कोटा. शहर के महावीर नगर विस्तार योजना इलाके में पैंथर का मूवमेंट हुआ और पैंथर ने 4 लोगों को हमला कर घायल भी कर दिया (Panther Attacks 4 In Kota). पैंथर एक मकान की छत से होता हुआ एक घर के किचन में जा छुपा था. इससे पहले वो 4 लोगों को जख्मी कर चुका था. पैंथर लोगों ने उस घर को बंद कर दिया था और पैंथर उसी में कैद था. बाहर की तरफ और आसपास की छतों पर तमाशबीन जुटने लगे, जिन्हें वहां से पुलिस हटाने में लगी रही.
दूसरी तरफ पैंथर आने की सूचना पर लाड़पुरा रेंज की पूरी वन मंडल टीम पहुंच गई . जिसमें रेंजर कुंदन सिंह वनपाल धर्मेंद्र चौधरी और हरेंद्र सिंह शामिल थे. रेस्क्यू करने अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद घर में कैद हुए पैंथर को रेस्क्यू किया गया.
घर में पैंथर कैद, बाहर बड़ी संख्या में लोग: जिस घर में पैंथर कैद था, उसके बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए. जिनके चलते पुलिस को भी भीड़ नियंत्रण करने में परेशानी हुई. मौके पर कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा, कांग्रेस के पार्षद अनुराग गौतम व शीला पाठक सहित कई लोग मौजूद थे.
शहर के नजदीक जंगल: कोटा शहर की सीमा से रावतभाटा इलाके में घना जंगल है. जिसमें बड़ी संख्या में पैंथर इर्द-गिर्द नजर आते हैं. वहीं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर चंबल की कलाइयों में बड़ी संख्या में पैंथर और भालू मौजूद है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पैंथर रात को उस इलाके से निकलकर ही शहर में प्रवेश कर गया है.
शहर के नजदीक जंगल: कोटा शहर की सीमा से रावतभाटा इलाके में घना जंगल है. जिसमें बड़ी संख्या में पैंथर इर्द-गिर्द नजर आते हैं. वहीं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर चंबल की कलाइयों में बड़ी संख्या में पैंथर और भालू मौजूद है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पैंथर रात को उस इलाके से निकलकर ही शहर में प्रवेश कर गया है.
किचन में किया ट्रेंकुलाइज फिर पकड़ा ऐसे: पैंथर गिर्राज नंदवाना के घर में प्रवेश कर गया था. पैंथर को देखने के बाद नंदवाना दम्पती ने शोर मचाया. दोनों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. इस बीच ये वन्य जीव पूरे घर में उत्पात मचाता रहा. दरअसल, नंदवाना के घर की सीढ़ियों में छत की तरफ से दरवाजा नहीं है. छत भी पूरी तरह खुली हुई है. रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग टीम ने जुगत लगाई. जवानों ने पूरे छत को जाल से कवर किया ताकि पैंथर ऊपर नहीं आ सके.
करीब एक दर्जन जवानों ने जाल को पकड़ के रखा। पैंथर पूरे घर में इधर-उधर घूमता रहा, कभी किचन तो कभी कमरे में आकर बैठ जाता. पैंथर जब किचन में पहुंचा तब वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने खिड़की का कांच तोड़कर जाली हटाई और ट्रेंकुलाइजर गन से शॉट (फायर) लगाया. जिसके बाद किचन की पट्टी पर ही पैंथर बेहोश हो गया. पहले वन विभाग के कर्मियों ने इंतजार किया और बाद में अंदर जाकर देखा. इस दौरान पुलिस अधिकारी और विधायक संदीप शर्मा, कांग्रेस नेता विद्या शंकर गौतम भी अंदर देखने के लिए पहुंचे. बाद में जाल में लेकर वाहन में रखकर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले गई. जिसके बाद ही स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शरण, होगा स्वास्थ्य परीक्षण:वन मंडल के लाडपुरा रेंजर कुंदन सिंह का कहना है कि पैंथर चंबल नदी के किनारे के सघन जंगलों से ही निकल कर बाहर आया है. इस पैंथर का मूवमेंट 9 अक्टूबर के आसपास भी कोटा विश्वविद्यालय में हुआ था. जिसमें यह किसी कैमरे में तो नजर नहीं आया था, लेकिन इस के पग मार्क और बाल मिले थे. खड़े गणेश जी मंदिर परिसर की तरफ जाना बताया गया था. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह वही पैंथर है. यह वापसी में कोटा विश्वविद्यालय होता हुआ, जंगल की तरफ जाने की जगह शहर की तरफ आ गया है. पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया है. जहां पर इसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और देखा जाएगा कि उसे किसी तरह की कोई चोट तो नहीं है. इसके बाद वन्य अधिकारियों के निर्देश पर इसे जंगल में रिलीज किया जाएगा.
चार लोगों पर हमला: प्रफुल्ल पाठक का कहना है कि पैंथर सुबह से ही उत्पात मचा रहा था. सुबह 5:00 मॉर्निंग वॉक करने जा रहे लोगों ने शिव ज्योति कान्वेंट स्कूल के नजदीक देखा था. इसके बाद यह पैंथर इधर-उधर उत्पात मचाते हुए रामविलास मीणा को सड़क पर घायल कर गया. फिर छत पर पहुंचा और छत की पिंजरी में हरि शंकर मीणा पर हमला किया. लोगों के चिल्लाने पर पैंथर पिंजरे का कांच तोड़ता हुआ करीब 10 फीट ऊंचाई से सड़क पर कूदकर दूसरे मकान में जा घुसा. इस दौरान उसने गोपाल लाल महावर की भी जांघ पर हमला कर दिया और दुर्गा लाल भी चोटिल हो गए.