भरतपुर. अपना घर आश्रम में सोमवार को 25 साल बाद दो भाइयों का फिल्मी कहानी की तरह मिलन हुआ. सालों पहले घर से निकले नन्हे के जीवित होने की खबर सुनकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. भाई दयाराम उन्हे खुशी-खुशी अपने साथ घर ले गए.
मृत समझ कर रहे थे श्राद्ध : बड़े भाई दयाराम ने बताया कि उनके छोटे भाई उत्तर प्रदेश के जाजलपुर निवासी नन्हे मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से करीब 25 साल पहले घर से निकल गए थे. उस समय नन्हे की उम्र 27 वर्ष थी. परिजनों ने उन्हें कई साल तक कई शहरों में ढूंढा, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला. थक-हार कर परिजनों ने उन्हें मृत समझ लिया और हर वर्ष श्राद्ध भी करते रहे. नन्हे के घर से निकलने के बाद माता-पिता और एक भाई का देहांत हो गया.
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नन्हे को गुजरात से किया रेस्क्यू : अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि 31 जुलाई 2021 को अपना घर आश्रम की टीम ने गुजरात के उमता जिले से नन्हे प्रभुजी को रेस्क्यू किया. नन्हे को उपचार के लिए बझेरा स्थित अपना घर आश्रम लाया गया. यहां बीते करीब तीन साल से उनका उपचार चल रहा था. आश्रम में सेवा और उपचार के चलते नन्हे प्रभु जी का स्वास्थ्य बेहतर होने लगा. आश्रम की पुनर्वास टीम ने उनकी काउंसलिंग की और धीरे-धीरे वो अपने परिवार के बारे में बताने लगे.
ऐसे मिले परिजन : डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि पुनर्वास टीम ने उत्तर प्रदेश के जाजलपुर के प्रधान के पास फोन करके नन्हे के जीवित होने की सूचना दी. प्रधान ने उनके परिजनों की इसकी जानकारी दी, जिसके बाद आश्रम की टीम ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी फोटो परिजनों को दिखाई गई. परिजनों ने उन्हें पहचान कर पुष्टि की. सोमवार को नन्हे प्रभु जी के बड़े भाई दयाराम उन्हें लेने के लिए बझेरा स्थित अपना घर आश्रम पहुंचे. दयाराम ने जैसे ही अपने छोटे भाई को देखा तो भावुक हो गए और देर तक गले मिलकर रोते रहे. दयाराम अपने भाई नन्हे को खुशी खुशी घर लेकर रवाना हुए.