जोधपुर. जेएनवीयू के पुराना परिसर में हुए बहुचर्चित गैंगरेप की पुलिस ने जांच पूरी कर आज बुधवार को आरोपियों के विरुद्ध पोक्सो कोर्ट में चालान पेश कर दिया. आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने डिजिटल और जैविक साक्ष्यों को ही चालान में आरोपों का आधार बनाया है. आरोपी समंदर सिंह, भट्टम सिंह, धर्मपाल सिंह और सुरेश कुमार के खिलाफ पेश चालान में इस घटना का मुख्य गवाह पुलिस ने युवती के प्रेमी युवक को ही बनाया है. जिसके सामने तीनों दरिंदों ने उसकी इज्जत लूटी थी. इसके अलावा युवती के बयान इस चालान का आधार है.
महज दस दिन में जांच कर चालान पेश करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. खास बात यह है कि पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट भी हासिल कर ली. जिसमें आरोपियों के स्पर्म युवती के शरीर, कपड़े और घटना स्थल पर मिलने की पुष्टि हुई है. इस जैविक साक्ष्य से ही दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. इसके अलावा डिजिटल साक्ष्य के रूप में फोन की लोकेशन, सीसीटीवी फूटेज भी साक्ष्य के रूप में पेश किए गए हैं. एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया कि हमने कोर्ट से निवेदन किया कि जल्द इस मामले के ट्रायल शुरू की जाए. पीड़िता के लिए नीलकमल बोहरा को अधिवक्ता नियुक्त किया गया है.
करीब दो घंटे चला हैवानियत का खेल: आरोपी करीब रात ढाई से तीन बजे के बीच हॉकी मैदान में पहुंचे थे. करीब दो घंटे तक हैवानियत करते रहे. जहां युवक के साथ मारपीट कर उसे एक आरोपी ने पकड़ लिया. जबकि दो अन्य युवकों ने युवती पर काबू पाया और उसके कपड़े उतारे. उसके बाद बारी बारी से उस युवती के साथ दुष्कर्म किया. यह क्रम कई बार चला. हर बार एक आरोपी ने युवक को पकड़ कर रखा. वह युवती के साथ होती दरिंदगी देख रोता रहा, लेकिन दरिंदों का दिल नहीं पसीजा. उलटा उसे कहा कि तुझे पचास हजार रुपए दे देंगे चुप रहना. तब तक साढे चार बज गए थेे. उस दौरान जब पीड़ित युवक को दूर कोई व्यक्ति नजर आया तो वह हिम्मत जुटाकर हाथ छुडाकर वहां से भागा. वहां व्यक्ति को आता देख आरोपी युवती को छोड़कर मौके से फरार हो गए. जब व्यक्ति पहुंचा तो युवती आपतिजनक स्थिति में थी और फिर उसी व्यक्ति ने ही पुलिस को इसकी सूचना दी.
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विश्वास था कि घर से भागकर आए हैं बोलेंगे नहीं : आरोपियों को इस बात का विश्वास था कि दोनों घर से भागकर आए हैं, इसलिए बोलेंगे नहीं और चुपचाप चले जाएंगे. इसके चलते उन लोगों ने ऐसा घिनौना कृत्य किया, लेकिन जब घटना के बाद वहां से भागे तो डरने लगे थे. एक आरोपी ने ने कहा कि हमने गलत किया है पकड़े जाएंगे. दूसरे ने कहा कि चुप रहो और जोधपुर से बाहर चलते हैं, लेकिन पहले चाय पीते हैं. रातानाडा चौराहा के पास चाय पीने लग गए. इस बीच पुलिस सक्रिय हो चुकी थी. लोकेशन व सीसीटीवी सहित कई तथ्यों के आधार पर पुलिस ने उनकी पहचान कर ली. रातानाडा चौराहा पर पुलिस को देखते ही तीनों आरोपी गणेशपुरा की पहाडी तरफ भागे. परंतु पुलिस ने पीछा करके उन्हें पकड़ लिया. जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.
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सुरेश बदनीयती नहीं दिखाता तो नहीं होता गैंगरेप : 15 जुलाई की रात को जब युवक युवती अजमेर से जोधपुर पहुंचे तो पावटा स्थिति कृष्णा गेस्ट हाउस में जाकर कमरा मांगा. लेकिन नाबालिग होने की वजह से मैनेजर सुरेश ने दोनों को अलग अलग कमरा दिया. युवक को नीचे कमरा देकर उसके बाहर ताला लगा दिया था. रात करीब एक बजे शराब के नशे में सुरेश युवती के कमरे में बदनीयती से पानी की बोतल लेकर घुसा तो युवती ने लेने से मना कर दिया. दो तीन बार उसके कमरे की लाईट जलाई इस पर उसने (युवती) नाराजगी जताई. उसके बाद सुरेश ने सीधे उसे पकड़ लिया. तब युवती ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया तो सुरेश डर गया. फिर सुरेश ने कहा कि अभी के अभी बाहर निकलो. उस युवती को नीचे लाया और युवक के कमरे का ताला खोलकर उसे भी बाहर निकाल दिया. दोनों ने जो 1500 रुपए दिए थे उसे भी वापस नहीं लौटाए. रात सवा एक बजे दोनों पावटा बस स्टेंड के पास खाद बीज की दुकान के बाहर बैठ गए. जहां तीनों आरोपियों से उनकी मुलाकात हुई. सुरेश के खिलाफ पोक्सो और छेड़ छाड़ की धाराएं लगाई गई है.
पुलिस ने नहीं किया एबीवीपी का जिक्र : गैंगरेप के घटनाक्रम में डीसीपी ईस्ट ने आरोपियों के एबीवीपी के पक्ष में प्रचार करने के बयान को लेकर भारी हंगामा हुआ था. लेकिन पुलिस ने अपनी ओर से पेश किए गए चालान में कहीं पर भी एबीवीपी का जिक्र नहीं किया है. आरोपियों के बयान में बताया है कि वे एबीवीपी के अपेक्षित प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए आए थे. हालांकि यह बयान कोर्ट में स्वीकार्य नहीं होंगे. कोर्ट में जो बयान देंगे वही मान्य होंगे.