दिल्लीः मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के मौके पर घरों में तिल-गुड़ के लड्डू, गजक, रेवड़ी बांटी व खाई जाती है. इसके अलावा मीठे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं. हिंदू धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है. इस दिन बहुत ही श्रद्धा और भक्ति भाव हर घर में तिल के लड्डू बनाए जाते हैं और सूर्य देव सहित भगवान विष्णु और कुल देवी-देवता को भोग लगाया जाता है. भारत की हर परंपरा और पौराणिक कथा के पीछे हमारे स्वास्थ्य और समाज से जुड़ी कथाएं होती है. देखा जाए तो मकर संक्रांति सर्दियों में आती है. तिल और गुड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए इस पर्व में तिल गुड़ खाने से शरीर स्वस्थ रहता है और इम्युनिटी बूस्ट होती है. Makar Sankranti 2023 .
तिल-गुड़ से जुड़ी कथा
कहा जाता है कि शनि देव के घर जब सूर्य देव का आगमन हुआ तो शनि महाराज ने तिल, गुड़ से पिता सूर्य देव की आराधना की और उन्हें भोजन में तिल और गुड़ भेंट किया. इसकी वजह यह थी कि शनि देव के घर कुंभ के जलने के बाद शनि देव के पास और कुछ नहीं था. पुत्र द्वारा तिल और गुड़ भेंट करने से सूर्य देव बहुत प्रसन्न हुए और शनिदेव से कहा कि जो भी मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से मेरी पूजा करेंगे उस पर शनि सहित मेरी भी कृपा बनी रहेगी. तब से ही मकर संक्रांति पर तिल गुड़ खाने की परंपरा चली आ रही है.
सेहत के लिए लाभकारी तिल-गुड़-मूंगफली
गुड़ के लड्डू सर्दियों में होने वाली खांसी- जुकाम जैसी परेशानियों के लिए काल का काम करते हैं. दोनों ही चीजें गर्म होने के कारण सर्दी में ये राहत तो देते ही हैं. साथ ही गुड़ पाचन तंत्र को मजबूत करता है. तिल में आयरन रक्त और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. मूंगफली और गुड़ का योग शरीर को आवश्यक पौष्टिक तत्व प्रदान करता है. गुड़ इम्यूनिटी के लिए अच्छा है जबकि मूंगफली मल त्याग एवं पाचन क्रिया में मदद में मदद करती है. मूंगफली की चिक्की शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है. मूंगफली की चिक्की गुड़ से बनी होती है, जो शरीर को आयरन प्रदान करती है. गुड़ वस्तुत: रिफाइंड चीनी का एक अच्छा विकल्प है. मूंगफली की चिक्की एक स्वस्थ नाश्ता है, जिसका सेवन भोजन के बीच में किया जा सकता है. इसके सेवन से पेट ज्यादा समय तक भरा रहा है और समग्र कैलोरी का सेवन करने में मदद करता है.
Makar Sankranti 2023: राज्यों में इस तरह मनाई जाती है मकर संक्रांति, खास हैं दक्षिण भारत की परंपराएं