उदयपुर.आरपीएससी पेपर लीक मामले का मुख्य मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने सारण को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया और फिर उसे उदयपुर लेकर आई है. यहां आरपीएससी सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में उससे पूछताछ की जाएगी. भूपेंद्र सारण पर पीपली मामले में उदयपुर के दो अलग-अलग थानों में भी मामले दर्ज हैं. उदयपुर के हाथीपोल में आरपीएससी पेपर लीक के आरोपी भूपेंद्र सारण को लाया गया है. यहां पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड ले सकती है.
बेंगलुरु से एसओजी और पुलिस ने किया गिरफ्तार
गुरुवार को एसओजी और राजस्थान पुलिस की टीम ने जाल बिछाकर पेपर लीक के मुख्य मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. जिसे पुलिस बेंगलुरु से अपने साथ उदयपुर लेकर पहुंची है. जहां पुलिस के अधिकारी अब पेपर लीक के इस पूरे प्रकरण को लेकर भूपेंद्र सारण से पूछताछ करेंगे. एसपी जोधपुर ग्रामीण धर्मेन्द्र सिंह यादव की सूचना पर एसओजी-एटीएस के अधिकारियों ने यह कार्रवाई को गुरुवार शाम को अंजाम दी थी. एसओजी ने पिछले छह दिनों से बेंगलुरु में कैंप कर फरार आरोपी के बारे में जानकारी एकत्रित कर गुरुवार को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
पुलिस ने किया था इनाम घोषित...
पेपर लीक का मुख्य मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा था. इसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया था लेकिन लगातार अपनी जगह बदलने के कारण यह पुलिस से बचता रहा. भूपेंद्र पर 1 लाख रुपए का इनाम घोषित था. आरोपी के मूवमेन्ट के बारे में पुख्ता जानकारी मिली जिसके आधार पर फरार आरोपी को बेंगलुरु एयरपोर्ट से पकड़ने में सहायता मिली. उदयपुर जिले के पुलिस दल को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया था.
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पेपर लीक के बाद भागता रहा भूपेंद्र...
पेपर लीक केस के बाद आरोपी भूपेंद्र सारण इस दौरान कुछ दिन दिल्ली रुकने के बाद अहमदाबाद भाग गया. काफी दिनों तक अहमदाबाद में फरारी काटने के बाद जालौर, बीकानेर, बाड़मेर, अजमेर में अपने रिश्तेदारों के यहां पर भी रहा. हालांकि अभी भी पुलिस की गिरफ्त से इस पेपर लीक मामले का एक और मुख्य मास्टरमाइंड सुरेश ढाका फरार है. सुरेश ढाका को लेकर पुलिस भूपेंद्र सारण से पूछताछ करेगी. बताया जा रहा है कि दोनों पेपर लीक के बाद साथ में फरार हुए थे.
SP बोले न्यायालय में पेशी के बाद रिमांड
पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि भूपेंद्र सारण को न्यायालय में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया जाएगा. इसके बाद मामले में उससे विस्तार से पूछताछ की जाएगी. एसपी शर्मा ने कहा कि भूपेंद्र के पकड़ में आने के साथ ही पेपर कहां से लीक हुआ इसके बारे में पुख्ता जानकारी मिल पाएगी. उससे फरार चल रहे आरोपी सुरेश ढाका के बारे में भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
पुलिस ने भूपेंद्र सारण का थाने से कोर्ट तक निकाला जुलूस : आरपीएससी पेपर लीक मामले के मुख्य मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण का हाथीपोल थाना पुलिस ने पहले मेडिकल करवाया. उसके बाद पुलिस के आला अधिकारी भूपेंद्र सारण का हाथीपोल थाने से पैदल जुलूस निकालते हुए उसे कोट लेकर पहुंचे. इस दौरान पुलिस के अधिकारी भूपेंद्र सारण का हाथ पकड़े हुए थे. उदयपुर पुलिस द्वारा आरोपी को पैदल परेड कराने के पीछे जनता को मैसेज देना है कि बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा होता है, क्योंकि इस मास्टरमाइंड की वजह से लाखों बच्चों को अपने एग्जाम सेंटर से बिना परीक्षा दिए ही वापस लौटना पड़ा था.
न्यायालय में किया गया पेश : इस दौरान आरोपी को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां पुलिस की ओर से आरोपी के खिलाफ रिमांड मांगी गई है. जिसे लेकर जज ने आरोपी को 27 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा है. अब पुलिस इस मामले के मास्टरमाइंड से पूरे मामले का राज उगलवाएगी. पुलिस इस मामले में फरार चल रहे सुरेश ढाका को लेकर भी पूछताछ करेगी.
जोधपुर पुलिस को मिला इनपुटः वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण 24 दिसंबर 2022 को पेपर लीक के बाद भूमिगत हो गया. पुलिस आरोपी की तलाश में अलग-अलग टीमें गठित कर जांच कर रही थी. लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. आरोपी लगातार राजस्थान के जालोर,बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, अजमेर के अलावा दिल्ली में भी काफी समय तक इसने अपने रिश्तेदारों के यहां फरारी काटी. इतना ही नहीं गुजरात के अहमदाबाद में कुछ दिनों तक वह अपने रिश्तेदारों के यहां रुका. इसके बाद भूपेंद्र बेंगलुरु चला गया. फिलहाल पुलिस उन ठिकानों की भी तलाश करी है, जहां उसने लंबे समय तक फरारी काटी है.
बला टालने के लिए हवन करवाना चाहता थाः जोधपुर पुलिस के अनुसार भूपेंद्र सारण पीपर लीक के बाद जोधपुर और जालोर में कुछ अपने रिश्तेदारों से कांटेक्ट में था. आरपीएससी पेपर लीक मामले चारों तरफ से घिर चुके भूपेंद्र सारण ने इस बला से टालने के लिए अपने रिश्तेदार के यहां हवन करवाना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. जोधपुर पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव को भूपेंद्र सारण को लेकर विशेष इनपुट मिले थे. जिसके बाद राजस्थान एसओजी और पुलिस ने बेंगलुरु में 6 दिन तक डेरा डाला. भूपेंद्र सारण से जुड़ी हुई हर छोटी-बड़ी गतिविधियों को बड़ी नजदीक से देखते रहे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि जोधपुर से बेंगलुरु हवन की सामग्री लेने के लिए भूपेंद्र सारण की जगह कोई दूसरा व्यक्ति पहुंचा. जिसे पुलिस ने पकड़ कर उससे पूरी पूछताछ की तो उसने पूरा राज उगल दिया. पुलिस द्वारा पकड़े गए युवक ने बताया कि भूपेंद्र सारण अहमदाबाद से बेंगलुरु आ रहा है, जिसके बाद राजस्थान एसओजी और पुलिस की टीम बेंगलुरु रवाना हुई. बेंगलुरु एयरपोर्ट पर फ्लाइट से जैसे ही भूपेंद्र उतरा पुलिस ने घेरा बनाकर उसे दबोच लिया. जानकारी में सामने आया कि बेंगलुरु में भूपेंद्र अपने किसी रिश्तेदार के यहां हवन करवाना चाहता था, जिससे उसे राजस्थान पुलिस और अन्य एजेंसी से छुटकारा मिल सके. ट्रेन के द्वारा ही हवन के लिए देसी घी और सामग्री भेजी गई थी.
40 लाख में पेपर खरीदा थाः आरपीएससी पेपर लीक मामले में भूपेंद्र सारण ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है.मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने एक सरकारी टीचर से 40 लाख रुपए में पेपर खरीदा था. पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए रिमांड नोट में सरकारी टीचर शेर सिंह मीणा का जिक्र किया गया है.जिसने भूपेंद्र सारण को पेपर उपलब्ध करवाया था. सूत्रों के मुताबिक
शेर सिंह मीणा ने भूपेंद्र सारण को 40 लाख रुपए में पेपर बेचा था. भूपेंद्र सारण ने सुरेश ढाका को और फिर सुरेश ढाका ने सुरेश विश्नोई को पेपर दिया. सुरेश विश्नोई ने अभ्यर्थियों से पांच -पांच लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था.
पूरा मामला: दरअसल 24 दिसंबर 2022 को चलती बस में पेपर लीक प्रकरण सामने आया था. उदयपुर के बेकरिया थाना क्षेत्र में एक बस पकड़ी गई थी जिसमें राजस्थान सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के करीब 46 अभ्यर्थी सवार थे. बेकरिया थाना इलाके में पकड़ी गई इस बस में सवार कुछ अभ्यर्थियों के पास इस भर्ती परीक्षा के पेपर मिले थे. अभ्यर्थियों के पास से मिले GK पेपर को भर्ती परीक्षा के पेपर से मिलाया गया तो दोनों में काफी हद तक समानता मिली. इस पूरे मामले की जानकारी आरपीएससी के अधिकारियों को दी गई. इसके बाद परीक्षा निरस्त कर दी गई. आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण में कुल 46 अभ्यर्थियों समेत 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.