जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दस्तक देते हुए कई जगहों पर छापेमारी की है. कुछ संदिग्धों से भी पूछताछ की जानकारी सामने आ रही है. इसके अलावा संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर दबिश के दौरान दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी खंगाले गए हैं. फिलहाल, मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के टोंक, गंगापुर और कोटा में एनआईए ने मंगलवार रात छापेमारी की. यह कार्रवाई बुधवार सुबह तक जारी रही.
हालांकि, एजेंसी की ओर से आधिकारिक रूप से इस छापेमारी को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से तार जुड़े होने के सुराग मिलने के बाद एनआईए की टीमें टोंक, गंगापुर, कोटा और बारां में पहुंची और संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान एनआईए ने संदिग्धों से पूछताछ की और दस्तावेज व मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर भी खंगाले. इस जांच में एनआईए को क्या मिला है, इसे लेकर अभी खुलासा होना बाकी है. जिन जगहों पर छापेमारी की गई है, वहां स्थानीय पुलिस की भी मदद ली गई है. राजस्थान के अलावा दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में भी एनआईए की टीम ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है.
बारां में भी छापेमारी, एक को हिरासत में लिया : एनआईए ने बुधवार को बारां में भी छापेमारी की. इस दौरान एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई. जानकारी के मुताबिक बारां शहर में सुबह करीब 5 बजे एनआईए की टीम कौसर कॉलोनी पहुंची, जहां एक संदिग्ध व्यक्ति के ठिकाने पर दबिश दी. टीम ने एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की. इस दौरान कुछ लोगों द्वारा इस कार्रवाई का विरोध करने की भी जानकारी है.
फुलवारी शरीफ मामले से जुड़े हैं तार : बताया जा रहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, उसके नेताओं और समर्थकों की हिंसक और देश विरोधी गतिविधियों को लेकर पिछले साल एनआईए ने केस नंबर 31/2022 दर्ज किया था. यह मामला फुलवारी शरीफ में पुलिस की कार्रवाई के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर एनआईए ने जब्त किया था. इसी केस में तार जुड़े होने के सबूत मिलने के बाद एनआईए ने राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में छापेमारी की है. एनआईए की जांच में सामने आया है कि इस केस के आरोपी व अन्य लोग बिहार के फुलवारी शरीफ में हिंसक और गैर कानूनी गतिविधि के उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे.
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16 साल पहले गठन, पिछले साल किया था बैन : बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन 2006 में हुआ था. शुरुआत में यह संगठन दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन बाद में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों सहित 23 प्रदेशों में इसने ऊनी जड़ें फैला ली. देश विरोधी गतिविधियों में लिप्तता के चलते केंद्र सरकार ने 27 सितंबर 2022 को पीएफआई और इससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया है. सरकार ने UAPA के तहत एक्शन लेते हुए कहा था कि पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
सूफा संगठन की कमर तोड़ी : NIA की टीम ने मध्यप्रदेश के भोपाल समेत कई शहरों में भी कार्रवाई की है. बता दें कि एनआईए की टीम ने एमपी के अलग-अलग जिलों में पहले भी रेड मारी थी. रतलाम जिले में सक्रिय सूफा संगठन के सदस्यों को पकड़ने के लिए एनआईए की टीम पहुंची थी और यहां इनकी प्रॉपर्टी की जांच भी कराई है. सूफा संगठन वही है जो पूर्व में बम बनाने के आरोप में रडार पर था और फरवरी-मार्च में इसके 6 सदस्यों को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से पकड़ा गया था. सूफा संगठन भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की तर्ज पर काम करता था. इस संगठन का नेटवर्क मध्यप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर वाले जिलों में सबसे अधिक देखा गया है.