सीकर. होली के त्योहार को मनाने की देशभर में अलग-अलग परंपराएं हैं. होलिका दहन भी देशभर में किया जाता है और इसके लिए विशेष मुहूर्त होता है और उसी मुहूर्त में होलिका दहन होता है, लेकिन सीकर में एक समाज ऐसा भी है, जो बिना मुहूर्त के होलिका दहन करता है, उसके लिए भी भद्रा काल में दहन किया जाता है.
भद्रा काल में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन सीकर का तिवारी समाज भद्रा काल में होलिका दहन करता है. किसके लिए समाज में एक परंपरा प्रचलित है. समाज के लोगों का कहना है कि किसी जमाने में उनके पूर्वज शुभ कार्य के लिए कहीं जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में उनको भद्रा मिल गई.
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समाज के लोगों ने इसे अपशकुन समझा और वापस जाने लगे. इसी दौरान भद्रा ने उन्हें वरदान दिया सारे काम भद्रा काल में करेंगे तो शुभ रहेंगा. उसके बाद समाज होलिका दहन भद्रा काल में करता है. केवल होलिका दहन ही नहीं समाज में अन्य मांगलिक कार्य भद्राकाल होते हैं, यहां तक कि शादी के दौरान फेरे भी भद्रा काल में होते हैं.