नई दिल्ली : झारखंड से निर्वाचित भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक सवाल पर वैष्णव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई कानून बनाना विस्तार से विमर्श का विषय है और सरकार सांसद के सुझाव का स्वागत करती है. निशिकांत दुबे ने आईटी एक्ट की धारा 66ए को निरस्त करने के संबंध में कहा कि यह धारा आईटी एक्ट की आत्मा थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद इस विशिष्ट धारा से जुड़ा कानून बनाने में असमर्थ हो गई है. ऐसे में क्या सरकार 66ए के स्थान पर कोई अन्य कानूनी प्रावधान करने का विचार रखती है या नहीं?
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस संसद कल्याण बनर्जी ने सरकार सरकर से पूछा कि लिखित रूप में गाइडलाइंस शब्द का प्रयोग है. ऐसे में इनका कानूनी रूप से कितना महत्व है? साथ ही कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत राजनीतिक लोगों पर की जाने वाली अभद्र टिप्पणी के संबंध में सरकार का रूख जानना चाहा. उन्होंने पूछा कि क्या सोशल मीडिया पर किसी को शर्मिंदा करने और उत्पीड़न जैसे कंटेंट पोस्ट करने पर सरकार किसी तरह के दंड का प्रावधान करेगी ?
कल्याण बनर्जी के सवाल पर आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा कि जब भी सरकार ने सोशल मीडिया रेगुलेशन की पहल की है, सिविल सोसाइटी की ओर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई गई है. उन्होंने सोशल मीडिया को लगातार उभरती तकनीक से जोड़ा और कहा कि सरकार साइबर वर्ल्ड में भी जनता के हितों का संरक्षण करने के प्रति सजग है.
वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया पर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और सरकार के कानून में संतुलन बनाने की जरूरत है और इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 2021 में बनाए गए नियम में शब्द भले ही गाइडलाइंस लिखा गया है, लेकिन ये वैधानिक रूप से भी उतने ही प्रभावी हैं.
इससे पहले संसद में बजट सत्र के आठवें दिन दौरान केंद्र सरकार से बीएसएनएल पर ध्यान देने को लेकर सवाल पूछे गए. सरकार ने स्पष्ट किया है कि सरकार दूरसंचार कंपनी बीएसएनल की पूरी आर्थिक सहायता कर रही है. दूरसंचार मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल को कई वर्षों बाद ऑपरेटिंग प्रॉफिट हुआ है. संसद में सरकार ने बताया है कि केंद्र की ओर से ₹ 44720 करोड़ और आवंटित किए गए हैं.