जयपुर. राजस्थान के शहरी और ग्रामीण लोगों को अब 125 दिन के मिनिमम इनकम का अधिकार मिलेगा. इसके साथ ही वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन , विधवा व एकल महिला को पेंशन के माध्यम से न्यूनतम आय का कानूनी अधिकार भी मिलेगा. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को गहलोत सरकार ने राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 को ध्वनिमत पास करवा लिया.
इस बिल के पास होने के बाद अब राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जो कि प्रदेश की जनता को मिनिमम इनकम की गारंटी कानूनी रूप से देने जा रहा है. न्यूनतम आय को लेकर प्रदेश में पहले से योजना लागू हो गई थी, लेकिन इसे अब कानूनी अमलीजामा पहनाया गया है. सदन में बिल आने के बाद प्रदेश के 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा.
क्या कहता है कानूनः इस बिल के अनुसार पात्र व्यक्तियों को शहरी क्षेत्रों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम के माध्यम से रोजगार मिलेगा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा. साथ ही वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा, एकल महिला को पेंशन के माध्यम से न्यूनतम आय की गारंटी दी गई है. इस कानून के दायरे में आने वालों की न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है. न्यूनतम आय की गारंटी का अधिकार राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के साथ-साथ वृद्धावस्था-विशेष योग्यजन, विधवा, एकल महिला के पात्र वर्गों के लिए होगी . इसके लिए गहलोत सरकार ने 2500 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान रखा है. इसे समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार बढ़ाया जा सकेगा.
बोर्ड का होगा गठनः संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के नागरिक को न्यूनतम आय गारंटी देने के लिए सरकार ये विधेयक लेकर आई है. ये बिल दो बिंदुओं पर आधारित है. पहली रोजगार की गारंटी और दूसरा सामाजिक सुरक्षा रोजगार गारंटी. रोजगार की गारंटी का जो बिंदु है, उसमे ग्रामीण क्षेत्रों में भारत सरकार मनरेगा गारंटी योजना के तहत 100 दिन का रोजगार दिया जाता है , उसमें 25 दिन अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है. वहीं, शहरी क्षेत्र में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से 125 दिन रोजगार देने का प्रावधान है. इस दोनों प्रावधान का लाभ मौजूदा वक्त में दिया जा रहा है, लेकिन अब इसको लेकर कानून लाया गया है कि अनिवार्य रूप से 125 दिन ग्रामीण और 125 दिन शहर क्षेत्र में रोजगार का अधिकार मिले. इसके अलावा दूसरे बिंदु में सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान किया गया है. जिसमें वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा, एकल महिला को पेंशन के माध्यम से न्यूनतम आय की गारंटी दी गई है. इसकी दो किस्तों में 15 फीसदी की हर साल वृद्धि की जाएगी . धारीवाल ने कहा कि नियमों के उपबंधों को नियमित रूप से मॉनिटर करने और उनका पुनर्विलोकन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड के गठन का प्रावधान है. सलाहकार बोर्ड में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वायत शासन विभाग, आयोजना विभाग और वित्त विभाग के प्रभारी शासन सचिव सदस्य होंगे.
आई वॉश वाला बिलः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकारें कई तरह की योजनाएं बनाती हैं. किसी योजना को चलाने के लिए सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर का सहारा लेना पड़े, इन्फ्लुएंसर के लिए कैटेगिरी बना कर गाइडलाइन निकाल, उनको पैसे बांटने चालू कर दिया. क्या उससे सरकार आ जाएगी ?. जन सम्मान कॉन्टेस्ट के नाम पर लाखों का इनाम दिया जा रहा है, यह सम्मान नहीं बल्कि अपमान है . उन्होंने कहा कि यह कानून केवल जनता की आई वॉश करने के लिए लाया जा रहा है. इस कानून के अंदर राजस्थान की खुशहाली का कोई निशान नहीं हैं. यह गारंटी नहीं यह सिर्फ आई वॉश है , लेकिन जब लोगों को गारंटी देने की बात आएगी तब यहीं कानून उल्टा पड़ेगा. इसलिए इसे जनमत जानने के लिए भेजा जाए.