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सूरत हादसे के बाद राजधानी में निगम की सतर्कता केवल खानापूर्ति ही नजर आया... - जयपुर

सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद जयपुर नगर निगम प्रशासन भी जागा है और शहर के कोचिंग सेंटर्स का जायजा लिया जा रहा है. इस दौरान किसी कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं मिली. वहीं ज्यादातर जगह फायर फाइटिंग सिस्टम एक्सपायर मिले. लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नजर नहीं आई.

सूरत हादसे के बाद राजधानी में निगम की सतर्कता और फायर टीम का दौरा खानापूर्ति नजर आया
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Published : May 27, 2019, 7:30 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार के आदेश के बाद निगम की सतर्कता और फायर टीम का यह दौरा खानापूर्ति नजर आया. बता दें कि सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद जयपुर नगर निगम प्रशासन भी जागा है और शहर के कोचिंग सेंटर्स का जायजा लिया जा रहा है. लेकिन इस दौरान किसी कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं मिली तो किसी में फायर फाइटिंग सिस्टम एक्सपायर मिले.

सूरत हादसे के बाद राजधानी में निगम की सतर्कता और फायर टीम का दौरा खानापूर्ति नजर आया

लेकिन निगम कमिश्नर ने इसे एक सर्वे बता कर निकट भविष्य में उनपर कार्रवाई किए जाने की बात कही. निगम की सतर्कता और फायर टीम के इस दौरे में जितनी खानापूर्ति नजर आई, लगभग इतनी ही खानापूर्ति निगम परिसर में लगे फायर फाइटिंग इक्वीपमेंट में भी दिखी. यहां लगे तमाम फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर मिले. इनको रिफिल कराने की ड्यू डेट मार्च में ही निकल चुकी है. बावजूद इसके निगम प्रशासन के किसी आला अधिकारी ने इसपर ध्यान देना उचित नहीं समझा.

इस संबंध में निगम कमिश्नर से पूछा गया तो उन्होंने फायर इक्वीपमेंट को अपडेट कराए जाने की बात कही. जबकि फायर समिति के चेयरमैन ने इसे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही करार दिया. निगम प्रशासन की एक ही दिन में दो कारगुजारी देखने को मिली. जहां एक ओर उनके दौरे में महज औपचारिकता निभाई गई. वहीं दूसरी ओर निगम परिसर में लगे एक्सपायर्ड फायर फाइटिंग इक्वीपमेंट्स ने निगम प्रशासन की जागरूकता पोल खोल कर रख दी.

जयपुर. गहलोत सरकार के आदेश के बाद निगम की सतर्कता और फायर टीम का यह दौरा खानापूर्ति नजर आया. बता दें कि सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद जयपुर नगर निगम प्रशासन भी जागा है और शहर के कोचिंग सेंटर्स का जायजा लिया जा रहा है. लेकिन इस दौरान किसी कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं मिली तो किसी में फायर फाइटिंग सिस्टम एक्सपायर मिले.

सूरत हादसे के बाद राजधानी में निगम की सतर्कता और फायर टीम का दौरा खानापूर्ति नजर आया

लेकिन निगम कमिश्नर ने इसे एक सर्वे बता कर निकट भविष्य में उनपर कार्रवाई किए जाने की बात कही. निगम की सतर्कता और फायर टीम के इस दौरे में जितनी खानापूर्ति नजर आई, लगभग इतनी ही खानापूर्ति निगम परिसर में लगे फायर फाइटिंग इक्वीपमेंट में भी दिखी. यहां लगे तमाम फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर मिले. इनको रिफिल कराने की ड्यू डेट मार्च में ही निकल चुकी है. बावजूद इसके निगम प्रशासन के किसी आला अधिकारी ने इसपर ध्यान देना उचित नहीं समझा.

इस संबंध में निगम कमिश्नर से पूछा गया तो उन्होंने फायर इक्वीपमेंट को अपडेट कराए जाने की बात कही. जबकि फायर समिति के चेयरमैन ने इसे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही करार दिया. निगम प्रशासन की एक ही दिन में दो कारगुजारी देखने को मिली. जहां एक ओर उनके दौरे में महज औपचारिकता निभाई गई. वहीं दूसरी ओर निगम परिसर में लगे एक्सपायर्ड फायर फाइटिंग इक्वीपमेंट्स ने निगम प्रशासन की जागरूकता पोल खोल कर रख दी.

Intro:पूरे शहर में फायर इक्विपमेंट की जांच कर रही निगम की टीम को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है। दरअसल, नगर निगम मुख्यालय में लगे हुए तमाम फायर फाइटिंग इक्विपमेंट एक्सपायर हो चुके हैं। जिस पर निगम प्रशासन का ही ध्यान नहीं।


Body:सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद जयपुर नगर निगम प्रशासन भी जागा। और शहर के कोचिंग सेंटर्स का जायजा लेने पहुंचा। इस दौरान किसी कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं मिली। तो कहीं फायर फाइटिंग सिस्टम एक्सपायर मिले। जिस पर निगम प्रशासन की ओर से महज नोटिस थमा कर इतिश्री कर ली गई। जिस पर निगम कमिश्नर ने इसे एक सर्वे बता कर निकट भविष्य में उन पर कार्रवाई किए जाने की बात कही। निगम की सतर्कता और फायर टीम के इस दौरे में जितनी खानापूर्ति नजर आई, लगभग इतनी ही खानापूर्ति निगम परिसर में लगे फायर फाइटिंग इक्विपमेंट में भी दिखी। यहां लगे तमाम फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुके हैं। इनको रिफिल कराने की ड्यू डेट मार्च में ही निकल चुकी है। बावजूद इसके निगम प्रशासन के किसी आला अधिकारी ने इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझा। इस संबंध में निगम कमिश्नर से पूछा गया तो उन्होंने फायर इक्विपमेंट को अपडेट कराए जाने की बात कही। जबकि फायर समिति के चेयरमैन ने इसे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही करार दिया। बाईट - विजय पाल सिंह, आयुक्त नगर निगम बाईट - भगवत सिंह देवल, चेयरमैन फायर समिति


Conclusion:निगम प्रशासन की एक ही दिन में दो कारगुजारी देखने को मिली। जहां एक और उनके दौरे में महज औपचारिकता निभाई गई। वहीं दूसरी ओर निगम परिसर में लगे एक्सपायर्ड फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स ने निगम प्रशासन की जागरूकता पोल खोल कर रख दी।
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