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पारिख समिति की ओएनजीसी, ओआईएल के नये गैस उत्पादन पर 20% प्रीमियम की सिफारिश

किरीट पारिख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने ओएनजीसी (ONGC) और ओआईएल (OIL) को गैस उत्पादन के लिए 20 प्रतिशत प्रीमियम देने की सिफारिश की है.

new gas production
नये गैस उत्पादन
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Published : Dec 4, 2022, 4:27 PM IST

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ओआईएल को पुराने क्षेत्रों से नई गैस के उत्पादन के लिए कीमतों पर 20 प्रतिशत प्रीमियम मिल सकता है. सरकार द्वारा किरीट पारिख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की है. समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस पर पांच साल के लिए मूल्य सीमा लागू करने की सिफारिश भी की है. सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस-पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा.

समिति ने पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. पीटीआई-भाषा ने रिपोर्ट की प्रति देखी है, जिसके मुताबिक ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लि. (OIL) की विरासत या पुराने क्षेत्रों (एपीएम) से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मानक कीमत की सिफारिश की गई है. यह कीमत भारत में आयातित कच्चे तेल की लागत का 10 प्रतिशत है. हालांकि, यह कीमत पूरी तरह 2027 से लागू होगी.

पारिख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की दरों से जोड़ने के बजाय घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतें आयातित कच्चे तेल के भाव से जोड़ी जानी चाहिए. इसके लिए गैस का आधार एवं अधिकतम मूल्य दायरा तय किया जाए. सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ओआईएल को चार डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) के न्यूनतम मूल्य और 8.57 डॉलर की मौजूदा दर के मुकाबले अब अधिकतम 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा.

पारिख ने कहा कि पुराने गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए अधिकतम दर को सालाना 0.5 डॉलर प्रति इकाई बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही समिति ने एक जनवरी, 2027 से एपीएम गैस की कीमत बाजार से निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया है. दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य लगभग 83 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था. इस तरह समिति की सिफारिश के अनुसार, एपीएम गैस की कीमत, जो देश में उत्पादित कुल गैस का 60 प्रतिशत है, 8.3 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (आयातित तेल मूल्य का 10 प्रतिशत) होनी चाहिए. हालांकि, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिश को मान लिया तो ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा.

गहरे समुद्र या उच्च तापमान, उच्च दबाव वाले क्षेत्रों के लिए समिति ने मौजूदा फॉर्मूले को जारी रखने की सिफारिश की है. ऐसे क्षेत्रों के लिए कीमत इस समय 12.46 डॉलर प्रति इकाई है. मुश्किल क्षेत्रों में गैस के सबसे बड़े उत्पादकों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ब्रिटेन की उसकी भागीदार बीपी पीएलसी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - केरल सरकार ने विझिंजम बंदरगाह पर केंद्रीय बलों की तैनाती पर जताई सहमति

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ओआईएल को पुराने क्षेत्रों से नई गैस के उत्पादन के लिए कीमतों पर 20 प्रतिशत प्रीमियम मिल सकता है. सरकार द्वारा किरीट पारिख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की है. समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस पर पांच साल के लिए मूल्य सीमा लागू करने की सिफारिश भी की है. सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस-पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा.

समिति ने पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. पीटीआई-भाषा ने रिपोर्ट की प्रति देखी है, जिसके मुताबिक ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लि. (OIL) की विरासत या पुराने क्षेत्रों (एपीएम) से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मानक कीमत की सिफारिश की गई है. यह कीमत भारत में आयातित कच्चे तेल की लागत का 10 प्रतिशत है. हालांकि, यह कीमत पूरी तरह 2027 से लागू होगी.

पारिख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की दरों से जोड़ने के बजाय घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतें आयातित कच्चे तेल के भाव से जोड़ी जानी चाहिए. इसके लिए गैस का आधार एवं अधिकतम मूल्य दायरा तय किया जाए. सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ओआईएल को चार डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) के न्यूनतम मूल्य और 8.57 डॉलर की मौजूदा दर के मुकाबले अब अधिकतम 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा.

पारिख ने कहा कि पुराने गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए अधिकतम दर को सालाना 0.5 डॉलर प्रति इकाई बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही समिति ने एक जनवरी, 2027 से एपीएम गैस की कीमत बाजार से निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया है. दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य लगभग 83 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था. इस तरह समिति की सिफारिश के अनुसार, एपीएम गैस की कीमत, जो देश में उत्पादित कुल गैस का 60 प्रतिशत है, 8.3 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (आयातित तेल मूल्य का 10 प्रतिशत) होनी चाहिए. हालांकि, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिश को मान लिया तो ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा.

गहरे समुद्र या उच्च तापमान, उच्च दबाव वाले क्षेत्रों के लिए समिति ने मौजूदा फॉर्मूले को जारी रखने की सिफारिश की है. ऐसे क्षेत्रों के लिए कीमत इस समय 12.46 डॉलर प्रति इकाई है. मुश्किल क्षेत्रों में गैस के सबसे बड़े उत्पादकों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ब्रिटेन की उसकी भागीदार बीपी पीएलसी शामिल हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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