जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में आज प्रदेश के डिप्टी सीएम पद पर दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा के शपथ लेने व उनकी नियुक्ति को असंवैधानिक बताने वाली पीआईएल पर सुनवाई होगी. एडवोकेट ओपी सोलंकी की ओर से दायर इस पीआईएल में राज्यपाल, सीएम, केन्द्र सरकार के सचिव, राज्य के सीएस, डिप्टी सीएम दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को पक्षकार बनाया है.
जानें पूरा मामला : जनहित याचिका में कहा गया है कि देश के संविधान में कहीं पर भी डिप्टी सीएम का कोई पद नहीं है और ना इस पद पर नियुक्ति का कोई प्रावधान है. संविधान के आर्टीकल 163 व 164 के तहत सीएम की अनुशंसा पर ही गवर्नर, मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं. आर्टीकल 163 के तहत ही शपथ ली जाती है और उसमें गवर्नर, एक मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों को शपथ दिलवाते हैं, लेकिन दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा ने खुद को डिप्टी सीएम बताते हुए शपथ ली है, जबकि संविधान में केवल मंत्री पद की शपथ ही ली जा सकती है. ऐसे में डिप्टी सीएम का पद काल्पनिक है और दोनों डिप्टी सीएम की ली गई शपथ असंवैधानिक है. इसलिए दोनों डिप्टी सीएम की शपथ व नियुक्तियां रद्द की जाए.
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बता दें कि राजस्थान में बीजेपी प्रचंड जीत के बाद अपनी सरकार बनाई है. 15 दिसंबर को भजनलाल को बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. सीएम भजनलाल के साथ दो डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को भी राज्यपाल कलराज मिश्र ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी.