सवाईमाधोपुर. सवाईमाधोपुर के सीआई फूल मोहम्मद हत्याकांड मामले (CI Phool Mohd murder case) में शुक्रवार को सजा का ऐलान करते हुए 30 दोषियों को (life imprisonment to 30 convicts) आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सभी पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है. दोषियों में तत्कालीन डिप्टी महेंद्र सिंह भी शामिल हैं. यह पूरी घटना 17 मार्च 2011 की है. इसमें 11 साल 8 महीने की लंबी सुनवाई के बाद आज यह फैसला आया है.
गौरतलब है कि फूल मोहम्मद हत्याकांड की जांच करते हुए सीबीआई ने 89 लोगों को आरोपी माना था. 16 नवंबर को कोर्ट ने इस मामले में 49 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में 5 आरोपियों की मौत पहले ही हो चुकी है. वहीं दो बाल अपचारी हैं, जिन पर ट्रायल जारी है.
इससे पहले 16 नवम्बर को आए फैसले में 89 आरोपियों में से 30 को न्यायालय ने दोषी माना था. मामले में बाकी सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया है. तत्कालीन मानटाउन थानाधिकारी सुमेर सिंह को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है. मामले में 11 साल 8 महीने की लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है. इसमें एक पुलिस अधिकारी को सरकारी जीप समेत जिंदा जलाने के मामले (CI Phool Mohd murder case Judgement) में दोषी साबित हुए 30 लोगों को एक साथ उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
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दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया
सूरवाल कांड में सभी 30 आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही भारी-भरकम आर्थिक दंड भी लगाया गया है. तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह पर 1 लाख 67 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है तो एक अन्य दोषी बनवारी पर 1 लाख 87 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इसके अतिरिक्त शेष अन्य सभी दोषियों पर प्रति दोषी 1 लाख 65 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इस जुर्माना राशि में से 40 लाख रुपए पीड़ित परिजन को प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए हैं. घटना के दौरान करीब 16 व्यक्ति चोटिल हुए थे. ऐसे में प्रति व्यक्ति को 10-10 हजार रुपए पीड़ित प्रतिकर के तहत प्रदान किए जाने के आदेश सुनाए गए हैं. एससी-एसटी कोर्ट की स्पेशल जज पल्लवी शर्मा ने यह फैसला सुनाया है.
यह था सूरवाल कांड: सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के सूरवाल गांव में 26 फरवरी 2011 को देर रात कुछ अपराधी तत्वों ने पैर टकर चांदी के कड़े चोरी कर लिए थे, जिसमें दाखा देवी की मौत हो गई थी. इस पर आक्रोशित सूरवाल गांव के ग्रामीणों और अन्य आसपास के लोगों ने इस घटना का काफी विरोध जताया था। घट ना के बाद 14 मार्च को जिला कलेक्ट्रेट के सामने ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं की ओर से प्रदर्शन किया गया. इसमें राजेश मीणा बाडोलास निवासी और बनवारी लाल मीणा खंडार क्षेत्र निवासी ने दाखा देवी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारी जन आंदोलन किया.
गाड़ी में जिंदा जल गए थे फूल मोहम्मद- इस बीच पूरे घटनाक्रम के दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद पुलिस बल पर भारी पथराव किया, जिसमें मान टाउन थाना प्रभारी तत्कालीन सीआई फूल मोहम्मद पथराव घायल हो गए. जख्मी हालत में गाड़ी में बैठे फूल मोहम्मद पर इस दौरान लगातार पथराव चलता रहा. इसके बाद कुछ लोगों ने फूल मोहम्मद की पुलिस जीप में आग लगा दी, जिससे फूल मोहम्मद गाड़ी में ही जिंदा जल गए.
डीएसपी समेत 30 दोषी
कोर्ट ने डीएसपी महेंद्र सिंह, राधेश्याम पुत्र ब्रजमोहन माली, परमानंद पुत्र रामनिवास, बबलू पुत्र रामनारायण, पृथ्वीराज, रामचरण, चिरंजीलाल, शेर सिंह, हरजी, रमेश मीणा पुत्र प्रहलाद, कालू पुत्र कोरिया, बजरंगा खटीक,मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी पुत्र जगन्नाथ, रामकरण पुत्र हजारी, हंसराज उर्फ हंसा पुत्र रामकुमार, शंकर माली पुत्र कन्हैया, बनवारी लाल मीणा,धर्मेंद्र मीणा पुत्र सुरेश कुमार मीणा, योगेंद्र नाथ, बृजेश हनुमान पुत्र कन्हैया, रामजीलाल माखन सिंह, रामभरोसी मीणा, मोहन माली, मुकेश माली और श्यामलाल को दोषी माना है.