पुरुलिया : पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले के लिए जा रहे उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं की गुरुवार शाम भीड़ ने पिटाई कर दी. इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में यह घटना हुई. लोगों ने साधुओं को अपहरणकर्ता होने के संदेह होने पर उन्हें घेर लिया और उनकी पिटाई कर दी.
इस मामले में पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों को अदालत के समक्ष पेश किया गया है. बताया जा रहा है कि ये साधु एक कीराये की गाड़ी में गंगासागर जा रहे थे. उनके साथ गाड़ी में एक व्यक्ति अपने दो बच्चों के साथ था. पुरुलिया जिले में एक जगह वह रास्ता पूछने के लिए रूके. साधुओं ने तीन किशोर लड़कियों से कुछ कहा जिसके बाद लड़कियां चिल्लाकर भागने लगी. स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि ये साधु नहीं बल्कि कोई अपहरणकर्ता हैं. जिसके बाद भीड़ जमा हो गयी और साधुओं से साथ मारपीट की गई.
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Absolutely shocking incident reported from Purulia in West Bengal. In a Palghar kind lynching, sadhus traveling to Gangasagar for Makar Sankranti, were stripped and beaten by criminals, affiliated with the ruling TMC.
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 12, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
In Mamata Banerjee’s regime, a terrorist like Shahjahan Sheikh… pic.twitter.com/DsdsAXz1Ys
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— Amit Malviya (@amitmalviya) January 12, 2024
In Mamata Banerjee’s regime, a terrorist like Shahjahan Sheikh… pic.twitter.com/DsdsAXz1YsAbsolutely shocking incident reported from Purulia in West Bengal. In a Palghar kind lynching, sadhus traveling to Gangasagar for Makar Sankranti, were stripped and beaten by criminals, affiliated with the ruling TMC.
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घटनास्थल पर बनाये गये एक वीडियो में भीड़ को पुलिस वाहन में तोड़फोड़ करते हुए भी दिखाया गया है. मामला बढ़ने पर स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप किया और साधुओं को बचाया और काशीपुर पुलिस स्टेशन ले गई. घटना पर टिप्पणी करते हुए पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच जारी है.
पुलिस ने यह भी कहा कि हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. पुलिस ने यह भी कहा कि साधु रास्ता भटक गए थे और दो लड़कियों के साथ रास्ता पक्का करने के लिए रुके थे. उन्होंने बताया कि लड़कियां डर गईं और भाग गईं, जिससे स्थानीय लोगों ने अनुमान लगाया कि साधुओं ने लड़कियों को परेशान किया होगा.
उन्होंने कहा कि बाद में साधुओं के लिए गंगासागर मेले में परिवहन की व्यवस्था की गई. पुरुलिया के सांसद और भाजपा के प्रदेश महासचिव ज्योतिर्मय सिंह महतो ने संतों को बचाकर गंगासागर भेजने की व्यवस्था की. इस बीच, पश्चिम बंगाल बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए घटना की निंदा की. पार्टी ने एक्स पर पोस्ट किया कि ममता बनर्जी को अपनी चुप्पी पर शर्म आनी चाहिए! क्या ये हिंदू साधु आपकी स्वीकार्यता के लायक नहीं हैं? यह अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है.
इस घटना की तुलना 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग से करते हुए भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने लिखा कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बिल्कुल चौंकाने वाली घटना सामने आई. मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा.
यह दावा करते हुए कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है, भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है. इस बीच, बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी हमले को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा.
2020 पालघर मॉब लिंचिंग : 16 अप्रैल, 2020 को, महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक निगरानी समूह ने कथित तौर पर बच्चों के अपहरणकर्ता और अंग निकालने वाले होने के संदेह में दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. साधु सूरत में एक अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. तभी पालघर के एक आदिवासी गांव गढ़चिंचल में ग्रामीणों के एक समूह ने उनके वाहन को रोका और उन पर पत्थरों, लकड़ियों और कुल्हाड़ियों से हमला किया. घटना के संबंध में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था.