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राजस्थान के चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को चेक बाउंस मामले में 1 साल की सजा, यह है मामला

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 29, 2023, 3:55 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 4:48 PM IST

राजस्थान के बहरोड जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंबर 3 ने चेक बाउंस होने के मामले में चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को 1 साल की सजा सुनाई है. वेद प्रकाश सोलंकी को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है.

Jail to Ved Prakash Solanki
Jail to Ved Prakash Solanki
वेद प्रकाश सोलंकी को 1 साल की सजा 1 साल की सजा

बहरोड. राजस्थान के बहरोड जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंबर 3 (एसीजेएम) ने चेक बाउंस के मामले में चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 55 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है. एसीजेएम नंबर 3 के न्यायाधीश निखिल सिंह ने यह फैसला 8 साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. विधायक सोलंकी को अपील करने के लिए एक महीने का समय मिलेगा.

यह है मामलाः पीड़ित पक्ष के एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 8 साल पहले वेद प्रकाश सोलंकी कोटपूतली-बहरोड जिले के बानसूर में प्रॉपर्टी का काम करते थे. इस दौरान शिक्षा विभाग से रिटायर्ड पीटीआई हुलमाना खुर्द निवासी मोहर सिंह यादव और वेद प्रकाश सोलंकी के बीच अच्छी जान पहचान थी. वेद प्रकाश सोलंकी ने पीटीआई को कहा था कि वह उसे बानसूर में सस्ती दर पर अच्छी लोकेशन में प्लॉट दिला देंगे. इसके लिए उन्होंने कई जगह उन्हें जमीन दिखाई. दोनों के बीच एक प्लॉट को लेकर सौदा तय हो गया.

पढ़ें. विधायक वेदप्रकाश सोलंकी पर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप, पीडित महिला ने दर्ज कराया मुकदमा

चेक दिया जो बाउंस हो गया : 20 जून 2015 को मोहर सिंह ने सोलंकी को प्लॉट के लिए 35 लाख रुपए दे दिए. काफी दिनों तक प्लॉट नहीं दिलाने पर मोहर सिंह ने रुपए वापस लौटने की बात कही. इस पर सोलंकी ने 10 सितंबर 2015 को जयपुर के मानसरोवर स्थित एक्सिस बैंक का चेक दे दिया. चेक बाउंस होने पर मोहर सिंह ने सोलंकी से रुपए लौटाने और चेक बाउंस होने की बात कही. एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने बताया कि रुपए नहीं लौटाने पर पीड़ित ने 30 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज करवाया था. इसके बाद यह मामला कोर्ट में चला. मामला कोर्ट में पहुंचने के आठ महीने के बाद सोलंकी ने खुद के बचाव में 8 जुलाई 2016 को धोखाधड़ी से चेक हड़पने का मामला दर्ज कराया था.

मामले को बढ़ता देख 9 अक्टूबर 2019 को विधायक सोलंकी ने मोहर सिंह के साथ समझौता कर राजीनामा किया. स्टांप पेपर पर 24 लाख रुपए लौटाने पर समझौता हुआ था. यह स्टांप पेपर कोर्ट में भी पेश किया गया था. इसमें तीन महीने में सोलंकी की ओर से रुपए नहीं लौटाने पर कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की बात कही गई थी. समझौते के तीन महीने बाद सोलंकी ने मोहर सिंह को रुपए वापस नहीं लौटाए. इस पर मामले की सुनवाई करते हुए एसीजेएम नंबर 3 के न्यायाधीश निखिल सिंह ने विधायक वेद प्रकार सोलंकी को 1 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 55 लाख रुपए अर्थदंड लगाया है. बता दें कि वेद प्रकाश सोलंकी को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है और सियासी संकट के दौरान भी वेद प्रकाश सोलंकी ने सचिन पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलकर उनके साथ दिया था।

वेद प्रकाश सोलंकी को 1 साल की सजा 1 साल की सजा

बहरोड. राजस्थान के बहरोड जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंबर 3 (एसीजेएम) ने चेक बाउंस के मामले में चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 55 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है. एसीजेएम नंबर 3 के न्यायाधीश निखिल सिंह ने यह फैसला 8 साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. विधायक सोलंकी को अपील करने के लिए एक महीने का समय मिलेगा.

यह है मामलाः पीड़ित पक्ष के एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 8 साल पहले वेद प्रकाश सोलंकी कोटपूतली-बहरोड जिले के बानसूर में प्रॉपर्टी का काम करते थे. इस दौरान शिक्षा विभाग से रिटायर्ड पीटीआई हुलमाना खुर्द निवासी मोहर सिंह यादव और वेद प्रकाश सोलंकी के बीच अच्छी जान पहचान थी. वेद प्रकाश सोलंकी ने पीटीआई को कहा था कि वह उसे बानसूर में सस्ती दर पर अच्छी लोकेशन में प्लॉट दिला देंगे. इसके लिए उन्होंने कई जगह उन्हें जमीन दिखाई. दोनों के बीच एक प्लॉट को लेकर सौदा तय हो गया.

पढ़ें. विधायक वेदप्रकाश सोलंकी पर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप, पीडित महिला ने दर्ज कराया मुकदमा

चेक दिया जो बाउंस हो गया : 20 जून 2015 को मोहर सिंह ने सोलंकी को प्लॉट के लिए 35 लाख रुपए दे दिए. काफी दिनों तक प्लॉट नहीं दिलाने पर मोहर सिंह ने रुपए वापस लौटने की बात कही. इस पर सोलंकी ने 10 सितंबर 2015 को जयपुर के मानसरोवर स्थित एक्सिस बैंक का चेक दे दिया. चेक बाउंस होने पर मोहर सिंह ने सोलंकी से रुपए लौटाने और चेक बाउंस होने की बात कही. एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने बताया कि रुपए नहीं लौटाने पर पीड़ित ने 30 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज करवाया था. इसके बाद यह मामला कोर्ट में चला. मामला कोर्ट में पहुंचने के आठ महीने के बाद सोलंकी ने खुद के बचाव में 8 जुलाई 2016 को धोखाधड़ी से चेक हड़पने का मामला दर्ज कराया था.

मामले को बढ़ता देख 9 अक्टूबर 2019 को विधायक सोलंकी ने मोहर सिंह के साथ समझौता कर राजीनामा किया. स्टांप पेपर पर 24 लाख रुपए लौटाने पर समझौता हुआ था. यह स्टांप पेपर कोर्ट में भी पेश किया गया था. इसमें तीन महीने में सोलंकी की ओर से रुपए नहीं लौटाने पर कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की बात कही गई थी. समझौते के तीन महीने बाद सोलंकी ने मोहर सिंह को रुपए वापस नहीं लौटाए. इस पर मामले की सुनवाई करते हुए एसीजेएम नंबर 3 के न्यायाधीश निखिल सिंह ने विधायक वेद प्रकार सोलंकी को 1 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 55 लाख रुपए अर्थदंड लगाया है. बता दें कि वेद प्रकाश सोलंकी को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है और सियासी संकट के दौरान भी वेद प्रकाश सोलंकी ने सचिन पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलकर उनके साथ दिया था।

Last Updated : Nov 29, 2023, 4:48 PM IST
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