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झुंझुनूं : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा - पॉक्सो एक्ट में सजा

झुंझुनूं में पोक्सो एक्ट में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई गई है. विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के तहत सुनाया गया.

दुष्कर्म के आरोपी को पोक्सो एक्ट में 7 साल की सजा
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Published : May 30, 2019, 5:51 PM IST

झुंझुनूं. निर्माण कार्य पर मजदूरी के दौरान ताबीज देकर नाबालिग को बहलाने फुसलाने और उसके बाद दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है. इस मामले में पीड़िता ने बुहाना थाने में पीड़िता ने 25 जून 2015 को रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि निर्माण कार्य में साथ में मजदूरी पर कार्य करने वाले कुलदीप ने उसे डराने के लिए एक ताबीज दिया. इसके बाद मोबाइल पर फोन कर शारीरिक संबंध बनाने के लिए धमकाने लगा.

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को पोक्सो एक्ट में 7 साल की सजा

पानी पिलाने के बहाने बुलाया और किया दुष्कर्म
बाद में 5 जुलाई की रात को मोबाइल से बात कर उसे पानी लाने को कहा. वह पानी पिलाने गई तो वहां कुलदीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं दूसरे दिन उसके एक अन्य पड़ोसी धर्मेंद्र ने धमकी दी कि उसे यह पता है कि तुमने कुलदीप के साथ संबंध बनाए हैं. इस बात पर धमकाकर धर्मेंद्र ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में 15 गवाहों ने बयान दिए थे.

धर्मेंद्र को मिला संदेह का लाभ
इस पूरे प्रकरण में न्यायालय ने कुलदीप को 7 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही एक हजार रुपए का अर्थदंड भी दिया. वहीं दूसरे अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया. यह निर्णय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के तहत सुनाया गया.

झुंझुनूं. निर्माण कार्य पर मजदूरी के दौरान ताबीज देकर नाबालिग को बहलाने फुसलाने और उसके बाद दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है. इस मामले में पीड़िता ने बुहाना थाने में पीड़िता ने 25 जून 2015 को रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि निर्माण कार्य में साथ में मजदूरी पर कार्य करने वाले कुलदीप ने उसे डराने के लिए एक ताबीज दिया. इसके बाद मोबाइल पर फोन कर शारीरिक संबंध बनाने के लिए धमकाने लगा.

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को पोक्सो एक्ट में 7 साल की सजा

पानी पिलाने के बहाने बुलाया और किया दुष्कर्म
बाद में 5 जुलाई की रात को मोबाइल से बात कर उसे पानी लाने को कहा. वह पानी पिलाने गई तो वहां कुलदीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं दूसरे दिन उसके एक अन्य पड़ोसी धर्मेंद्र ने धमकी दी कि उसे यह पता है कि तुमने कुलदीप के साथ संबंध बनाए हैं. इस बात पर धमकाकर धर्मेंद्र ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में 15 गवाहों ने बयान दिए थे.

धर्मेंद्र को मिला संदेह का लाभ
इस पूरे प्रकरण में न्यायालय ने कुलदीप को 7 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही एक हजार रुपए का अर्थदंड भी दिया. वहीं दूसरे अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया. यह निर्णय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के तहत सुनाया गया.

Intro:झुंझुनू। निर्माण कार्य पर मजदूरी के दौरान ताबीज देकर नाबालिग को बहलाने फुसलाने तथा उसके बाद रेप के मामले में न्यायालय ने 7 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई है। एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है। इस मामले में पीड़िता ने बुहाना थाने में पीड़िता ने 25 जून 2015 को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि निर्माण कार्य में साथ में मजदूरी पर कार्य करने वाले कुलदीप ने उसे डराने के लिए एक ताबीज दिया। इसके बाद मोबाइल पर फोन कर शारीरिक संबंध बनाने के लिए धमकाने लगा।


Body:पानी पिलाने के बहाने बुलाया

बाद में 5 जुलाई की रात को मोबाइल से बात कर उसे पानी लाने को कहा ।वह पानी पिलाने गई तो वहां कुलदीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया। वही दूसरे दिन उसके एक अन्य पड़ोसी धर्मेंद्र ने धमकी दी कि उसे यह पता है कि तुमने कुलदीप के साथ संबंध बनाए हैं । इस बात पर धमकाकर धर्मेंद्र ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में 15 गवाहों ने बयान दिए थे।


Conclusion:धर्मेंद्र को मिला संदेह का लाभ
इस पूरे प्रकरण में न्यायालय ने कुलदीप को 7 साल की सजा सुनाई ,इसके साथ ही ₹1000 का अर्थदंड भी दिया। वहीं दूसरे अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया। यह निर्णय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के तहत सुनाया गया।
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