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RIMPAC 2022 : ताइवान को लेकर अमेरिका-चीन के बीच टकराव बढ़ने की आशंका

निकट भविष्य में ताइवान मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच टकराव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित किया जाने वाला RIMPAC 2022 सैन्य अभ्यास इसका आधार बन सकता है, क्योंकि अमेरिका इस सैन्य अभ्यास में ताइवान की भागीदारी को सक्षम करने की कोशिश में जुटा है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

RIMPAC 2022 exercise
अमेरिका और चीन के बीच टकराव
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Published : Mar 29, 2022, 7:37 PM IST

नई दिल्ली : यूक्रेन में 24 फरवरी से रूसी सैन्य कार्रवाई जारी है. रूस-यूक्रेन के बलों में हिंसक संघर्ष के बीच, निकट भविष्य में ताइवान मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच बड़े टकराव की आशंका जताई जा रही है. विश्व युद्ध छिड़ने के डर से, अमेरिका अब तक यूक्रेन में प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी से दूर रहा है, जबकि रूसी सेना पूर्व सोवियत क्षेत्र में क्रूर अभियान चला रही है.

अमेरिका ने 'वन-चाइना' नीति के पालन की घोषणा की, जो स्वीकार करता है कि केवल एक चीन है. अमेरिका ने 27 दिसंबर, 2021 को एक कानून बनाया था, जो अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित 'रिम ऑफ द पैसिफिक' (Rim of the Pacific) अभ्यास या RIMPAC का हिस्सा बनने के लिए ताइवान को आमंत्रित करने और शामिल करने का आह्वान करता है.

अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2022 की धारा 1246 में ताइवान के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और सैन्य अभ्यास आयोजित करने का आह्वान किया गया है. साथ ही यह ताइवान को 2022 में आयोजित होने वाले 'रिम ऑफ द पैसिफिक' सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, जो ताइवान को पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता बनाए रखने में सक्षम बनाता है, जैसा कि ताइवान संबंध अधिनियम (Taiwan Relations Act) में वर्णित है.

वहीं, इस अधिनियम की धारा 1247 ताइवान पर अमेरिकी नीति को निर्धारित करती है और ताइवान के लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने का विरोध करती है. अधिनियम में कहा गया है कि चीन द्वारा ताइवान पर आक्रमण और नियंत्रण करने की कोशिश की जा सकती है. धारा 1248 में 'ताइवान को अपनी रक्षात्मक क्षमताओं में सुधार करने और कमजोरियों को दूर करने में सहायता करने के लिए' एक योजना विकसित करने का आह्वान किया गया है.

द्विवार्षिक RIMPAC का 28वां संस्करण इस गर्मी में हवाई (Hawaii) और सैन डिएगो (San Diego) दोनों जगहों पर आयोजित होने वाला है. अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि इस सैन्य अभ्यास में लगभग 27 राष्ट्र भाग लेंगे. हालांकि उसने अब तक भाग लेने वाले देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं. इस बीच, अमेरिकी नौसेना के तीसरे बेड़े ने 21-24 मार्च, 2022 तक संयुक्त बेस पर्ल हार्बर-हिकम (Joint Base Pearl Harbor-Hickam) में RIMPAC 2022 के लिए अंतिम योजना सम्मेलन (FPC) की मेजबानी की, इसमें सभी 27 देशों का प्रतिनिधित्व था.

RIMPAC 2022 में भाग लेने वाले राष्ट्रों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों को भेजे गए एक ईमेल प्रश्न का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. RIMPAC 2022 में ताइवान की भागीदारी निश्चित रूप से चीन को परेशान करेगी, जो ताइवान को अपना 'अटूट प्रांत' होने का दावा करता है और उसका कहना है कि ताइवान एक दिन चीनी मुख्य भूमि के साथ 'पुन: एकीकृत' होगा.

अमेरिकी नौसेना के अनुसार, RIMPAC 2022 सैन्य अभ्यास में 41 जहाज, चार पनडुब्बी, 170 से अधिक विमान और लगभग 25,000 कर्मी भाग लेंगे, इसलिए यूएस-चीन के बीच तनाव (US-China showdown) बढ़ने की प्रबल संभावना है. आगामी विशाल सैन्य अभ्यास की व्यापकता का संकेत देते हुए, अमेरिकी नौसेना की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'RIMPAC 2022 का आकार और दायरा 2018 के संस्करण की तरह होने की उम्मीद है. जबकि 2020 में कोविड महामारी के कारण यह सैन्य अभ्यास सीमित कर दिया गया था.

हालांकि भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि भारत अभ्यास में भाग लेगा या नहीं. बता दें, भारत ने 26 अन्य देशों के साथ RIMPAC 2018 में भाग लिया था. दिलचस्प बात यह है कि चीन RIMPAC सैन्य अभ्यास के 2014 और 2016 के संस्करणों का हिस्सा था, लेकिन दक्षिण चीन सागर में चीन की उकसाने वाली गतिविधि के कारण 2018 के अभ्यास में उसे शामिल नहीं किया गया था.

यह भी पढ़ें- वांग यी के बाद अब रूस के विदेश मंत्री आ सकते हैं भारत, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

अमेरिका 'एक-चीन' नीति (One-China Policy) से सहमत है, लेकिन वह 'एक चीन सिद्धांत' (One China principle) को नहीं मानता है और 'रचनात्मक वार्ता' के अनुसरण में चीन और ताइवान के बीच मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता देता है.

1979 में, जब अमेरिका ने चीन के साथ राजनयिक संबंधों को औपचारिक रूप दिया था और ताइपे (ताइवान की राजधानी) में अपना दूतावास बंद कर दिया था, तब इसने ताइवान संबंध अधिनियम (टीआरए) पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका ने ताइवान को उसकी रक्षा करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी. अमेरिका, ताइवान को हथियारों की आपूर्ति कैसे जारी रखता है, इसके लिए यह एकमात्र आधार है.

नई दिल्ली : यूक्रेन में 24 फरवरी से रूसी सैन्य कार्रवाई जारी है. रूस-यूक्रेन के बलों में हिंसक संघर्ष के बीच, निकट भविष्य में ताइवान मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच बड़े टकराव की आशंका जताई जा रही है. विश्व युद्ध छिड़ने के डर से, अमेरिका अब तक यूक्रेन में प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी से दूर रहा है, जबकि रूसी सेना पूर्व सोवियत क्षेत्र में क्रूर अभियान चला रही है.

अमेरिका ने 'वन-चाइना' नीति के पालन की घोषणा की, जो स्वीकार करता है कि केवल एक चीन है. अमेरिका ने 27 दिसंबर, 2021 को एक कानून बनाया था, जो अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित 'रिम ऑफ द पैसिफिक' (Rim of the Pacific) अभ्यास या RIMPAC का हिस्सा बनने के लिए ताइवान को आमंत्रित करने और शामिल करने का आह्वान करता है.

अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2022 की धारा 1246 में ताइवान के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और सैन्य अभ्यास आयोजित करने का आह्वान किया गया है. साथ ही यह ताइवान को 2022 में आयोजित होने वाले 'रिम ऑफ द पैसिफिक' सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, जो ताइवान को पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता बनाए रखने में सक्षम बनाता है, जैसा कि ताइवान संबंध अधिनियम (Taiwan Relations Act) में वर्णित है.

वहीं, इस अधिनियम की धारा 1247 ताइवान पर अमेरिकी नीति को निर्धारित करती है और ताइवान के लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने का विरोध करती है. अधिनियम में कहा गया है कि चीन द्वारा ताइवान पर आक्रमण और नियंत्रण करने की कोशिश की जा सकती है. धारा 1248 में 'ताइवान को अपनी रक्षात्मक क्षमताओं में सुधार करने और कमजोरियों को दूर करने में सहायता करने के लिए' एक योजना विकसित करने का आह्वान किया गया है.

द्विवार्षिक RIMPAC का 28वां संस्करण इस गर्मी में हवाई (Hawaii) और सैन डिएगो (San Diego) दोनों जगहों पर आयोजित होने वाला है. अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि इस सैन्य अभ्यास में लगभग 27 राष्ट्र भाग लेंगे. हालांकि उसने अब तक भाग लेने वाले देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं. इस बीच, अमेरिकी नौसेना के तीसरे बेड़े ने 21-24 मार्च, 2022 तक संयुक्त बेस पर्ल हार्बर-हिकम (Joint Base Pearl Harbor-Hickam) में RIMPAC 2022 के लिए अंतिम योजना सम्मेलन (FPC) की मेजबानी की, इसमें सभी 27 देशों का प्रतिनिधित्व था.

RIMPAC 2022 में भाग लेने वाले राष्ट्रों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों को भेजे गए एक ईमेल प्रश्न का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. RIMPAC 2022 में ताइवान की भागीदारी निश्चित रूप से चीन को परेशान करेगी, जो ताइवान को अपना 'अटूट प्रांत' होने का दावा करता है और उसका कहना है कि ताइवान एक दिन चीनी मुख्य भूमि के साथ 'पुन: एकीकृत' होगा.

अमेरिकी नौसेना के अनुसार, RIMPAC 2022 सैन्य अभ्यास में 41 जहाज, चार पनडुब्बी, 170 से अधिक विमान और लगभग 25,000 कर्मी भाग लेंगे, इसलिए यूएस-चीन के बीच तनाव (US-China showdown) बढ़ने की प्रबल संभावना है. आगामी विशाल सैन्य अभ्यास की व्यापकता का संकेत देते हुए, अमेरिकी नौसेना की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'RIMPAC 2022 का आकार और दायरा 2018 के संस्करण की तरह होने की उम्मीद है. जबकि 2020 में कोविड महामारी के कारण यह सैन्य अभ्यास सीमित कर दिया गया था.

हालांकि भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि भारत अभ्यास में भाग लेगा या नहीं. बता दें, भारत ने 26 अन्य देशों के साथ RIMPAC 2018 में भाग लिया था. दिलचस्प बात यह है कि चीन RIMPAC सैन्य अभ्यास के 2014 और 2016 के संस्करणों का हिस्सा था, लेकिन दक्षिण चीन सागर में चीन की उकसाने वाली गतिविधि के कारण 2018 के अभ्यास में उसे शामिल नहीं किया गया था.

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अमेरिका 'एक-चीन' नीति (One-China Policy) से सहमत है, लेकिन वह 'एक चीन सिद्धांत' (One China principle) को नहीं मानता है और 'रचनात्मक वार्ता' के अनुसरण में चीन और ताइवान के बीच मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता देता है.

1979 में, जब अमेरिका ने चीन के साथ राजनयिक संबंधों को औपचारिक रूप दिया था और ताइपे (ताइवान की राजधानी) में अपना दूतावास बंद कर दिया था, तब इसने ताइवान संबंध अधिनियम (टीआरए) पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका ने ताइवान को उसकी रक्षा करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी. अमेरिका, ताइवान को हथियारों की आपूर्ति कैसे जारी रखता है, इसके लिए यह एकमात्र आधार है.

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