श्रीगंगानगर. जीवनदायिनी कही जाने वाली राजस्थान की गंगनहर और आइजीएनपी नहरों में पंजाब की ओर से पिछले लंबे समय से छोड़ा जा रहा दूषित और केमिकल युक्त पानी एक बार फिर दिखाई दिया है. पंजाब स्थित हरिके बेराज (harike barrage) से राजस्थान आने वाली नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है. वह औद्योगिक फैक्ट्रियों का अपशिष्ट, मलमूत्र और जहरीला पानी है. यह दूषित पानी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के आठ जिलों में पेयजल के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
इसके बार में रमजान अली चोपदार ने कहा कि एनजीटी (NGT) की ओर से गठित कमेटी के चेयरमैन सरदार जसबीर सिंह और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) के अध्यक्ष एसएस मारवाह को अवगत करवाया गया है कि यह पानी हमारे पीने के काम आ रहा है और राजस्थान के करीब 8 जिलों के लोग इस पानी को पीकर बीमार हो रहे हैं.
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चोपदार ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सरदार एसएस मारवाह को याद दिलवाया कि आपने 31 मार्च तक एसटीपी निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी इस दिशा में प्रभावी कदम के अभाव में हमारी पीढ़ियां गम्भीर बीमारी में जकड़ी जा रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह से भी मुलाकात करेंगे.