उदयपुर. जिले में 28 जून को हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में 177 दिन बाद NIA ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश (Udaipur Kanhaiyalal Murder Case ) की. इसके बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मृतक के बेटे यश ने कहा कि 177 दिन बाद एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट तो पेश कर दी, लेकिन उनकी दिली इच्छा है कि हत्यारों को उनके गुनाहों की सजा बीच बाजार फांसी पर लटका कर दी जाए. ताकि समाज और देश में एक संदेश जाए कि कोई भी अपराधी व हत्यारा अब अपने गुनाहों से बच नहीं सकता है.
कन्हैया के बेटे ने बताया कि उनके पिता की निर्मम हत्या के बाद एनआईए व अन्य एजेंसियों ने आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले को ले जाकर तीन महीने में चार्जशीट पेश करने (NIA presented charge sheet in court) की बात कही थी. साथ ही कहा गया था कि आरोपियों को अविलंब उनकी गुनाहों की सजा दिलाई जाएगी. लेकिन हकीकत सबके सामने है, क्योंकि एक चार्जशीट पेश करने में ही 6 माह से ज्यादा का वक्त लग गया. ऐसे में उन्हें अभी भी आरोपियों की फांसी की कोई आस नहीं दिखाई दे रही है.
दो पाकिस्तानियों को भी बनाया आरोपी: कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में एनआईए ने दो पाकिस्तानी नागरिकों को भी आरोपी बनाया गया है. जिस पर कन्हैया के बेटे ने कहा कि हत्यारों ने पाकिस्तान में जाकर ट्रेनिंग ली थी. इसका पहले ही खुलासा भी हो गया था. ये आतंकी आए दिन हमारे देश में खौफ फैलाने का (Kanhaiyalal son Statement ) काम कर रहे हैं. वहीं, जिस तरीके से उनके पिता की हत्या की गई वो यह साबित करता है कि इनके हौसले कितने बुलंद हैं. ऐसे में इन्हें बिना किसी लेटलतीफी के फांसी पर लटका देना चाहिए.
बेटे का दर्दः कन्हैया के बेटे यश ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देने के साथ ही संकल्प लिया था कि जब तक हत्यारों को फांसी की सजा नहीं होगी, वो तब तक चप्पल नहीं पहनेगा. यश पिछले 177 दिनों से नंगे पैर रहकर न्याय की आस में बैठा है. चिलचिलाती धूप में नंगे पैर रहकर यश उदयपुर कलक्ट्रेट स्थित अपने ऑफिस जाता है और नंगे पैर वहां से घर लौटता है. यश ने कहा कि उसके पूरे परिवार की यही इच्छा है कि उन्हें न्याय मिले. चप्पल नहीं पहनना उसके पिता से बढ़कर नहीं है. न्याय के लिए अगर और भी कोई कदम उठाना पड़ा तो वो उसके लिए भी तैयार है.
चार्जशीट में इस बात का जिक्र: इधर, एनआईए की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आरोपी कट्टरपंथी है, जो भारत के भीतर और बाहर प्रसारित किए जा रहे आपत्तिजनक ऑडियो, वीडियो व संदेशों से प्रेरणा लेते थे. एनआईए के अनुसार 28 जून को उदयपुर में कन्हैयालाल की दो हमलावरों ने निर्मम हत्या की थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित कर देशभर में जनता के बीच दहशत और आतंक पैदा किया गया. इस पर 29 जून को उदयपुर जिले के धानमंडी थाने में एफआईआर दर्ज की गई और बाद में एनआईए ने केस को अपने हाथों में लेते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. एनआईए की ओर से की गई जांच में ये तथ्य सामने आए कि हत्या करने वाले आरोपी एक आतंकी गिरोह मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे हैं. जिन्होंने बदला लेने की साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया था.
अब तक ये आरोपी गिरफ्तार: एनआईए ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, 449, 302, 307, 324, 153-ए, 153-बी, 295-ए, यूएपीए अधिनियम की धारा 16, 18 व 20 और आर्म्स एक्ट की धारा 4/25 (1बी) के तहत चार्जशीट पेश की है. एनआईए ने कोर्ट में आरोपी मोहम्मद रियाज अटारी, मोहम्मद गौस, मोहसिन खान उर्फ भाई, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख, मोहम्मद जावेद और मुस्लिम खान के अलावा पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम के खिलाफ चार्जशीट पेश की है. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी और पाकिस्तान निवासी दो आरोपियों के फरार होने का जिक्र किया है. फिलहाल प्रकरण में एनआईए की जांच लगातार जारी है.
ये है पूरा मामला: 28 जून को उदयपुर शहर के मालदास स्ट्रीट भूत महल की गली में कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर हत्यारों ने उसकी हत्या कर दी गई थी. हत्यारे रियाज और गौस मोहम्मद कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान में घुसे थे. इस दौरान जब कन्हैया नाप लेने लगा तो आरोपियों ने छुरा और चाकुओं से उसपर हमला कर दिया. जिसमें कन्हैया की मौके पर ही मौत हो गई थी. मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 452, 302, 153A, 153B, 295 A और 34 के अलावा UAPA के तहत केस दर्ज किया है. हमलावरों ने हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था.