मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. रेपो दर को 4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा गया है. हालांकि, बैंक ने उदार रुख बनाये रखा है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा गया है.
कोविड-19 संकट के बीच तेजी से बदलते वृहत आर्थिक परिवेश और वृद्धि परिदृश्य के कमजोर होने के साथ एमपीसी की यह तीसरी बैठक थी. पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में दूसरी बैठक हुई.
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उन्होंने केन्द्रीय बैंक के रुख को उदार बनाये रखकर कोविड-19 संकट से पीड़ित अर्थव्यवस्था की मदद के लिए जरूरी होने पर भविष्य में कटौती का संकेत दिया. गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि रेपो दर को चार प्रतिशत पर यथावत रखा गया है.
इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में मतदान किया और वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख को जारी रखने की बात कही. आरबीआई ने इससे पहले 22 मई को अपनी नीतिगत दर में संशोधन किया था, जिसके बाद ब्याज दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई थी.
एमपीसी ने दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में प्रतिशत कुल मिला कर 1.15 अंक की कटौती की. इससे आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये कुल मिलाकर नीतिगत दर में फरवरी, 2019 के बाद प्रतिशत 2.50 अंक की कटौती हो चुकी है.
आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा. इसके साथ ही सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत है.
नीतिगत दरों के अलावा आरबीआई ने कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था को समर्थन करने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं हैं. पढ़िए मौद्रिक नीति के प्रमुख निर्णय.
1. ऋण समाधान ढांचा
आरबीआई ने उधारदाताओं को निर्दिष्ट शर्तों के अधीन कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं के ऋणों के पुनर्गठन की अनुमति दी है.
दास ने कहा, "यह 7 जून प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क के तहत एक विंडो प्रदान करने का निर्णय लिया गया है जो उधारदाताओं को योग्य कॉर्पोरेट एक्सपोज़र के संबंध में एक संकल्प योजना को लागू करने में सक्षम बनाता है. स्वामित्व में बदलाव के बिना साथ ही व्यक्तिगत ऋण, जबकि मानक संपत्ति, विषय के रूप में इस तरह के एक्सपोजर को वर्गीकृत करता है.
केंद्रीय बैंक अनुभवी बैंकर केवी कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा जो इस तरह की संकल्प योजनाओं के लिए दिशानिर्देशों पर आरबीआई को सिफारिशें करेगा.
2. एमएसएमई ऋण का पुनर्गठन
आरबीआई ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) उधारकर्ता अपने ऋण के पुनर्गठन के लिए पात्र होंगे यदि एक मार्च 2020 को उनके खातों को मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था. यह पुनर्गठन 31 मार्च 2021 तक लागू किया जाएगा.
याद करने के लिए फरवरी में आरबीआई ने जीएसटी-पंजीकृत एमएसएमई के मानक खातों के लिए एक परिसंपत्ति वर्गीकरण डाउनग्रेड के बिना एक बार के पुनर्गठन का लाभ देने का निर्णय लिया था जो 1 जनवरी 2020 तक डिफ़ॉल्ट रूप से थे.
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार कोरोना के प्रभाव पर उद्योग ज्वार की मदद के लिए ऋण के पुनर्गठन की आवश्यकता पर आरबीआई के साथ काम कर रही है.
3. आरबीआई ने स्वर्णाभूषणों के बदले कर्ज का अनुपात बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को गैर-कृषि कार्यों के लिए सोने के आभूषणों के बदले दिये जाने वाले कर्ज की सीमा को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया. बढ़ी हुई यह सीमा 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध होगी.
आरबीआई ने विकासात्मक तथा नियामकीय नीतियों पर अपने बयान में कहा, "घरों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों पर कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव को आगे और कम करने के मकसद से गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषणों और अन्य अलंकारों को गिरवी रखकर लिए जाने वाले कर्ज के संबंध में स्वीकार्य मूल्य पर आधारित ऋण अनुपात को 75 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है."
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह छूट 31 मार्च 2021 तक मिलेगी. आरबीआई द्वारा इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश बृहस्पतिवार को बाद में जारी किए जाएंगे.
सोने की कीमतें 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को छू चुकीं हैं.
4. प्राथमिकता क्षेत्र में उधार नियमों में संशोधन
आरबीआई ने प्राथमिकता क्षेत्र उधार दिशानिर्देशों को भी संशोधित किया है. केंद्रीय बैंक अब बैंकों के लिए एक प्रोत्साहन ढांचा तैयार करने की योजना बना रहा है ताकि प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के प्रवाह में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर किया जा सके.
इसका मतलब यह है कि कम क्रेडिट प्रवाह वाले पहचान वाले जिलों में वृद्धिशील प्राथमिकता क्षेत्र क्रेडिट के लिए उच्च भार सौंपा जाएगा. जबकि कम भार को पहचान वाले जिलों में सौंपा जाएगा जहां क्रेडिट प्रवाह तुलनात्मक रूप से अधिक है.
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पीएसएल की स्थिति स्टार्ट-अप्स को भी दी जा रही है जो इन कंपनियों को धन की पहुंच के मामले में एक बड़ा बढ़ावा प्रदान कर सकता है.
स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र क्रेडिट ढांचे के तहत सौर ऊर्जा और संपीड़ित जैव-गैस संयंत्रों सहित नवीकरणीय ऊर्जा की सीमाएं बढ़ाई जा रही हैं. वर्तमान में बैंकों को समायोजित शुद्ध बैंक ऋण का 40 प्रतिशत पीएसएल की ओर रखना है.
5. गैर-नकद भुगतान की सुरक्षा करना
चेक भुगतान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आरबीआई ने 50,000 रुपये और उससे अधिक मूल्य के सभी चेक के लिए सकारात्मक वेतन का एक तंत्र शुरू करने का फैसला किया. यह आयतन और मूल्य के कुल चेक का लगभग 20% और 80% क्रमशः कवर करेगा.
सकारात्मक वेतन अनिवार्य रूप से एक स्वचालित नकद-प्रबंधन सेवा है जो चेक धोखाधड़ी को रोकती है. बैंक सकारात्मक भुगतान का उपयोग उन भुगतानों के लिए कंपनी के मुद्दों से मेल खाने के लिए करते हैं, जो भुगतान के लिए प्रस्तुत करते हैं. संदिग्ध माना जाने वाला कोई भी चेक जारीकर्ता को वापस परीक्षा के लिए भेज दिया जाता है. यह प्रणाली धोखाधड़ी, नुकसान और अन्य देनदारियों के खिलाफ एक कंपनी के लिए बीमा के रूप में कार्य करती है.
इसके अलावा, आरबीआई ने यह भी कहा कि डिजिटल भुगतान के लिए ऑनलाइन विवाद तंत्र भी पेश किया जाएगा.
आरबीआई के मौद्रिक नीति बयान की मुख्य बातें
- रिजर्व बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया
- रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा
- एमपीसी के सभी सदस्य दरें ना बदलने के पक्ष में
- ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति अभी भी कमजोर
- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी
- दूसरे तिमाही में ऊंची महंगाई दर बरकरार रहने का अनुमान
- दूसरी छमाही में महंगाई दर घटने का अनुमान
- वित्तवर्ष 21 में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान
- इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है
- फाइनेंशियल शर्तों को आसान बनाने से मदद मिली
- अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी
- आगे दरों में बदलाव की स्थिति संभव
- एनबीएफसी के लिए अब फंड जुटाना आसान हो सकता है
- कंपनियों के बॉन्ड पर रिस्क प्रीमियम कम हुआ
- कर्ज की दरों में बड़ी गिरावट देखी गई