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हिजाब विवाद : कर्नाटक के CM ने की मामले को तूल नहीं देने की अपील

कर्नाटक में हिजाब विवाद (hijab row) तूल पकड़ता जा रहा है. हिजाब के विरोध में भगवा शॉल पहनकर स्टूडेंट पहुंच रहे हैं. इस बीच उडुपी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में सोमवार को हिजाब (Karnataka Hijab Row) पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्राओं को कैंपस में प्रवेश की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया. कर्नाटक हिजाब विवाद पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही कहा कि कोर्ट का आदेश आने पर सरकार कदम उठाएगी. पढ़ें पूरी खबर.

Chief Minister Basavaraj Bommai
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई
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Published : Feb 7, 2022, 3:38 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 3:47 PM IST

नई दिल्ली : कर्नाटक में 'हिजाब' विवाद को लेकर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने सोमवार को सभी से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने शिक्षण संस्थानों से अदालत का आदेश आने तक सरकार द्वारा जारी अनिवार्य यूनिफॉर्म नियमों का पालन करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अदालत के आदेश के बाद कदम उठाएगी. दरअसल इस मामले में एक याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है.

राष्ट्रीय राजधानी में आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा, 'मामला उच्च न्यायालय में है और वहां फैसला किया जाएगा इसलिए, मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. किसी को भी शांति भंग करने के लिए कदम नहीं उठाने चाहिए.' उन्होंने कहा, 'सभी को राज्य के आदेश (यूनिफॉर्म पर) का पालन करना चाहिए और कल अदालत का फैसला आएगा और हम कदम उठाएंगे.'

कर्नाटक उच्च न्यायालय मंगलवार को उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ने वाली पांच लड़कियों द्वारा कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. बोम्मई ने कहा कि संविधान में कई तरह से उल्लेख किया गया है कि किस तरह की पोशाक होनी चाहिए. स्कूलों और कॉलेजों में क्या पहना जाता है और यहां तक ​​कि राज्य के शिक्षा अधिनियम ने भी नियमों में इसे स्पष्ट कर दिया है.

केरल और महाराष्ट्र में भी सामने आ चुके ऐसे मामले
यह पूछे जाने पर कि राज्य में 'हिजाब' विवाद नहीं थमने का कारण क्या है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुद्दा कर्नाटक तक सीमित नहीं है क्योंकि केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इस पर बड़े पैमाने पर चर्चा की गई है, जहां इस मामले पर उच्च न्यायालयों द्वारा फैसला किया गया था. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को एक आदेश जारी किया था जिसमें राज्य भर के स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में अपने छात्रों के लिए उसके या निजी संस्थानों के प्रबंधन द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई थी.

दरअसल मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हेडस्कार्फ़ पहनने पर अड़ा हुआ है. पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसे कई उदाहरण हैं, विशेष रूप से तटीय कर्नाटक में, जहां कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी. हिजाब का विरोध करने के लिए भगवा शॉल ओढ़कर क्लासरूम में जाने वाले स्टूडेंट्स पर भी पाबंदी लगा दी गई थी.

पढ़ें- Karnataka Hijab Row: छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति, अलग कक्षाओं में बैठाया गया

PTI

नई दिल्ली : कर्नाटक में 'हिजाब' विवाद को लेकर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने सोमवार को सभी से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने शिक्षण संस्थानों से अदालत का आदेश आने तक सरकार द्वारा जारी अनिवार्य यूनिफॉर्म नियमों का पालन करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अदालत के आदेश के बाद कदम उठाएगी. दरअसल इस मामले में एक याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है.

राष्ट्रीय राजधानी में आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा, 'मामला उच्च न्यायालय में है और वहां फैसला किया जाएगा इसलिए, मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. किसी को भी शांति भंग करने के लिए कदम नहीं उठाने चाहिए.' उन्होंने कहा, 'सभी को राज्य के आदेश (यूनिफॉर्म पर) का पालन करना चाहिए और कल अदालत का फैसला आएगा और हम कदम उठाएंगे.'

कर्नाटक उच्च न्यायालय मंगलवार को उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ने वाली पांच लड़कियों द्वारा कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. बोम्मई ने कहा कि संविधान में कई तरह से उल्लेख किया गया है कि किस तरह की पोशाक होनी चाहिए. स्कूलों और कॉलेजों में क्या पहना जाता है और यहां तक ​​कि राज्य के शिक्षा अधिनियम ने भी नियमों में इसे स्पष्ट कर दिया है.

केरल और महाराष्ट्र में भी सामने आ चुके ऐसे मामले
यह पूछे जाने पर कि राज्य में 'हिजाब' विवाद नहीं थमने का कारण क्या है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुद्दा कर्नाटक तक सीमित नहीं है क्योंकि केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इस पर बड़े पैमाने पर चर्चा की गई है, जहां इस मामले पर उच्च न्यायालयों द्वारा फैसला किया गया था. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को एक आदेश जारी किया था जिसमें राज्य भर के स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में अपने छात्रों के लिए उसके या निजी संस्थानों के प्रबंधन द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई थी.

दरअसल मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हेडस्कार्फ़ पहनने पर अड़ा हुआ है. पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसे कई उदाहरण हैं, विशेष रूप से तटीय कर्नाटक में, जहां कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी. हिजाब का विरोध करने के लिए भगवा शॉल ओढ़कर क्लासरूम में जाने वाले स्टूडेंट्स पर भी पाबंदी लगा दी गई थी.

पढ़ें- Karnataka Hijab Row: छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति, अलग कक्षाओं में बैठाया गया

PTI

Last Updated : Feb 7, 2022, 3:47 PM IST
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