नई दिल्ली: भारत यदि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है और अगर वह प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि की इच्छा रखता है, तो देश के पास मजबूत बुनियादी ढांचा होना चाहिए और धन की लागत को नीचे लाना चाहिए. वरिष्ठ बैंकर केवी कामत ने शनिवार को यह कहा.
उन्होंने सीआईआई इंडिया @ 75 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं यदि हम निवेश के अवसरों, वित्त पोषण की कम लागत और निष्पादन उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हैं."
कामत ने कहा, "अगले 20 वर्षों के लिए 10 प्रतिशत की दर से बढ़ना हमारी नियति है क्योंकि ऐसा करने के लिए पर्याप्त साधन है. आपको बस यह देखना है कि प्रयासों को एक उचित दिशा में ले जाया जाए और उचित पकड़ हो." भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में तनावग्रस्त उधारकर्ताओं के लिए ऋणों के एक बार पुनर्गठन के लिए नियमों को फ्रेम करने के लिए कामत को बुलाया गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट ने कृषि सुधारों को गति दी है और बहुत सारी गतिविधियां गांवों में वापस जा रही हैं.
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कामत ने कहा, " डिजिटल व्यवधान हमें इस विकास की गति प्रदान करने और अगले पांच वर्षों में भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने में सक्षम करेगा."
भारत @ 75 शिखर एक दिवसीय आभासी शिखर सम्मेलन है, जिसमें सभी भारतीय और भौगोलिक क्षेत्रों से भारतीयों को एक साथ लाकर आत्मनिर्भरता की दृष्टि दी जाती है.
(एएनआई रिपोर्ट)