कोटा : जिले में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इससे नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है. ग्रामीण इलाकों में पानी घुसने से हालात बिगड़ने लगे हैं. भारी बारिश के कारण इटावा-खातोली के बाद अब सांगोद कस्बे में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है. राहत और बचाव के लिए सेना व NDRF की टीम जुटी हुई है. वहीं, बाढ़ से उपजे हालातों का जायजा लेने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी कोटा पहुंचे हैं. और फंसे हुए लोगों को तुरंत मदद पहुंचाने को कहा.
500 लोगों को बाहर निकाला
सांगोद और आसपास के इलाकों में फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी है. NDRF, SDRF और सेना ने अब तक करीब 500 लोगों को बाहर निकाला है. शुक्रवार पूरी रात टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है. वहीं, कस्बे का बिजली तंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है. यहां के निवासियों का करोड़ों रुपए का माल खराब हो गया है. साथ ही घरों में रखी फसलें भी बाढ़ के पानी में बह गई है.
लोगों ने पेड़ और छतों पर बैठकर बचाई जान
सांगोद कस्बे में 1 मंजिला मकान डूबा हुआ है. यहां तक कि मुख्य बाजार और चौराहे में हालात और भी ज्यादा खराब है. कई लोगों ने पेड़ पर बैठकर और टीन शेड की छतों पर बैठकर अपनी जान बचाई, जिसका शनिवार सुबह रेस्क्यू किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.
कोटा पहुंचे लोकसभा स्पीकर
कोटा संभाग में लगातार बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला शनिवार कोटा पहुंचें. साथ ही उन्होंने संसदीय क्षेत्र कोटा के बाढ़ प्रभावित सांगोद क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया. उन्होंने आश्वासन दिलाया कि प्रशासन की ओर से आमजन तक सहायता पहुंचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
आबादी पर खाने-पीने का संकट
जानकारी के अनुसार कस्बे के 10,000 से ज्यादा आबादी पर खाने-पीने का संकट आ गया है क्योंकि उनका सब कुछ इस बाढ़ में बह गया है. शुक्रवार देर रात से ही जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ और ग्रामीण एसपी शरद चौधरी सांगोद में मोर्चा संभाले हुए हैं.
दुकानों में करोड़ों रुपए का नुकसान
सांगोद के मुख्य बाजारों में बीते 12 घंटे से भी ज्यादा समय से पानी भरा हुआ है. ऐसे में रेडिमेड, दवा, खाद बीज और इलेक्ट्रॉनिक सहित सभी तरह की दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.
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खतरे के निशान से 30 फीट ऊपर उजाड़ नदी
बता दें, झालावाड़ जिले के भीम सागर बांध के गेट खोल कर उजाड़ नदी में पानी की निकासी की गई थी, जिसके चलते सांगोद कस्बे में बाढ़ जैसे हालात बन गए. यह नदी अपने खतरे के स्तर से 30 फीट ऊपर बह रही है. हालांकि, अब झालावाड़ जिले के भीम सागर बांध से पानी की निकासी कम की गई है, जिससे जलस्तर कम हो रहा है.