरा में 4 बच्चों की नाड़ी में डूबने से मौत हुई थी. मवेशी चराते हुए चारों नाड़ी के समीप पंहुचे थे और नहाने के लिए नाड़ी में उतर गए. इस दौरान जो पहले नाड़ी में उतरा, वह गहराई में समा गया. उसे बचाने एक के बाद एक चारों बच्चे पानी में उतरे और जान गवां दी.
  • 29 सितंबर को सरवाड़ तहसील के गांव पीपरोली धाकडान में 3 बच्चों की नाड़ी में डूबने से मौत हुई थी. खेल-खेल में बच्चे नाड़ी में उतरे थे और हादसे का शिकार होकर प्राण गवां चुके हैं.
  • 5 अक्टूबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के नांदला गांव में मूर्ति विसर्जन करते हुए बड़ा हादसा हुआ था. मूर्ति विसर्जन करने एक व्यक्ति नाड़ी में उतरा और उसे बचाने के लिए एक के बाद एक 5 लोग भी नाड़ी की गहराई में समा गए.

अजमेर. जिले के सरवाड़ और नसीराबाद उपखंड में गत 27 सितंबर से 5 अक्टूबर के मध्य 13 जनों के बरसाती नाड़ी में डूबकर मरने के मामले में जिला परिषद ने जिले की समस्त पंचायतों को एडवाइजरी जारी की (Advisory for security arrangements at ponds) है. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.

जिले में इस बार मानसून मेहरबान रहा है. बरसात का पानी नाड़ियों में भर गया. लेकिन यही नाड़ियां लोगों के लिए 'मौत का कुंआ' बन गईं. गफलत में लोग नदी में नहाने के लिए उतर जाते हैं और गहराई में समा जाते हैं. विगत 27 से 5 अक्टूबर के बीच 13 जने अलग-अलग जगहों पर नाडियों में डूब कर जान से हाथ धो चुके हैं. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई.

पढ़ें: अजमेर: नाड़ी में नहाने उतरे चार बच्चों की डूबने से मौत

जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर ने मामले में संवेदना दिखाई और इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. उन्होंने अगले ही दिन समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. एडवाइजरी जारी होने के बाद लोगों में जागरूकता आएगी और लोग अपने बच्चों एवं खुद को नाड़ियों के समीप जाने से बचेंगे. माथुर ने एडवाइजरी में समस्त पंचायत के विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते जिले में जलभराव के समस्त स्थानों पर सतत निगरानी की आवश्यकता है.

पढ़ें: बाड़मेर में नाड़ी में डूबने से 3 की मौत, एक दूसरे को बचाने के चक्कर में हादसा

गत दिनों गहरे पानी में डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे समस्त स्थानों को चिन्हित करवा कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था, साइन बोर्ड, गहरे पानी की चेतावनी, आदि के रूप में आवश्यक कार्रवाई करें. समस्त जलभराव के क्षेत्रों को सूचीबद्ध कर ग्राम पंचायत की ओर से एतिहात के कदम उठाए जाएं. व्यक्तिगत स्वामित्व की भूमि होने पर भी आवश्यक कदम उठाए जाएं तथा संबंधित को इस बाबत पाबंद भी किया जाए.

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तीन बड़ी घटनाएं:

  • 27 सितंबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के पीसांगन तहसील में नया गांव प्रतापपुरा में 4 बच्चों की नाड़ी में डूबने से मौत हुई थी. मवेशी चराते हुए चारों नाड़ी के समीप पंहुचे थे और नहाने के लिए नाड़ी में उतर गए. इस दौरान जो पहले नाड़ी में उतरा, वह गहराई में समा गया. उसे बचाने एक के बाद एक चारों बच्चे पानी में उतरे और जान गवां दी.
  • 29 सितंबर को सरवाड़ तहसील के गांव पीपरोली धाकडान में 3 बच्चों की नाड़ी में डूबने से मौत हुई थी. खेल-खेल में बच्चे नाड़ी में उतरे थे और हादसे का शिकार होकर प्राण गवां चुके हैं.
  • 5 अक्टूबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के नांदला गांव में मूर्ति विसर्जन करते हुए बड़ा हादसा हुआ था. मूर्ति विसर्जन करने एक व्यक्ति नाड़ी में उतरा और उसे बचाने के लिए एक के बाद एक 5 लोग भी नाड़ी की गहराई में समा गए.
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