उदयपुर. इरादे नेक हों और हौसले बुलंद हों तो सफलता कदम चूमती है. कुछ ऐसा ही कर (World smallest FIFA World Cup made in Udaipur) दिखाया है झीलों की नगरी उदयपुर के निवासी इकबाल सक्का ने. सक्का ने स्वर्ण शिल्पकारी के दम पर दुनिया में अपने हुनर का डंका बजाया है. स्वर्ण शिल्पकार इकबाल ने अब तक 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया है. वहीं, अब इकबाल ने एक बार फिर एक नायाब चीज बनाई है, जिसका वास्ता भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से है. दरअसल, इकबाल ने विश्व का सबसे छोटा सोने का फीफा वर्ल्ड कप ( Iqbal Sakka made world smallest FIFA World Cup) बनाया है. यह इतना छोटा है कि इसे देखने के लिए लेंस का प्रयोग करना पड़ रहा है. इस ट्रॉफी की साइज करीब एक मिलीमीटर बताई जा रही है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इकबाल ने बताया कि कतर की मेजबानी में खेले जा रहे फीफा विश्व कप पर सबकी निगाहें हैं. हालांकि, इसमें भारत की टीम भले ही हिस्सा न ले रही हो, बावजूद इसके आज भारत समेत पूरी दुनिया भर के देशों की निगाहें फीफा वर्ल्ड कप पर है. सक्का ने कहा कि उनकी इच्छा है कि जो भी टीम कतर में वर्ल्ड कप जीते उसको उनके द्वारा निर्मित दुनिया का सबसे छोटा ट्रॉफी भी दिया जाए. इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है.
एक मिलीमीटर की ट्रॉफी: सक्का ने बताया कि उन्होंने जो वर्ल्ड कप बनाया है, उसकी साइज एक मिलीमीटर है. जिसे सोने से बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यह ट्रॉफी इतना छोटा है कि इसे लेंस की मदद से देखा जा सकता है. विश्व के सबसे छोटी सोने से बनी यह ट्रॉफी महज एक मिलीमीटर की है. जो हूबहू वास्तविक टॉफी जैसी दिखती है. टॉफी के साथ सक्का ने 0.01 मिलीमीटर साइज का फुटबॉल भी बनाया है, जो सूक्ष्मदर्शी लेंस से ही देखा जा सकता है.
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इकबाल ने बताया कि यह भारत की 12 नंबर की सुई के छेद से आसानी से निकल जाता है. सक्का ने आगे बताया कि इसे बनाने में 2 से 3 दिन का समय लगा, लेकिन इसे बनाना आसान नहीं था. उन्होंने बताया कि साइज छोटी होने के कारण बहुत दिक्कतें पेश आई. खैर इसके निर्माण के बाद जब सोने का वेट किया गया तो आश्चर्य हुआ कि सोने को तोड़ने वाली मशीन भी इसका वेट नहीं बता पाई.
वर्ल्ड कप ट्रॉफी बनाने का कारण: इकबाल ने बताया कि आज भले ही पूरी दुनिया कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप को देखने में मशगूल है, लेकिन उन्हें दुख है कि इस प्रतियोगिता में उनका देश शामिल नहीं है. असल में इकबाल पूरे देश में अपने स्वर्ण की सूक्ष्म कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने बेतहरीन सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार की हैं, जिन्हें बनाने में उन्होंने दिन-रात एक कर दिए और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं. इकबाल बताते हैं कि बचपन में वे अखबार में स्वर्ण शिल्पकारी के बारे में पढ़ते थे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्वर्ण शिल्पकारी के रिकॉर्ड अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के नाम थे. तभी से इकबाल चाहते थे कि इस क्षेत्र में भारत का नाम सबसे ऊंचा हो. ऐसे में वो इस काम में जुट गए और आज उनके हुनर की दुनिया कायल है.
सक्का ने बनाई कई सूक्ष्म कलाकृतियां: इकबाल इतनी सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार करते हैं कि उन्हें लेंस से देखना पड़ता है. अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के लिए भी उन्होंने तीन सूक्ष्म कलाकृतियों का निर्माण किया था. जिनमें सोने की ईंट, घंटा और दो खड़ाऊ शामिल हैं. इकबाल ने विश्व की सबसे छोटी सोने-चांदी की पुस्तक भी बनाई है. पुस्तक में अरबी में अल्लाह, संस्कृत में ओम, ईसाई धर्म का क्रॉस, सिख धर्म का खण्डा उत्कीर्ण किया गया है. यह पुस्तक 64 पृष्ठों की है. इसके अलावा उन्होंने इस स्वतंत्रता दिवस पर महज 0.5 मिलीमीटर का तिरंगा झंडा भी बनाया था.
अपने नाम किए 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड: इकबाल सबसे कम वजन की सबसे छोटी सोने की चेन बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने विश्व की सबसे छोटी चाय की केतली भी बनाई थी. साथ ही सबसे छोटा स्वर्ण स्टम्प बना चुके हैं. इसी तरह अब तक इकबाल 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड अमेजिंग विश्व रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हैं.