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तमिलनाडु सरकार ने RSS को पथ संचलन की इजाजत नहीं दी, अदालत पहुंचा संघ

तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu govt) ने आरएसएस (RSS) को दो अक्टूबर को पथ संचलन की अनुमति देने से मना कर दिया है. वहीं संघ ने इसको लेकर मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) का रुख किया है.

denies permission for RSS route march
RSS को पथ संचलन की इजाजत नहीं
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Published : Sep 29, 2022, 10:47 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य में दो अक्टूबर को पथ संचलन की अनुमति देने से मना कर दिया और उसी दिन विदुथलाई चिरुथाईगल कात्ची (VCK) द्वारा जवाबी प्रदर्शन की योजना के लिए भी मंजूरी नहीं दी. संघ ने गृह सचिव सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) का रुख किया. इससे एक दिन पहले उसने मामले पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था.

संघ द्वारा गांधी जयंती (दो अक्टूबर) पर पथ संचलन करने के विरोध में कुछ समूहों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की बात कही गई थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए उसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. संघ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार ने उसे अपनी योजना पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा था.

उन्होंने कहा, 'हमारा मार्च शांतिपूर्ण है और मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने पहले ही इसके लिए अनुमति दे दी है. हम इस मुद्दे पर कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे.' द्रमुक सरकार ने वीसीके, भाकपा और माकपा को भी दो अक्टूबर को एक मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से मना कर दिया है. संघ ने बाद में मद्रास उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर की, जिसमें तमिलनाडु के गृह सचिव फणींद्र रेड्डी और पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू को अदालत के 22 सितंबर के आदेश को लागू नहीं करने के लिए दंडित करने की मांग की गई. अदालत ने उन्हें संघ की स्थानीय इकाइयों को पथ संचलन और बाद में रविवार को एक जनसभा करने की इजाजत देने को कहा था. यह अर्जी कल न्यायमूर्ति जी के इलांथिरैयन के समक्ष पेश की जाएगी.

न्यायाधीश ने संघ के वकील बी राबू मनोहर को अवमानना याचिका दायर करने की अनुमति दी. इससे पहले मनोहर ने इस आशय का उल्लेख किया था. न्यायाधीश ने कहा कि अगर यह सुनवाई के लिए आती है और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं तो वह कल इस पर सुनवाई करेंगे. तदनुसार, मनोहर ने बाद में दिन में याचिका दायर की. इसमें रेड्डी, डीजीपी शैलेंद्र बाबू और तिरुवल्लूर जिले के एसपी पाकेरला सेफस कल्याण को तिरुवल्लूर संघ इकाई के संयुक्त सचिव कक्कलूर के आर कार्तिकेयन द्वारा दायर रिट याचिका पर 22 सितंबर के आदेश की अवमानना ​​के लिए दंडित करने की मांग की.

इस बीच, वीसीके नेता और लोकसभा सांसद थोल थिरुमावलन ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर उच्च न्यायालय के 22 सितंबर के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें आरएसएस के आयोजनों को मंजूरी देने की बात कही गई थी. इस याचिका के शुक्रवार को सुनवाई के लिए आने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य में दो अक्टूबर को पथ संचलन की अनुमति देने से मना कर दिया और उसी दिन विदुथलाई चिरुथाईगल कात्ची (VCK) द्वारा जवाबी प्रदर्शन की योजना के लिए भी मंजूरी नहीं दी. संघ ने गृह सचिव सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) का रुख किया. इससे एक दिन पहले उसने मामले पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था.

संघ द्वारा गांधी जयंती (दो अक्टूबर) पर पथ संचलन करने के विरोध में कुछ समूहों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की बात कही गई थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए उसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. संघ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार ने उसे अपनी योजना पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा था.

उन्होंने कहा, 'हमारा मार्च शांतिपूर्ण है और मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने पहले ही इसके लिए अनुमति दे दी है. हम इस मुद्दे पर कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे.' द्रमुक सरकार ने वीसीके, भाकपा और माकपा को भी दो अक्टूबर को एक मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से मना कर दिया है. संघ ने बाद में मद्रास उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर की, जिसमें तमिलनाडु के गृह सचिव फणींद्र रेड्डी और पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू को अदालत के 22 सितंबर के आदेश को लागू नहीं करने के लिए दंडित करने की मांग की गई. अदालत ने उन्हें संघ की स्थानीय इकाइयों को पथ संचलन और बाद में रविवार को एक जनसभा करने की इजाजत देने को कहा था. यह अर्जी कल न्यायमूर्ति जी के इलांथिरैयन के समक्ष पेश की जाएगी.

न्यायाधीश ने संघ के वकील बी राबू मनोहर को अवमानना याचिका दायर करने की अनुमति दी. इससे पहले मनोहर ने इस आशय का उल्लेख किया था. न्यायाधीश ने कहा कि अगर यह सुनवाई के लिए आती है और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं तो वह कल इस पर सुनवाई करेंगे. तदनुसार, मनोहर ने बाद में दिन में याचिका दायर की. इसमें रेड्डी, डीजीपी शैलेंद्र बाबू और तिरुवल्लूर जिले के एसपी पाकेरला सेफस कल्याण को तिरुवल्लूर संघ इकाई के संयुक्त सचिव कक्कलूर के आर कार्तिकेयन द्वारा दायर रिट याचिका पर 22 सितंबर के आदेश की अवमानना ​​के लिए दंडित करने की मांग की.

इस बीच, वीसीके नेता और लोकसभा सांसद थोल थिरुमावलन ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर उच्च न्यायालय के 22 सितंबर के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें आरएसएस के आयोजनों को मंजूरी देने की बात कही गई थी. इस याचिका के शुक्रवार को सुनवाई के लिए आने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

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