जयपुर. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ जांच में देरी के मुद्दे पर एक दिन का अनशन किया. पायलट ने अपने अनशन के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच मिलीभगत के आरोप लगा, एक साथ उन दोनों नेताओं पर हमला किया है. जो राजस्थान की राजनीति के बीते 24 साल से सिरमौर बने बैठे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ तो सचिन पायलट की राजनीतिक रस्साकशी आम है. हर कांग्रेस कार्यकर्ता इस राजनीतिक द्वंद को जानता है लेकिन इस बार सचिन पायलट ने जो दांव खेला है उसमें पायलट ने केंद्र में वसुंधरा राजे को रख दिया और वसुंधरा राजे के ऊपर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए. ऐसा करके पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचाया है.
भाजपा में अंदरूनी चुनौतियां झेल रही वसुंधरा पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनकी भूमिका पर उठते सवाल :
बीते 4 साल से वसुंधरा राजे अपनी ही पार्टी में चुनौतियां का सामना कर रही है. हर बार लगता रहा कि वह उन चुनौतियों से पार पा लेगी, लेकिन इस बार सचिन पायलट ने जो आरोप लगाए गए हैं वे सीधे-सीधे भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मिलीभगत होने से जुड़े हैं. ऐसे में पायलट के सवालों ने अपनी सरकार के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. ऐसे में जहां प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को बनाए जाने के बाद राजस्थान में अब वसुंधरा राजे के हाथ चुनाव अभियान समिति की बागडोर देने की बात चल रही थी उसमें निश्चित तौर पर झटका लगेगा. इसमें कोई आश्चर्य नही होगा जब भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे को कोई जिम्मेदारी ही न दे.
पायलट के आरोपों पर भाजपा के नेता कहते दिखे पहले क्यों नहीं उठाया लेकिन किसी ने नहीं किया इंकार :
सचिन पायलट ने जब राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो भाजपा के नेताओं ने इसे कांग्रेस की आपसी लड़ाई करार दिया. साथ ही कहा कि सचिन पायलट जब उपमुख्यमंत्री थे तब उन्होंने ऐसा अनशन क्यों नहीं किया. लेकिन किसी भी भाजपा नेता ने वसुंधरा राजे को लेकर यह नहीं कहा कि वसुंधरा राजे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप झूठे हैं, यह झूठे आरोप लगाने के चलते पायलट के खिलाफ भाजपा विरोध प्रदर्शन करेगी. मतलब साफ है कि अनजाने में ही सही लेकिन सचिन पायलट ने जो मुद्दा उठाया उससे भाजपा की सेकंड लाइन काफी खुश है. साथ ही मान रही है कि इन आरोपों के बाद शायद वसुंधरा राजे का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा. यदि भाजपा सत्ता में आती है तब शायद सेकंड लाइन में से ही किसी नेता को मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिले.
ये आरोप लगाए पायलट ने वसुंधरा राजे पर जिन्हें नही नकारा किसी भाजपा नेता ने
1. साल 2014-15 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 45,000 करोड रुपए का खान घोटाला हुआ जिसकी जांच अब तक सीबीआई को नहीं सौंपी गई.
2. खुद मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासन काल में अवैध बजरी खनन करने वाले बजरी माफियाओं शराब और भूमाफिया के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए लेकिन अब तक कोई मामलों पर कार्रवाई नहीं हुई
3. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को देश से फरार कराने में वसुंधरा राजे पर सीधे-सीधे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. ललित मोदी के इमीग्रेशन दस्तावेजों पर भी वसुंधरा राजे गोपनीय गवाह बनी और यह शर्त भी रखी कि इसकी जानकारी किसी भी भारतीय एजेंसी को नहीं दी जानी चाहिए. इसी दौरान वसुंधरा राजे से संबंधित कंपनी के शेयर को ललित मोदी ने कई गुना कीमतों पर खरीदा लेकिन ऐसे गंभीर प्रकरण में भी राजस्थान सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
4. जयपुर स्टेट खासा कोठी से ईरानी कालीनो की चोरी का प्रकरण सुर्खियों में रहा. सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से इस पर मुकदमा दर्ज करवाई गई लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस की दो सरकार बनने के बाद अब तक जनता को यह बताने में विफल रहे कि वह कालीन आखिर गए कहां?