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रॉबर्ट वाड्रा मामले में सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - राजस्थान हाईकोर्ट

बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर रॉबर्ट वा व उनकी मां पर चल रहे मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा (Court reserved verdict in Robert Vadra case) है.

Money laundering case against Robert Vadra, Hearing of Robert Vadra case in high Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Dec 21, 2022, 9:01 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की साझेदारी वाली स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी की याचिका पर बुधवार को आखिरकार सुनवाई पूरी होने के साथ फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा (Court reserved verdict in Robert Vadra case) गया.

जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की एकलपीठ में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी है. बचाव पक्ष की ओर से उनकी याचिका में जो मांग की गई है, उन पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया. उसके बाद बुधवार को बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने वाड्रा की पैरवी करते हुए पक्ष रखा. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में गुरुवार तक फैसला सुरक्षित रखा है.

पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा पर भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप - प्रियंका गांधी से सफाई देने की मांग की

बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 2 के तहत साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है. कोर्ट कंपनी के साझेदारों रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर पूर्व में रोक लगा चुका है. यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी व उनके सहयोगी सीनियर काउंसिल भानु प्रकाश बोहरा ने पक्ष रखा.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की साझेदारी वाली स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी की याचिका पर बुधवार को आखिरकार सुनवाई पूरी होने के साथ फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा (Court reserved verdict in Robert Vadra case) गया.

जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की एकलपीठ में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी है. बचाव पक्ष की ओर से उनकी याचिका में जो मांग की गई है, उन पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया. उसके बाद बुधवार को बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने वाड्रा की पैरवी करते हुए पक्ष रखा. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में गुरुवार तक फैसला सुरक्षित रखा है.

पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा पर भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप - प्रियंका गांधी से सफाई देने की मांग की

बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 2 के तहत साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है. कोर्ट कंपनी के साझेदारों रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर पूर्व में रोक लगा चुका है. यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी व उनके सहयोगी सीनियर काउंसिल भानु प्रकाश बोहरा ने पक्ष रखा.

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