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युवती का रिलेशनशिप से इनकार, HC ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को मनगढ़ंत बताते हुए किया खारिज

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई (hearing on habeas corpus petition) करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट (rajasthan high court) ने याचिका को मनगढ़ंत कहानी मानते हुए खारिज कर दिया है. कोर्ट में पेशी के दौरान युवती ने बयान दिया कि वह किसी के साथ रिलेशनशिप (relationship) में नहीं है और अपनी मर्जी से अपने परिजन के साथ रहती है.

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HC ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को मनगढ़ंत बताते हुए किया खारिज
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Published : Jun 12, 2021, 8:20 AM IST

जोधपुर. युवक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (hearing on habeas corpus petition) पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट (rajasthan high court) ने याचिका को मनगढ़ंत कहानी मानते हुए खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट में हनुमानगढ़ के एक युवक ने एक युवती से रिलेशनशिप (relationship) और युवती के परिजन की ओर से युवती को बंधक बनाने से जुड़ी याचिका दायर की थी. इसके बाद कोर्ट ने युवती के बयान के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया है.

पढ़ेंः डॉक्टर दंपती हत्याकांड और सांसद रंजीता कोली पर हमले के आरोपियों पर 5-5 हजार रुपए का इनाम घोषित

हनुमानगढ़ के याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए बताया था कि वह एक युवती के साथ रिलेशनशिप में रहता है, लेकिन युवती के परिजनों ने उसे जबरन बंधक बना रखा है. इस पर उच्च न्यायालय ने पिछले आदेश में युवती को कोर्ट में पेश होने के निर्देश जारी किये थे.

शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष युवती कोर्ट में पेश हुई. उसने न्यायालय को बताया कि न तो वह युवक के साथ रिलेशनशिप में रही है और न ही किसी ने बंधक बनाया है. वह अपने माता पिता के साथ अपनी मर्जी से रह रही है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में 10 RAS अफसरों का तबादला, पांच को APO किया गया

न्यायालय ने सुनवाई के बाद युवक की पूरी कहानी को मनगढ़ंत और झूठी मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया. वहीं युवक की ओर से जमा करवाये गये 50 हजार रुपये को युवती ने लेने से इनकार कर दिया, तो न्यायालय ने 25 हजार रुपये पुलिस कल्याण कोष (Police Welfare Fund) और 25 हजार रुपये राज्य विधिक प्राधिकरण (rajasthan state legal authority) में जमा करने के निर्देश जारी किये. वहीं युवती को उसके परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचाने के निर्देश दिये हैं.

जोधपुर. युवक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (hearing on habeas corpus petition) पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट (rajasthan high court) ने याचिका को मनगढ़ंत कहानी मानते हुए खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट में हनुमानगढ़ के एक युवक ने एक युवती से रिलेशनशिप (relationship) और युवती के परिजन की ओर से युवती को बंधक बनाने से जुड़ी याचिका दायर की थी. इसके बाद कोर्ट ने युवती के बयान के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया है.

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हनुमानगढ़ के याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए बताया था कि वह एक युवती के साथ रिलेशनशिप में रहता है, लेकिन युवती के परिजनों ने उसे जबरन बंधक बना रखा है. इस पर उच्च न्यायालय ने पिछले आदेश में युवती को कोर्ट में पेश होने के निर्देश जारी किये थे.

शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष युवती कोर्ट में पेश हुई. उसने न्यायालय को बताया कि न तो वह युवक के साथ रिलेशनशिप में रही है और न ही किसी ने बंधक बनाया है. वह अपने माता पिता के साथ अपनी मर्जी से रह रही है.

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न्यायालय ने सुनवाई के बाद युवक की पूरी कहानी को मनगढ़ंत और झूठी मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया. वहीं युवक की ओर से जमा करवाये गये 50 हजार रुपये को युवती ने लेने से इनकार कर दिया, तो न्यायालय ने 25 हजार रुपये पुलिस कल्याण कोष (Police Welfare Fund) और 25 हजार रुपये राज्य विधिक प्राधिकरण (rajasthan state legal authority) में जमा करने के निर्देश जारी किये. वहीं युवती को उसके परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचाने के निर्देश दिये हैं.

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