जयपुर. राजस्थान में शिक्षा विभाग ने इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में आज बुधवार को हुई बैठक में इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
साल 2019-20 से संचालित इस योजना में कक्षा 8, 10 और 12 की तीनों संकायों की परीक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और निशक्तजन समेत 8 वर्गा में जिले में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को पुरस्कार राशि दी जाती है. कक्षा 8 की बालिका को 40 हजार रुपए, कक्षा 10 की बालिका को 75 हजार और कक्षा 12 की बालिका को 1 लाख रुपए की राशि पुरस्कार में दी जाती है. अब इस योजना का लाभ व्यवसायिक शिक्षा की बालिकाओं को भी मिलेगा. इससे हर साल कक्षा 10 और 12 की 16 बालिकाएं लाभान्वित होंगी. इस योजना में हर साल 20 लाख रुपए खर्च होंगे.
इसके साथ ही मूक बधिर व नेत्रहीन बालिकाओं तथा विशेषयोग्यता वाली बालिकाओं के लिए संचालित सबलता पुरस्कार योजना की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है. इन योजनाओं के तहत कक्षा 9 से 12 में अध्यनरत दिव्यांग बालिकाओं को हर साल 2 हजार रुपए की सहायता दी जाती है. अब इस योजना में कक्षा 1 से 8 तक की दिव्यांग बालिकाओं को शामिल करते हुए दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता हर साल दी जाएगी. जबकि कक्षा 9 से 12 तक की दिव्यांग छात्राओं की सहायता राशि 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए की गई है.
इसके साथ ही प्री डीईएलईडी परीक्षा 2021 के लिए पंजीयक शिक्षा विभागीय परिक्षाएं, राजस्थान, बीकानेर को नोडल एजेंसी बनाने का फैसला भी लिया गया है.