नई दिल्ली : हाल ही में समाप्त हुए भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के ज्यूरी सदस्यों में शामिल एकमात्र भारतीय सुदीप्तो सेन ने शनिवार को कहा कि इजराइली फिल्म निर्माता नादव लापिड द्वारा 'द कश्मीर फाइल्स' के बारे में की गई टिप्पणी उनकी व्यक्तिगत राय थी. तीन अन्य ज्यूरी सदस्य भी लापिड के बचाव में आगे आए. इनमें अमेरिकी निर्माता जिन्को गोटोह, फ्रांसीसी फिल्म संपादक पास्कल चावांस और फ्रांसीसी लघु फिल्म निर्माता जेवियर एंगुलो बारटुरेन शामिल हैं.
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सेन ने कहा कि अब अगर कोई सार्वजनिक रूप से किसी एक फिल्म को चुनता है और कुछ ऐसा कहता है, जिसकी उम्मीद नहीं है, तो यह उसकी निजी भावना है. इसका ज्यूरी सदस्यों से कोई लेना-देना नहीं है. लापिड आईएफएफआई की अंतररराष्ट्रीय ज्यूरी के प्रमुख थे. उन्होंने नौ दिन चलने वाले इस फिल्म समारोह के अंतिम दिन आयोजित अवॉर्ड समारोह में 'द कश्मीर फाइल्स' को 'एक अश्लील और दुष्प्रचार फैलाने वाली फिल्म' करार दिया था.
(पीटीआई-भाषा)