अजमेर. प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती और इसे साबित किया है अजमेर की 12 वर्ष की अदिति कल्याणी ने. इस नन्ही बच्ची ने महज 9 वर्ष की उम्र में कहानियों की किताब लिख दी और अब अपने स्केच के हुनर से सभी को अचंबित कर दिया है.
8वीं कक्षा की छात्रा अदिति कल्याणी ने राज्य की सबसे छोटी उम्र के कहानीकार होने का गौरव 9 वर्ष की आयु में ही हासिल कर लिया था. अपने पुराने मकान के बाहर लगे हैंड पंप पर बिल्लियों के झुंड को देखकर अदिति अपनी कल्पना शक्ति से उनकी कहानियां अपने मन में गढ़ने लगी. धीरे-धीरे उन कहानियों को वह अपने माता पिता को सुनाने लगी.
लिखने के लिए मां ने किया प्रेरित
अदिति की मां महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में सहायक प्रोफेसर और पिता वकील हैं. बेटी की प्रतिभा को भांप कर उन्होंने अपनी बेटी को कहानियां लिखने के लिए प्रेरित किया. अदिति की माता विजय लक्ष्मी बताती हैं कि आदिति ने अपनी सारी कहानियां अपनी डायरी में लिखी. कहानियों का अच्छा खासा संग्रह होने पर उसकी किताब 'The adventures of Tubi and her Friends' प्रकाशित करवाई गई.
जिसके बाद अदिति को फीमेल कैटेगरी में सबसे कम उम्र की कहानीकार का खिताब मिला. अदिति की प्रतिभा में लेखन ही नहीं बल्कि स्केच कला भी शुमार है. अपनी किताब के लिए कहानी लिखने के साथ अदिति ने कहानी के किरदारों का स्केच भी बनाया, जो किताब में शामिल है.
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स्केच आर्टिस्ट के तौर पर नई पहचान
9 वर्ष की आयु में अदिति ने स्कैच करना शुरू किया. लेकिन उसकी इस प्रतिभा की पहचान वर्तमान में वैश्विक कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन में हुई. घर पर अदिति अपने स्केच के हुनर को तराशने में लगी रही. अदिति के पिता एडवोकेट पवन कल्याण ने अदिति को स्केच बनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
लॉकडाउन अवधि में अदिति ने 65 से अधिक खूबसूरत स्केच तैयार किए, जिनमें पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश विदेश के बड़े सेलिब्रिटीज हैं. पवन बताते हैं कि कहानी लेखन में सबसे कम उम्र का रिकॉर्ड बना चुकी अदिति ने अब स्केच कला में भी अपनी प्रतिभा को साबित किया है.
अदिति बताती है कि 9 साल की उम्र में हैंड पंप के पास पांच बिल्लियों को वो रोज देखती थी और उन्हीं को देखकर उसने 11 कहानियां लिखी. कहानियों में वह पांच बिल्लियां ही अलग-अलग किरदार के रूप में हैं. जिन्हें अदिति ने स्केच के रूप में भी उकेरा है.
पिता से मिला प्रोत्साहन
अदिति ने बताया कि पिता से मिले प्रोत्साहन के बाद उसने स्केच बनाना शुरू किया. नन्ही कलाकार के अनुसार वह अपनी रुचि को देखते हुए ही भविष्य की दिशा तय कर रही है. अदिति ने बताया कि वह कहानी लेखन और स्केच कला में ऊपरी पायदान पर मौजूद कलाकारों के बराबर पहुंचना चाहती है.
छोटी उम्र में अपनी प्रतिभा और लगन से इस कलाकार ने अपने माता पिता का नाम रौशन किया है. जिसके पीछे अदिति के माता पिता का भरपूर सहयोग है. 12 वर्ष की अदिति मिसाल है उन अभिभावकों के लिए जिनकी सोच आज भी 'खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब और लिखोगे पढ़ोगे तो बनोगे नवाब' वाली है. हुनर को पहचानकर उसे सही दिशा देने पर बच्चे भी वो कर दिखाते हैं, जो एक आम इंसान नहीं कर पाता.
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अदिति ने हासिल किए कई खिताब और सम्मान
- आदिति की बुक को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड नंबर भी मिला है.
- इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से यंगेस्ट स्टोरी बुक ऑथर का अवार्ड मिला.
- यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से अदिति को सम्मानित किया गया.
- अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
- डीईएलएफ जूनियर लेवल क्लियर करने पर अदिति को इंडिया स्टार रिपब्लिक अवार्ड 2020 से नवाजा गया था.
- स्केच आर्टिस्ट के तौर पर अदिति को रिपब्लिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से मोस्ट नंबर ऑफ स्केच ड्यूरिंग कोविड-19 लॉकडाउन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
- वहीं, इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मोस्ट नंबर ऑफ स्केच ड्यूरिंग लॉकडाउन खिताब से नवाजा है.