जयपुर. परिवहन विभाग के द्वारा वाहनों के ऋण चुकता प्रमाण पत्र वाहन मालिक को देने के साथ इसकी सूचना वित्त पोषक को अब परिवहन विभाग कार्यालय में ई-मेल से भी देनी होगी. इसके बाद ही वाहन मालिक द्वारा फॉर्म 35 के साथ आवेदन करने पर परिवहन विभाग वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र पर से फाइनेंसर का नाम हटाएगा. परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव रवि जैन ने इस प्रक्रिया के लिए प्रदेश के सभी प्रादेशिक और जिला परिवहन अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि हाइपोथैकेशन दृष्टि के लिए आवेदक द्वारा प्रस्तुत फॉर्म 35 की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित वित्तपोषण की आधिकारिक ई-मेल से फॉर्म 35 प्राप्त किया जाए. आवेदक द्वारा फॉर्म 35 एवं वित्त पोषित की अधिकारिक ई-मेल से फॉर्म 35 का मिलान करने के बाद ही निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
बिना ई-मेल का नहीं होगा निरस्तीकरण
परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव रवि जैन के निर्देश देने के बाद किसी भी हालत में वित्त पोषक की अधिकारी ई-मेल से प्राप्त फॉर्म 35 के बिना हाइपोथैकेशन निरस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसके लिए प्रादेशिक एवं जिला परिवहन अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में कार्य करने वाले वित्त पोषित को को फॉर्म 35 को संबंधित परिवहन कार्यालय की अधिकारिक मेल आईडी पर मेल भी कराएंगे.
पकड़ में आएंगे कूट रचित दस्तावेजों के प्रकरण
रवि जैन ने बताया कि परिवहन विभाग के संज्ञान में आया है कि ऋण चुनाव वाहनों पर कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत कर बिना ऋण चुका है हाइपोथैकेशन का निरस्तीकरण करवा लिया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद ऐसे वाहनों का स्वामित्व अंतरण ट्रांसफर अन्य व्यक्तियों के नाम से करवा लिया जाता है. उल्लेखनीय है कि अभी तक फाइनेंसर की ओर से जारी फॉर्म 35 के आधार पर ही निरस्त किया जाता था.