कामां (भरतपुर). पंचायत समिति एवं सांड घर की भूमि में ऑनलाइन परिवर्तन के बाद भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जंग में एसडीएम विनोद कुमार मीणा की प्रेस वार्ता के बाद विराम लग गया है. एसडीएम विनोद मीणा ने तहसीलदार चतरूमल मीणा की जांच रिपोर्ट के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा किया है.
उपखंड अधिकारी विनोद कुमार मीणा द्वारा सोमवार दोपहर बाद की गई प्रेस वार्ता में खुलासा करते हुए बताया गया कि कामां पंचायत समिति के नाम दर्ज भूमि के ऑनलाइन रिकॉर्ड में भूमि की किस्म में त्रुटि के शुद्धीकरण के लिए विकास अधिकारी केके जैमन द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया था. प्रार्थना पत्र की जांच कामां तहसीलदार से करा कर जांच रिपोर्ट प्राप्त कर ली गई. तहसीलदार कामां की जांच रिपोर्ट अनुसार वर्तमान में काम में लिए जा रहे ऑफलाइन रिकॉर्ड में पंचायत समिति के नाम दर्ज भूमि में कोई त्रुटि नहीं है. हाल ही में कामां तहसील को ऑनलाइन किया गया है और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर अथवा लिपिकीय भूल के कारण ऑनलाइन रिकॉर्ड में भूमि की किस्म में त्रुटि हो गई थी.
यह भी पढ़ें- वैक्सीन को लेकर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी, CM गहलोत ने केंद्र पर लगाया ये आरोप
साथ ही राज्य सरकार के नाम दर्ज सिवायचक भूमि की किस्म सांड घर में भी त्रुटि हो गई थी, जिसे तहसीलदार कामां द्वारा एक दो दिन में शुद्ध करा दिया जाएगा. एसडीएम की प्रेस वार्ता के बाद किए गए खुलासे ने भाजपा और कांग्रेस द्वारा चल रही बयानबाजी पर भी विराम लगा दिया है. भाजपा द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते किस्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया गया था, जो जांच रिपोर्ट के बाद आरोप-प्रत्यारोप के दौर पर विराम लग गया है.
उल्लेखनीय है कि कामां पंचायत समिति के विकास अधिकारी द्वारा उपखंड अधिकारी विनोद मीणा को एक प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया गया था कि पंचायत समिति की भूमि के 5 खसरा नंबर हैं, जिनमें चार नंबरों पर तो पंचायत समिति के भवन बने हुए हैं और एक खसरा नंबर पर सांड घर दर्ज है, जो ऑनलाइन गलत दर्ज हो गया है, जिसका शुद्धिकरण किया जाने का प्रार्थना पत्र दिया था.