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कांग्रेस के सदस्यता अभियान से विधायक 'आउट', संगठन के नेताओं को जिम्मेदारी

कांग्रेस सदस्यता अभियान (Congress membership campaign) में विधायकों की सक्रियता नहीं दिखने के कारण उन्हें इससे दूर कर दिया गया है. अब अभियान का जिम्मा पूरी तरह से कांग्रेस संगठन के नेताओं को सौंप दिया गया है. ब्लॉक अध्यक्ष अब पार्टी में सदस्यों को जोड़ने के काम में लग गए हैं.

कांग्रेस के सदस्यता अभियान
कांग्रेस के सदस्यता अभियान
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Published : Apr 6, 2022, 9:34 PM IST

जयपुर : कांग्रेस सदस्यता अभियान (Congress membership campaign) 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया गया है, लेकिन सत्ताधारी दल होने के होने के बावजूद 31 मार्च तक सदस्यता अभियान में राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan congress membership campaign) काफी पिछड़ गया. ऐसे में प्रदेश सीएम के आवास पर हुई बैठक में ब्लाक अध्यक्षों की मांग पर विधायकों को अभियान से अलग कर दिया गया है और जिम्मा पूरी तरह से संगठन को सौंप दिया गया है.

सदस्यता अभियान में पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण यह माना गया है कि विधायकों ने अभियान को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है. बहरहाल अभियान की तारीख 15 अप्रैल तक बड़ा दी गई है और सदस्यता अभियान से विधायकों को दूर कर दिया गया है. इसका पूरा काम संगठन को सौंप दिया गया है. अभियान को सफल बनाने में अब संगठन के जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों को ही अधिकृत कर दिया गया है, जिसमें विधायकों का कोई इंटरफेयर नहीं रहेगा.

सदस्यता अभियान में विधायकों की बेरुखी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की ही नजर में थी. मुख्यमंत्री आवास पर हाल ही में ब्लॉक अध्यक्षों और संगठन के पदाधिकारियों के साथ अभियान को लेकर बैठक हुई थी. इसमें ब्लॉक अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री के सामने ही कह दिया था कि विधायक न तो सदस्यता अभियान में सक्रियता दिखा रहे हैं और न ही उन्हें सक्रियता निभाने दे रहे हैं. ऐसे में या तो यह काम विधायकों को दिया जाए या फिर संगठन के सुपुर्द किया जाए. ऐसे में अब मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सदस्यता अभियान को सफल बनाने और 15 अप्रैल तक ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने का जिम्मा ब्लॉक अध्यक्षों के माध्यम से संगठन को सौंप दिया है.

पढ़ें : दिल्ली में झारखंड कांग्रेस की बैठक, संगठन में जान फूंकने की तैयार की गई योजना

हालांकि, संगठन को सदस्यता अभियान का पूरा जिम्मा सौंप दिया गया है, लेकिन बड़े नेताओं की नाराजगी के बाद अब विधायकों ने भी अभियान में पूरी सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि अब विधायक खुद आगे बढ़कर सदस्यता अभियान को सफल बनाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि विधायकों को एक लंबा समय सदस्यता अभियान के लिए मिल चुका है, ऐसे में एक अप्रैल के बाद 15 अप्रैल तक जितने भी मेंबर बनेंगे वह संगठन के खाते में ही जाएंगे.

जयपुर : कांग्रेस सदस्यता अभियान (Congress membership campaign) 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया गया है, लेकिन सत्ताधारी दल होने के होने के बावजूद 31 मार्च तक सदस्यता अभियान में राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan congress membership campaign) काफी पिछड़ गया. ऐसे में प्रदेश सीएम के आवास पर हुई बैठक में ब्लाक अध्यक्षों की मांग पर विधायकों को अभियान से अलग कर दिया गया है और जिम्मा पूरी तरह से संगठन को सौंप दिया गया है.

सदस्यता अभियान में पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण यह माना गया है कि विधायकों ने अभियान को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है. बहरहाल अभियान की तारीख 15 अप्रैल तक बड़ा दी गई है और सदस्यता अभियान से विधायकों को दूर कर दिया गया है. इसका पूरा काम संगठन को सौंप दिया गया है. अभियान को सफल बनाने में अब संगठन के जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों को ही अधिकृत कर दिया गया है, जिसमें विधायकों का कोई इंटरफेयर नहीं रहेगा.

सदस्यता अभियान में विधायकों की बेरुखी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की ही नजर में थी. मुख्यमंत्री आवास पर हाल ही में ब्लॉक अध्यक्षों और संगठन के पदाधिकारियों के साथ अभियान को लेकर बैठक हुई थी. इसमें ब्लॉक अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री के सामने ही कह दिया था कि विधायक न तो सदस्यता अभियान में सक्रियता दिखा रहे हैं और न ही उन्हें सक्रियता निभाने दे रहे हैं. ऐसे में या तो यह काम विधायकों को दिया जाए या फिर संगठन के सुपुर्द किया जाए. ऐसे में अब मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सदस्यता अभियान को सफल बनाने और 15 अप्रैल तक ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने का जिम्मा ब्लॉक अध्यक्षों के माध्यम से संगठन को सौंप दिया है.

पढ़ें : दिल्ली में झारखंड कांग्रेस की बैठक, संगठन में जान फूंकने की तैयार की गई योजना

हालांकि, संगठन को सदस्यता अभियान का पूरा जिम्मा सौंप दिया गया है, लेकिन बड़े नेताओं की नाराजगी के बाद अब विधायकों ने भी अभियान में पूरी सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि अब विधायक खुद आगे बढ़कर सदस्यता अभियान को सफल बनाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि विधायकों को एक लंबा समय सदस्यता अभियान के लिए मिल चुका है, ऐसे में एक अप्रैल के बाद 15 अप्रैल तक जितने भी मेंबर बनेंगे वह संगठन के खाते में ही जाएंगे.

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