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PM Modi Rajasthan Visit : पीएम मोदी ने श्रीनाथजी मंदिर में की पूजा-अर्चना - Udaipur Latest news

उदयपुर के उत्तर-पूर्व में नाथद्वारा का मंदिर स्थित है. ये श्रीनाथजी का प्रमुख मंदिर है. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख पीठासीन देव श्रीनाथजी हैं. जिन्हें वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित वल्लभ संप्रदाय के तौर पर जाना जाता है. पीएम मोदी ने आज यहां पर पूजा-अर्चना की.

PM Modi Rajasthan Visit
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Published : May 10, 2023, 11:26 AM IST

Updated : May 10, 2023, 3:09 PM IST

उदयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के नाथद्वारा पहुंच गए हैं. पीएम ने यहां पर श्रीनाथजी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद पीएम मोदी ने राजस्थान में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ बीजेपी के पदाधिकारी मौजूद हैं. चलिए जानते हैं श्रीनाथजी मंदिर के बारे में सबकुछ.

पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 10.30 बजे हेलीकॉप्टर से नाथद्वारा पहुंचे, जहां हेलीपैड पर सीएम अशोक गहलोत और सीपी जोशी ने उनकी आगवानी की. इसके बाद मोदी सीधे श्रीनाथजी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीनाथजी की राजभोग झांकी के दर्शन किए. इसके बाद महाप्रभुजी की बैठक में उन्होंने दर्शन कर भेंट चढ़ाई. इस दौरान चिरंजीव विशाल बाबा ने माला, बीड़ा भेंट कर उनका स्वागत किया. साथ ही उपरना रजाई ओढ़ाकर व श्रीजी का प्रसाद भेंट किया. इस दौरान चिरंजीव विशाल बाबा ने उनकी रचित अडोरबल श्रीनाथजी पुस्तक व श्रीनाथजी की एक छवि भी उन्हें भेंट की. मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने श्रीनाथजी मंदिर से सभा स्थल तक रोड शो भी किया, जहां लोगों ने पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया. इस दौरान मोदी- मोदी के नारे गुंजायमान होते रहे.

  • #WATCH | People shower flower petals on PM Modi's car as he arrives in Rajasthan's Nathdwara

    PM will dedicate and lay the foundation stone of infrastructure projects worth over Rs 5,500 crores here. pic.twitter.com/mQIGrjJlKh

    — ANI (@ANI) May 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

श्रीनाथजी मंदिर को जानिए : उदयपुर के उत्तर-पूर्व में नाथद्वारा का मंदिर स्थित है. ये श्रीनाथजी का प्रमुख मंदिर है. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख पीठासीन देव श्रीनाथजी हैं. जिन्हें वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित वल्लभ संप्रदाय तौर पर जाना जाता है. राजस्थान में के उदयपुर में मौजूद नाथद्वारा को श्रीनाथजी मंदिर के नाम से जाना जाता है. वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि वल्लभाचार्य ने श्रीनाथजी का पहले गोपाल नाम रखा था. हालांकि, बाद में उनके बेटे विट्ठलनाथजी ने गोपाल नाम की जगह श्रीनाथजी रखा था. दरअसल, श्रीनाथजी श्रीकृष्ण भगवान के 7 साल की आयु अवस्था के रूप में हैं.

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Shrinathji Temple in Nathdwara, Rajasthan.

    He will dedicate and lay the foundation stone of infrastructure projects worth over Rs 5,500 crores here. pic.twitter.com/qcOPIee64M

    — ANI (@ANI) May 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : PM Modi Rajasthan Visit : पिछले साल का वादा निभाने आज आबू रोड आ रहे हैं पीएम मोदी, जानें ट्रैफिक एडवाइजरी

गोवर्धन पहाड़ी से उभरा था पहले चेहरा : वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि श्रीनाथजी के स्वरूप का हाथ, चेहरा पहले गोवर्धन पहाड़ी से उभरा था. इसके बाद स्थानीय निवासियों ने गोपाल देवता की पूजा शुरू की. उन्होंने बताया कि इन्हीं गोपाल देवता को बाद में श्रीनाथजी कहा गया है और इसी तरह माधवेन्द्र पुरी को गोवर्धन के पास गोपाल देवता की खोज की, जिसके लिए मान्यता दी जाती है. पुष्टिमार्ग साहित्य के अनुसार, श्रीनाथजी ने वल्लभाचार्य को हिंदू विक्रम संवत 1549 में दर्शन दिए और वल्लभाचार्य को निर्देश दिया था कि वह गोवर्धन पर्वत पर पूजा शुरू करें. वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि वल्लभाचार्य ने देवता की पूजा के लिए व्यवस्था की. पुष्टिमार्ग साहित्य के अनुसार, वल्लभाचार्य के बाद इसी परंपरा को उनके बेटे विठ्ठलनाथजी ने आगे बढ़ाया और जो निरतंर चल रहा है.

उदयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के नाथद्वारा पहुंच गए हैं. पीएम ने यहां पर श्रीनाथजी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद पीएम मोदी ने राजस्थान में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ बीजेपी के पदाधिकारी मौजूद हैं. चलिए जानते हैं श्रीनाथजी मंदिर के बारे में सबकुछ.

पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 10.30 बजे हेलीकॉप्टर से नाथद्वारा पहुंचे, जहां हेलीपैड पर सीएम अशोक गहलोत और सीपी जोशी ने उनकी आगवानी की. इसके बाद मोदी सीधे श्रीनाथजी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीनाथजी की राजभोग झांकी के दर्शन किए. इसके बाद महाप्रभुजी की बैठक में उन्होंने दर्शन कर भेंट चढ़ाई. इस दौरान चिरंजीव विशाल बाबा ने माला, बीड़ा भेंट कर उनका स्वागत किया. साथ ही उपरना रजाई ओढ़ाकर व श्रीजी का प्रसाद भेंट किया. इस दौरान चिरंजीव विशाल बाबा ने उनकी रचित अडोरबल श्रीनाथजी पुस्तक व श्रीनाथजी की एक छवि भी उन्हें भेंट की. मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने श्रीनाथजी मंदिर से सभा स्थल तक रोड शो भी किया, जहां लोगों ने पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया. इस दौरान मोदी- मोदी के नारे गुंजायमान होते रहे.

  • #WATCH | People shower flower petals on PM Modi's car as he arrives in Rajasthan's Nathdwara

    PM will dedicate and lay the foundation stone of infrastructure projects worth over Rs 5,500 crores here. pic.twitter.com/mQIGrjJlKh

    — ANI (@ANI) May 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

श्रीनाथजी मंदिर को जानिए : उदयपुर के उत्तर-पूर्व में नाथद्वारा का मंदिर स्थित है. ये श्रीनाथजी का प्रमुख मंदिर है. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख पीठासीन देव श्रीनाथजी हैं. जिन्हें वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित वल्लभ संप्रदाय तौर पर जाना जाता है. राजस्थान में के उदयपुर में मौजूद नाथद्वारा को श्रीनाथजी मंदिर के नाम से जाना जाता है. वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि वल्लभाचार्य ने श्रीनाथजी का पहले गोपाल नाम रखा था. हालांकि, बाद में उनके बेटे विट्ठलनाथजी ने गोपाल नाम की जगह श्रीनाथजी रखा था. दरअसल, श्रीनाथजी श्रीकृष्ण भगवान के 7 साल की आयु अवस्था के रूप में हैं.

  • #WATCH | Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Shrinathji Temple in Nathdwara, Rajasthan.

    He will dedicate and lay the foundation stone of infrastructure projects worth over Rs 5,500 crores here. pic.twitter.com/qcOPIee64M

    — ANI (@ANI) May 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : PM Modi Rajasthan Visit : पिछले साल का वादा निभाने आज आबू रोड आ रहे हैं पीएम मोदी, जानें ट्रैफिक एडवाइजरी

गोवर्धन पहाड़ी से उभरा था पहले चेहरा : वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि श्रीनाथजी के स्वरूप का हाथ, चेहरा पहले गोवर्धन पहाड़ी से उभरा था. इसके बाद स्थानीय निवासियों ने गोपाल देवता की पूजा शुरू की. उन्होंने बताया कि इन्हीं गोपाल देवता को बाद में श्रीनाथजी कहा गया है और इसी तरह माधवेन्द्र पुरी को गोवर्धन के पास गोपाल देवता की खोज की, जिसके लिए मान्यता दी जाती है. पुष्टिमार्ग साहित्य के अनुसार, श्रीनाथजी ने वल्लभाचार्य को हिंदू विक्रम संवत 1549 में दर्शन दिए और वल्लभाचार्य को निर्देश दिया था कि वह गोवर्धन पर्वत पर पूजा शुरू करें. वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बताते हैं कि वल्लभाचार्य ने देवता की पूजा के लिए व्यवस्था की. पुष्टिमार्ग साहित्य के अनुसार, वल्लभाचार्य के बाद इसी परंपरा को उनके बेटे विठ्ठलनाथजी ने आगे बढ़ाया और जो निरतंर चल रहा है.

Last Updated : May 10, 2023, 3:09 PM IST
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