जयपुर. उदयपुर में एक साल पहले कन्हैयालाल की हत्या के मामले में मंगलवार को एनआईए ने सभी 9 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. इनके खिलाफ चार्ज 26 जुलाई को होगी. इसके साथ ही आज आरोपियों की ओर से दाखिल एक अर्जी पर फैसला हुआ है. उन्हें एनआईए की ओर से चार्जशीट की हिंदी अनुवाद की प्रति दी जाएगी. जबकि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य से संबंधित प्रार्थना पत्रों पर बुधवार को फैसला होना है. इस पूरे मामले में चार्ज बहस के लिए 26 जुलाई की तारीख तय की गई है.
दरअसल, उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में मंगलवार को जयपुर की एनआईए मामलों की विशेष कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई. अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी मोहम्मद गौस, रियाज अत्तारी, फरहाद शेख, आसिफ, मोहसिन, वसीम अली, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम खान और मोहम्मद मोहसिन को कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से अंग्रेजी में पेश की गई चार्जशीट की हिंदी अनुवाद की प्रति देने की अर्जी आरोपियों की ओर से दाखिल की गई. कोर्ट ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए चार्जशीट के हिंदी अनुवाद की प्रति देने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही आरोपियों की ओर से फोटो, सीसीटीवी फुटेज और पेन ड्राइव लेने के लिए भी अर्जी लगाई गई है. इस पर कोर्ट बुधवार को फैसला देगा. इस मामले में अब 26 जुलाई को चार्ज बहस होगी.
हत्या के साथ ही आतंकी गतिविधियों में आरोप : बता दें कि कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में जयपुर की एनआईए कोर्ट में एनआईए की ओर से पेश की गई चार्जशीट में गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 9 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (34) के तहत हत्या, 452, 153, 295 और यूएपीए एक्ट की धारा 16,18 व 20 के तहत आतंकी गतिविधियों में आरोप तय किए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के कराची में बैठे सलमान और अबु इब्राहम को भी इस घटना में आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी मानते हुए इन्हें फरार बताया है.
परिजनों को न्याय का, अस्थियों को विसर्जन का इंतजार : उदयपुर में एक साल पहले 28 जून 2022 को कन्हैयालाल टेलर की दुकान पर कपड़े सिलवाने के बहाने आए मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने चाकू से हमला कर उनका गला रेत दिया. इस पूरी घटना का दोनों ने वीडियो भी बनाया. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कन्हैयालाल की हत्या की जिम्मेदारी ली. परिजन कन्हैयालाल के हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. बड़े बेटे यश ने आरोपियों को फांसी होने तक बाल नहीं कटवाने और जूते नहीं पहनने का प्रण लिया है. अब तक उनकी अस्थियों का विसर्जन भी नहीं किया गया है.