अलवर. जिले के मेवात इलाके में सबसे ज्यादा गौ तस्करी की घटनाएं होती है. हालांकि पुलिस की ओर से गौ रक्षक चौकियां भी बनाई गई हैं, लेकिन बढ़ती गौ तस्करी की घटनाओं को अगर देखें तो यह गौ रक्षक चौकियां नाकाम साबित हो रही है. क्योंकि गो तस्करों ने नए-नए रास्ते खोज निकाले हैं और अब तो हालात ये हैं कि गौ तस्कर पुलिस पर सीधे फायरिंग करते नजर आते हैं.
बता दें कि पिछले एक माह में ही आधा दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी है, जिसमें पुलिस और गौ तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई है. इस दौरान कई बार नाकाबंदी भी तोड़ी गई है. साथ ही सर्दी के मौसम में गौ तस्करी की घटनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसे में पुलिस अधीक्षक ने गौ तस्करी के संभावित इलाकों की थाना पुलिस को गश्त तेज करने और अपना नेटवर्क पुख्ता करने और सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
छोटे रूटों पर गश्त व्यवस्था तेज
रामगढ़ के थाना प्रभारी भरत महर ने बताया कि गौ तस्करी को रोकने को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. रात्रि गश्त को दुरुस्त और तेज किया गया है और छोटे रूटों पर गश्त व्यवस्था तेज की गई है. इसके अलावा गौ रक्षक चौकियों पर रात्रि में पुलिस जाब्ता बढ़ाया गया है.
पुलिस अधीक्षक द्वारा मोबाइल हाईवे- 3 एक गाड़ी उपलब्ध कराई गई है जो गोविंदगढ़, बड़ौदामेव और रामगढ़ के हाईवे पर गश्त करेगी और संदिग्ध वाहन या गौ तस्करी के संभावित वाहनों की जांच करेगी. इसके अलावा गांव-गांव जाकर लोगों की समझाइश की जा रही है कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे या गौ तस्करी कर ले जा रहे लोगों के साथ मारपीट नहीं करें और पुलिस को तुरंत सूचना दें. जिससे पुलिस अपना काम कर सके.
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अलावड़ा गौ रक्षक चौकी के प्रभारी झम्मन लाल मीणा ने बताया कि चारों तरफ नाके लगाए गए हैं और गौ तस्करी के वाहनों को रोकने के लिए स्पेशल पट्टे बनवाए गए हैं. कील लगे पट्टे होने के कारण यह वाहन जब उन से होकर गुजरता है तो वहीं पंचर हो जाता है. लेकिन अब देखना यह है कि सर्दी के बीच बढ़ती गौ तस्करों की घटनाओं पर पुलिस द्वारा किए गए दावे कितने कामयाब होते हैं.