अलवर. भिवाड़ी में तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है. इसका प्रमाण एक बार फिर से मिला है. विश्व में प्रदूषण की हाल ही में आई IQ Air Visual 2018 की रैंकिंग के हिसाब से भिवाड़ी सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें स्थान पर है. तो वहीं प्रदूषित शहरों में सबसे ज्यादा भारत के शहर शामिल हैं. इस रैंकिंग में गुड़गांव में पहले स्थान, गाजियाबाद दूसरे स्थान व चौथे स्थान पर फरीदाबाद है.
भिवाड़ी में 3 गुना से भी ज्यादा प्रदूषण का स्तर
प्रदूषण के चलते अलवर का भिवाड़ी हमेशा चर्चाओं में रहा है. प्रदेश व एनसीआर का औद्योगिक हब के रूप में जाने वाला भिवाड़ी अब प्रदूषण के लिए बदनाम होने लगा है. आमतौर पर भिवाड़ी में पर्टिकुलेट मैटर (Particulate Matter) 10 की मात्र 300 से 400 यूसी से अधिक रहता है. जबकि सामान्य तौर पर PM 10 की मात्रा 100 यूसी होनी चाहिए. ऐसे में साफ है कि प्रदूषण का स्तर भिवाड़ी में 3 गुना से भी ज्यादा है.
कुछ समय पहले तो हालत ज्यादा खराब होने पर भिवाड़ी नगर परिषद को शहर में पानी का छिड़काव करना पड़ा था. वहीं केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भिवाड़ी की बड़ी औद्योगिक इकाइयों व ईंट भट्ठों, बड़ी निर्माणाधीन साइट सहित कई अन्य कामों को बंद कराया गया. उसके बाद प्रदूषण के स्तर में कुछ सुधार हुआ. लेकिन एक बार फिर से भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है.
विश्व के सबसे प्रदूषित 20 शहरों की लिस्ट
विश्व की सबसे प्रदूषित शहरों की एक सूची जारी की गई है. इस सूची में सबसे अधिक भारत के देश शामिल है. पहले स्थान पर गुरुग्राम, दूसरे स्थान पर गाजियाबाद, तीसरे स्थान पर पाकिस्तान का फैसलाबाद, चौथे स्थान पर इंडिया का फरीदाबाद, भिवाड़ी, नोएडा व सातवें स्थान पर पटना है. तो वह आठवें स्थान पर चाइना का हॉटन शहर है. तो वहीं नौवें स्थान पर भारत का लखनऊ, दसवीं स्थान पर पाकिस्तान का लाहौर, 11वें स्थान पर भारत का दिल्ली, जोधपुर, मुजफ्फरपुर, वाराणसी, मुरादाबाद और 16 स्थान पर आगरा है. 17वें स्थान पर बांग्लादेश का ढाका शहर है. 18वें स्थान पर भारत का गया, 19वें स्थान पर चाइना का काशगर और 20वें स्थान पर भारत का जींद शहर शामिल हैं.
सरकार का नहीं इस पर कोई ध्यान
भिवाड़ी में बढ़ रहे प्रदूषण से वहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोग को सांस लेने में परेशानी होती है. तो वहीं उनके त्वचा व आंखों संबंधित परेशानी भी बढ़ने लगी है. केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट की ओर से कई बार राजस्थान सरकार को भिवाड़ी व अलवर में प्रदूषण का स्तर कम करने के निर्देश दिए गए. लेकिन उसके बाद भी सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है. औद्योगिक इकाइयां खुलेआम प्रदूषण फैला रही हैं. लेकिन, प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड खानापूर्ति करने में लगा हुआ है. ऐसे में इसका नुकसान आम जनता यानी हमको उठाना पड़ रहा है.