जयपुर. राजस्थान में सरकार और पुलिस की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम दावों के बीच भीलवाड़ा के गंगापुर थाना क्षेत्र से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई. यहां गैंगरेप की शिकार महिला को सार्वजनिक सड़क पर निर्वस्त्र किया गया. वहीं, इस घटना के बाद अब राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है. एक तरफ विपक्ष महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था में फेल बताकर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है तो दूसरी ओर सरकार ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की दुहाई देकर विपक्ष पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाया. इधर, पुलिस भी आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी की बात कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
ऐसे मामलों में भी राजनीति - किसी न किसी बहाने से महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ कर पूरे समाज और प्रदेश को कुत्सित मानसिकता के लोगों ने शर्मसार किया है. मामला चाहे प्रतापगढ़ का हो, जहां गर्भवती महिला को पति और अन्य लोगों ने कपड़े उतारकर सबके सामने घुमाया हो या फिर उदयपुर के बेकरिया थाना इलाके में जहां विधवा महिला को निर्वस्त्र कर बेरहमी से उसकी पिटाई की गई. हालांकि, यह सही है कि ऐसे सभी मामलों में आरोपी पकड़े गए हैं, लेकिन कड़वा सच यह भी है कि तमाम प्रयासों के बावजूद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति थम नहीं रही है. इस बीच ऐसे सभी मामलों में राजनीति भी जमकर हुई. विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया तो सत्ता पक्ष ने विपक्ष को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी.
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परिचितों ने बनाया हवस का शिकार - ताजा मामला भीलवाड़ा जिले के गंगापुर थाना इलाके का है, जहां परिचित 25 साल की एक महिला को अपने साथ खंडहर में ले गया और वहां अपने साथी के साथ मिलकर उससे गैंगरेप किया. इन दरिंदों से बचने के लिए महिला बिना कपड़ों के ही वहां से भाग निकली और सड़क पर आकर लोगों से मदद की गुहार लगाई. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पहले कहा जा रहा था कि आरोपियों ने महिला का घर के बाहर से अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया, लेकिन बाद में बताया गया कि वारदात को अंजाम देने वाला एक आरोपी महिला का परिचित था. वह उसे अपने साथ खंडहर में ले गया था और दूसरे साथी के साथ मिलकर गैंगरेप किया.
पति ने गर्भवती पत्नी को सार्वजनिक किया निर्वस्त्र - इसी महीने प्रतापगढ़ में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया था, जहां नाता विवाद के चलते पति व ससुराल के लोगों ने गर्भवती महिला को निर्वस्त्र किया. उसे सबके सामने घुमाया और फिर उसका वीडियो बनाया. वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने महिला की पहचान कर मुकदमा दर्ज किया और पति सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले में चार नाबालिगों को भी निरुद्ध किया गया है. इस घटना को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया और जवाब तलब किया था.
विधवा महिला को रिश्तेदारों ने निर्वस्त्र कर पीटा - जुलाई माह में उदयपुर से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया था, जहां बेकरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में विधवा महिला के साथ रिश्तेदारों ने बर्बरता की. पुलिस के अनुसार विधवा महिला को निर्वस्त्र कर उसके साथ रिश्तेदारों ने मारपीट की. इस घटना में महिलाएं भी शामिल थीं, लेकिन किसी ने भी पुलिस से शिकायत नहीं की. इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस महिला तक पहुंची और मुकदमा दर्ज किया. मुख्य आरोपी सहित अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि प्रेम प्रसंग के चलते महिला से बर्बरता की गई.
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भीलवाड़ा का भट्टी कांड, बाड़मेर का थिनर कांड भी रहा चर्चा में - भीलवाड़ा के कोटड़ी इलाके में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप के बाद हत्या कर उसका शव कोयला बनाने वाली भट्टी में जलाने का मामला भी बीते दिनों चर्चा में रहा था. इस मामले में पुलिस ने छह पुरुष और तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है. जबकि एक किशोर और दो किशोरियां निरुद्ध की गई हैं. इसी तरह अप्रैल महीने में बाड़मेर के बालोतरा में एक महिला को पड़ोसी ने हवस का शिकार बनाया और उसके बाद थिनर डालकर उसे जिंदा जला दिया. जोधपुर में उपचार के बाद महिला ने दम तोड़ दिया था. जबकि जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में प्रेमी को बंधक बनाकर नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले में भी जमकर राजनीती हुई थी.
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े : पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में जुलाई तक महिला अत्याचार के 39,810 मामले प्रदेशभर के थानों में दर्ज हुए थे. जबकि साल 2022 में जुलाई तक 47,335 मामले थानों में दर्ज हुए हैं. बात अगर इस साल की करें तो जुलाई तक प्रदेशभर के थानों में महिला अत्याचार के 46,964 मुकदमें दर्ज हुए हैं. इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में इस साल 0.78 फीसदी मुकदमें ऐसी घटनाओं के कम दर्ज हुए हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम कर रही पुलिस - भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर ने कहा कि भीलवाड़ा में महिला निर्वस्त्र मिलती है. चूंकि टोंक में प्रियंका गांधी की सभा थी तो पुलिस ने मामले को झूठा बताया. बाद में आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही. पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि दुष्कर्म के 56 फीसदी मामले झूठे पाए जाते हैं. ऐसे बयानों के कारण इस तरह की वारदातें बढ़ रही हैं. प्रियंका गांधी लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देती हैं, लेकिन राजस्थान में ज्यादती की शिकार बच्चियों और महिलाओं के लिए उनके पास दो शब्द तक नहीं होते हैं.
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सचिन पायलट ने कही ये बात - राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जब भी कहीं कोई घटना हुई है. उस पर तुरंत कार्रवाई हुई है. जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अगर नाबालिग के साथ गलत हुआ तो पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है. घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं, लेकिन उसके तुरंत बाद हमने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए. बहरहाल, जो बाकि राज्यों में हो रहा है, उसे भी देखना पड़ेगा. चाहे उत्तर प्रदेश हो या फिर मध्य प्रदेश है. वहां पर अपराध का ग्राफ अधिक बढ़ा है, लेकिन आज चुनाव आ गए तो ये सब बातें याद आ रही हैं. भाजपा ने तो आपसी खिंचाव में ही 5 साल निकाल दिए. अब चुनाव आ गए तो रथों पर चढ़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं.
कड़ी सजा दिलवाने की दरकार, ताकि अपराधियों में हो भय - सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह का कहना है कि पहले प्रतापगढ़ और अब भीलवाड़ा में जिस तरह से महिला को निर्वस्त्र करने का मामला सामने आया है. ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं. आए दिन इस तरह के मामले सामने आने से प्रदेश की महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. हालांकि, सरकार के दावे हैं कि अपराधियों को पकड़ा जा रहा है. लेकिन ऐसे मामलों में अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की जरूरत है. ताकि अपराधियों में भय कायम हो. ऐसी घटनाओं से देश-विदेश में प्रदेश की छवि खराब होती है. यह राजनीती का मुद्दा नहीं होना चाहिए. बल्कि अपराधियों के खिलाफ कठोर से कठोर कदम उठाए जाने की दरकार है. महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करवाने की दरकार है.