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Jyestha Amavasya 2023: अमावस्या-शनि जयंती पर बन रहा अद्भुत संयोग, पूजन से मिलेगा कई गुना लाभ

Jyestha Amavasya 2023: इस साल ज्येष्ठ अमावस्या पर कई त्योहार एक साथ होने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. Shani jayanti 2023 . Jyestha Amavasya .

Jyestha Amavasya 2023
ज्येष्ठ अमावस्या 2023
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Published : May 18, 2023, 1:51 PM IST

Updated : May 19, 2023, 6:19 AM IST

मुंबई: ज्येष्ठ अमावस्या कल यानि शुक्रवार 19 मई 2023 को है. कई सालों के बाद ज्येष्ठ अमावस्या पर खास संयोग एक साथ बन रहे हैं. शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या होने के साथ ही शनि जयंती, दर्श अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी है. धार्मिक जानकारों के अनुसार इस दिन पूजा-अर्चना से कई गुना पुण्य मिलता है. इस अवसर गंगा स्नान कर नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करना बेहतर होता है. गंगा नदी नहीं होने पर नजदीक के किसी अन्य पवित्र नदी या तालाब में स्नान के बाद पूजा-अर्चना करानी चाहिए.

वहीं ज्येष्ठ अमावस्या पर पूजन, मंत्र जाप और हवन से कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में सही मुहूर्त में ज्येष्ठ अमावस्या का स्नान, पूजन-दान करना चाहिए. धर्म-कर्म के जानकारों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या पूजन से सालों से किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष, शनि दोष और काल शर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है . इससे उस व्यक्ति को उनके जीवन में जारी अड़चन या रुकावटों से काफी हद तक मुक्ति मिलती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन आस्था के साथ स्नान-दान कर पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. इस अवसर पर अपनी शक्ति के अनुसार तिल, गेहूं, चावल-दाल, गुड़, वस्त्र सहित अन्य वस्तुएं दान करना बेहतर है. इस दिन पीपल के पेड़ में जल, दुग्ध, गंगा जल और जनेऊ अर्पित कर पूजन करना बेहतर है. इस अवसर पर अपने आस-पास किसी शनि मंदिर और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. Shani jayanti 2023 . Jyestha Amavasya . Shani jayanti

ये भी पढ़ें-Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत कल, महिलाएं बाजार में कर रही हैं खरीदारी

मुंबई: ज्येष्ठ अमावस्या कल यानि शुक्रवार 19 मई 2023 को है. कई सालों के बाद ज्येष्ठ अमावस्या पर खास संयोग एक साथ बन रहे हैं. शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या होने के साथ ही शनि जयंती, दर्श अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी है. धार्मिक जानकारों के अनुसार इस दिन पूजा-अर्चना से कई गुना पुण्य मिलता है. इस अवसर गंगा स्नान कर नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करना बेहतर होता है. गंगा नदी नहीं होने पर नजदीक के किसी अन्य पवित्र नदी या तालाब में स्नान के बाद पूजा-अर्चना करानी चाहिए.

वहीं ज्येष्ठ अमावस्या पर पूजन, मंत्र जाप और हवन से कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में सही मुहूर्त में ज्येष्ठ अमावस्या का स्नान, पूजन-दान करना चाहिए. धर्म-कर्म के जानकारों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या पूजन से सालों से किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष, शनि दोष और काल शर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है . इससे उस व्यक्ति को उनके जीवन में जारी अड़चन या रुकावटों से काफी हद तक मुक्ति मिलती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन आस्था के साथ स्नान-दान कर पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. इस अवसर पर अपनी शक्ति के अनुसार तिल, गेहूं, चावल-दाल, गुड़, वस्त्र सहित अन्य वस्तुएं दान करना बेहतर है. इस दिन पीपल के पेड़ में जल, दुग्ध, गंगा जल और जनेऊ अर्पित कर पूजन करना बेहतर है. इस अवसर पर अपने आस-पास किसी शनि मंदिर और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. Shani jayanti 2023 . Jyestha Amavasya . Shani jayanti

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Last Updated : May 19, 2023, 6:19 AM IST
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