हिमाचल/कुल्लू: इजरायल-हमास युद्ध का हिमाचल के पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. हर साल जिला कुल्लू में इजरायल से आने वाले पर्यटक इस युद्ध की वजह अपने देश लौट रहे हैं. बता दें कि जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के विभिन्न इलाकों में इजरायल के लोग काफी संख्या में यहां रहते हैं. कसोल में भी उनकी खूब धूम रहती है, लेकिन इजरायल में हमास के हमले के बाद अब कुल्लू आए इजरायली पर्यटक वापस अपने देश लौटने शुरू हो गए हैं. जिससे मणिकर्ण घाटी के पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है.
हिमाचल प्रदेश का मिनी इजरायल कसोल: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मणिकर्ण के कसोल को मिनी इजरायल के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर 70 के दशक में इजरायली पर्यटकों का आना शुरू हुआ था. उसके बाद से मणिकर्ण, कसोल, पुलगा, तुलगा सहित अन्य इलाकों में इजरायली मेहमानों की काफी संख्या हर साल बढ़ने लगी. इजरायल से हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए यहां आते हैं. गर्मियों में विदेशी सैलानियों की तादाद इतनी अधिक होती है कि कसोल एक विदेशी कस्बा नजर आने लगता है, इसीलिए इसे मिनी इजरायल के नाम से भी जाना जाता है. विदेशी नागरिकों का आवागमन अधिक होने के चलते यहां पर होटल, होमस्टे, रेस्टोरेंट सहित अन्य इलाकों में खूब बहार बनी रहती है. विदेशियों के लिए यहां पर विशेष रूप से पार्टियों का भी इंतजाम किया जाता है.
हिमाचल पर्यटन पर इजरायल-हमास युद्ध का असर: इजरायल की रहने वाली शिरा ने बताया वह बहुत समय बाद भारत में घूमने आई थी, लेकिन अब इस हालत में वह घर वापस जाकर अपने लोगों की मदद करना चाहती है. इस वक्त पर वह आर्मी में नहीं है, लेकिन स्वयंसेवा करके दूसरे तरीकों से इन मुश्किल हालातों में लोगों की मदद करना चाहती है. शिरा ने कहा हमास और इजरायल के बीच लंबे समय से ये हालत थे, लेकिन इस बार जो हुआ वह बेहद ही भयानक था. मुझे नहीं लगता था कि दुनिया में इस तरह की भी दरिंदगी होती है, लेकिन हमास के लोगों ने जो इजरायल में किया है, वह बेहद ही घिनौना है. जब हमने हमास के हमले की वीडियो देखे तो हम हैरान थे, क्योंकि पहली ही बार हमें इस तरह के हालात देखे हैं.
भारतीय लोगों की मदद के लिए जताया आभार: शिरा ने कहा इजरायल में चल रहे इस युद्ध के दौरान भारत के लोग मदद के लिए आगे आए हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन सबसे पहले दुनिया के बाकी देशों को भी इजरायल के हालातों को समझना जरूरी है. इस वक्त इजरायल अपने लोगों को बचाने के लिए युद्ध कर रहा है न कि किसी की जान लेने के लिए. मुझे नहीं मालूम की भारत से जाने वाले स्वयंसेवी किस तरह इजरायल की आर्मी की मदद करेंगे, लेकिन युद्ध की इस स्थिति में सेना के अलावा भी कई ऐसी चीजें है, जिसमें हम मदद कर सकते हैं.
देश पर आए संकट से इजरायली पर्यटक परेशान: इजरायल की केनेरियत ने बताया उनकी आंटी इजरायल के दक्षिणी भाग में रहती हैं और इस हमास के हमले में उनके घर पर भी बम गिरे थे, लेकिन वह सब सुरक्षित है. उनका भाई आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहा है. उनके एक कजन को भी गोली लगी है, जो बुरी तरह से घायल है और हॉस्पिटल में भर्ती है. उनके कई दोस्त भी इस युद्ध में लड़ाई लड़ रहे हैं. इजरायल में हालत बहुत डरावने हैं, जिसे देख कर वह अभी घर वापिस जाने से डर रही है. वह अभी फैसला नहीं कर पा रही है कि भारत में ही रुके या फिर अपने देश अपने परिवार के पास वापस जाए.
इजरायल-हमास युद्ध से इजरायली पर्यटकों की बढ़ी चिंता: केनेरियत ने बताया की उनकी मां उन्हे घर बुला रही है, इस मुश्किल हालात में वो जितना अपने परिवार के पास रहना चाह रही है. वही पहली बार ऐसा हुआ है की वह घर वापस जाने से डर रही हैं. यहां भारत में वह बहुत ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही है. यहां कसोल में रहते हुए उन्होंने देखा कि यहां के लोग उनकी मदद कर रहे हैं. इजरायल में हुए हमले के बाद सभी स्थानीय लोग उनके उनके परिवार का भी हालचाल ले रहे हैं. उन्हें ये देखकर खुशी हुई कि भारत के लोग इजरायल में हो रहे युद्ध को लेकर संवेदनशील हैं. इसी लिए हम सब भारत को प्यार करते हैं और भारतीय लोग भी हमें प्यार और सम्मान देते हैं. इसलिए अभी वह यही रूक कर हालात ठीक होने का इंतजार करना चाहती है.
इजरायली पर्यटकों ने भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार: केनेरियन ने कहा बीते कई समय से वह भारत घूमने आने के लिए पैसे बचा रही थी, लेकिन अब जब वह यहां है तो उन्हे मालूम नहीं की इन हालातों में कैसे घूमने का आनंद ले. क्योंकि उनका मन अब इजरायल लौट कर अपने परिवार के साथ रहने और देश की मदद करने का है. इस वक्त जब इजरायल जाने के लिए कई सारी देशों से फ्लाइट बदल कर जाना पड़ रहा है. यह बेहद मुश्किल है. इस वक्त पर हम चाहते है कि भारत सरकार हमारी मदद करे. ताकि लोगों को इस तरह से कई देशों से गुजर कर घर न लौटना पड़े.
पर्यटन प्रभावित होने से बढ़ी कारोबारियों की चिंता: कसोल में कैफे चलाने वाले देवराज ने बताया कि इजरायल में युद्ध की खबर आने से बाद से आए दिन इजरायली नागरिक ग्रुप में वापस लौटने लगे है. हर साल दिवाली तक कसोल में इजरायली पर्यटक मौजूद रहते थे. यहां के लोगों का पर्यटन सीजन इन्हीं लोगों पर निर्भर रहता है. अब बीते कुछ दिनों से सीजन खत्म होने से पहले ही कसोल से बाजार खाली होने लगे है. जिससे की स्थानीय लोगों के व्यापार पर भी असर देखने को मिलेगा. देवराज ने बताया की इजरायल के हालात को देखते हुए अब स्थानीय लोगों को ये चिंता भी सताने लगे है कि मार्च में भी शायद कम संख्या में इजरायली पर्यटक वापस लौटेंगे.
कसोल में इजरायली पर्यटकों को सता रही देश की चिंता: उनका कहना है कि युद्ध की खबर आने के बाद से कसोल में रह रहे इजरायली नागरिकों में अपने देश की स्थिति को लेकर चिंता दिख रही है. मिनी इजरायल कहे जाने वाला कसोल हमेशा से ही इजरायली नागरिकों की पसंदीदा जगहों में से एक रहा है. कसोल में कैफे, होम स्टे चलाने वाले ज्यादातर लोगों का व्यापार भी इन्हीं पर्यटकों पर निर्भर रहता है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि इस हमले के बाद इजरायल में काफी तनाव पूर्ण स्थिति हो गई है. ऐसे में अगले साल भी इजरायल के लोग शायद ही यहां पर आ पाएंगे. पर्यटन कारोबारी का कहना है कि विदेशी सैलानी दिवाली तक मणिकर्ण घाटी के विभिन्न इलाकों में रहते थे, लेकिन अब वह वापस अपने अपने देश जा रहे हैं.