नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक शुरू हो गई. बैठक से पहले मोदी और बाइडेन ने शुरुआती टिप्पणी में अपनी-अपनी स्थिति साफ तौर पर रखी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर रहा है और वह उम्मीद करते हैं कि रूस और यूक्रेन मिलकर जरूर कोई हल निकालेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. कुछ समय पहले तक वहां हमारे 20 हजार से अधिक छात्र फंसे हुए थे. एक छात्र की मृत्यु भी हो गई. इसके बावजूद हमने उन्हें वहां से निकाला. पीएम ने कहा कि हमने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, दोनों से शांति की अपील की. हमने सुझाव दिया कि दोनों नेता मिल बैठकर शांति से समस्या का हल निकालें. पीएम ने यह भी कहा कि यूक्रेन के बूचा शहर से निर्दोष नागरिकों के मौत की खबर बहुत ही दुखदायी है. हमने इसके लिए निष्पक्ष जांच की भी बात की है. पीएम मोदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फ़ोन पर बातचीत की. मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया. हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हम अपने डिप्लोमेटिक रिलेशन्स की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं. मुझे विश्वास है कि भारत की अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता एक अभिन्न अंग रहेगी.
इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आपसे मिलना हमेशा खुशी का विषय होता है. आपके 2 मंत्री और राजदूत यहां मौजूद हैं. हम वैश्विक संकटों, कोविड महामारी, स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियों पर मिलकर काम कर रहे हैं. रक्षा क्षेत्र में मज़दूत साझेदार हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लगातार परामर्श और संवाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को लगातार मज़बूत और घनिष्ठ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
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वहीं पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नेचुरल पार्टनर हैं और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है जिसकी शायद आज से एक दशक पहले भी कल्पना करना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि पिछले साल सिंतबर में जब मैं वांशिगटन आया था तब आपने कहा था कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है और मैं आपकी इस बात से पूर्णतया सहमत हूं.