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राजस्थान जमीन नीलामी संशोधन विधेयक पर CMO और राजभवन में रार

कृषि भूमि नीलामी के संबंध में संशोधन विधेयक को लेकर (Rajasthan Raj Bhawan on Roda Act Amendment bill) राजभवन और सीएमओ आमने-सामने हैं. राजभवन की ओर से रोडा एक्ट में संशोधन विधेयक राजभवन नहीं आने की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक विधानसभा में पास कर राज्यपाल के पास भेजा था, जो अभी तक राजभवन में विचाराधीन है.

Raj Bhavan and CMO face to face on land auction amendment bill
जमीन नीलामी संशोधन विधयेक पर राजभवन और CMO आमने-सामने
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Published : Jan 24, 2022, 7:40 PM IST

Updated : Jan 24, 2022, 10:56 PM IST

जयपुर : राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी का मामला (Land Auction in Rajasthan) लगातार गरमाता जा रहा है. अब जमीन नीलामी संशोधन विधेयक को लेकर राजभवन और सीएमओ आमने-सामने हैं. इस मामले में राजभवन ने कहा कि उनके पास इससे संबंधित कोई विधेयक नहीं आया है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि राजभवन ने गलत जानकारी दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी जानकारी में कहा गया है कि दीवानी प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक राजभवन में अभी तक विचाराधीन है.

पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Gehlot on auction of farmers land) ने किसानों की जमीन नीलामी से जुड़े राजनीतिक विवाद के बीच एक ट्वीट किया था (auction of farmers land Rajasthan). जिसमें लिखा था कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक किसानों की जमीन नीलामी रोकने के लिए विधानसभा में रोडा एक्ट संशोधन विधेयक पास करके भेजा था लेकिन राज्यपाल की स्तर पर उसका अनुमोदन नहीं होने के कारण राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी की स्थितियां बनीं. इसी मामले में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजभवन का घेराव का ऐलान कर विरोध प्रदर्शन भी किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा था. अब राजभवन की ओर से यह स्पष्ट हो गया कि इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया गया, उसका कोई आधार नहीं है. मतलब इस प्रकार का कोई भी विधेयक पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से राजभवन में नहीं भेजा गया (Rajasthan Rajbhawan on Roda Act Amendment bill) .

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई. राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देने आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. दरअसल, राजभवन की ओर से पत्रकारों को सूचित किया गया है कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में रोडा एक्ट में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि राजभवन की दी गई यह जानकारी सत्य नहीं है. सत्य यह है कि राजस्थान सरकार ने (CMO on Raj Bhawan Clarification about Roda Act Amendment Bill) 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) के परन्तुक में संशोधन किया था. जिससे 5 एकड़ जमीन पर KCC ऋण लेने पर कुर्क और नीलामी पर रोक लगाई गई, लेकिन यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है.

ये भी पढ़ें - 'शुभेंदु को रोके जाने पर भड़के गवर्नर', मुख्य सचिव से सात दिनों के अंदर मांगा जवाब

क्या है विवाद...

बता दें कि हाल ही में अलवर और दौसा सहित कई जिलों में किसानों की ओर से बैंकों के ऋण नहीं चुकाए जाने पर जमीन नीलामी की खबरें (Farmers Land Auction Case in Alwar) सामने आईं थीं. इसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने जमीन नीलामी पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह भी आग्रह किया था कि जमीन नीलामी पर रोक को लेकर संशोधन विधेयक को विधानसभा में सरकार लेकर आई थी, वह उनके पास विचाराधीन है, उसे केंद्र में भेजे.

सीएम गहलोत ने कहा था कि इस बिल को अगर (Gehlot on auction of farmers land) समय पर केंद्र में भेज दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती कि किसानों की जमीन नीलामी होती. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बिल को विचाराधीन रखने पर उठाए गए सवालों पर राजभवन ने इस तरह के किसी भी बिल उनके पास होने की बात से इनकार किया है.

जयपुर : राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी का मामला (Land Auction in Rajasthan) लगातार गरमाता जा रहा है. अब जमीन नीलामी संशोधन विधेयक को लेकर राजभवन और सीएमओ आमने-सामने हैं. इस मामले में राजभवन ने कहा कि उनके पास इससे संबंधित कोई विधेयक नहीं आया है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि राजभवन ने गलत जानकारी दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी जानकारी में कहा गया है कि दीवानी प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक राजभवन में अभी तक विचाराधीन है.

पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Gehlot on auction of farmers land) ने किसानों की जमीन नीलामी से जुड़े राजनीतिक विवाद के बीच एक ट्वीट किया था (auction of farmers land Rajasthan). जिसमें लिखा था कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक किसानों की जमीन नीलामी रोकने के लिए विधानसभा में रोडा एक्ट संशोधन विधेयक पास करके भेजा था लेकिन राज्यपाल की स्तर पर उसका अनुमोदन नहीं होने के कारण राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी की स्थितियां बनीं. इसी मामले में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजभवन का घेराव का ऐलान कर विरोध प्रदर्शन भी किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा था. अब राजभवन की ओर से यह स्पष्ट हो गया कि इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया गया, उसका कोई आधार नहीं है. मतलब इस प्रकार का कोई भी विधेयक पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से राजभवन में नहीं भेजा गया (Rajasthan Rajbhawan on Roda Act Amendment bill) .

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई. राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देने आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. दरअसल, राजभवन की ओर से पत्रकारों को सूचित किया गया है कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में रोडा एक्ट में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि राजभवन की दी गई यह जानकारी सत्य नहीं है. सत्य यह है कि राजस्थान सरकार ने (CMO on Raj Bhawan Clarification about Roda Act Amendment Bill) 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) के परन्तुक में संशोधन किया था. जिससे 5 एकड़ जमीन पर KCC ऋण लेने पर कुर्क और नीलामी पर रोक लगाई गई, लेकिन यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है.

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क्या है विवाद...

बता दें कि हाल ही में अलवर और दौसा सहित कई जिलों में किसानों की ओर से बैंकों के ऋण नहीं चुकाए जाने पर जमीन नीलामी की खबरें (Farmers Land Auction Case in Alwar) सामने आईं थीं. इसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने जमीन नीलामी पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह भी आग्रह किया था कि जमीन नीलामी पर रोक को लेकर संशोधन विधेयक को विधानसभा में सरकार लेकर आई थी, वह उनके पास विचाराधीन है, उसे केंद्र में भेजे.

सीएम गहलोत ने कहा था कि इस बिल को अगर (Gehlot on auction of farmers land) समय पर केंद्र में भेज दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती कि किसानों की जमीन नीलामी होती. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बिल को विचाराधीन रखने पर उठाए गए सवालों पर राजभवन ने इस तरह के किसी भी बिल उनके पास होने की बात से इनकार किया है.

Last Updated : Jan 24, 2022, 10:56 PM IST
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