जैसलमेर. कल्पना से परे है लेकिन हकीकत तो यही है! एक गरीब को जीएसटी विभाग की कृपा से भारी भरकम टैक्स जमा कराने का नोटिस आया है. युवक को जीएसटी विभाग ने एक करोड़ 39 लाख 79 हजार 407 रुपए का तकादा किया है (GST Of Crores Slapped on jaisalmer Poor Man). लिखा गया है कि युवक के नाम पर जीएसटी टैक्स बकाया है. जिसे जल्द से जल्द ना भरा गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. रीदवा गांव के नरपतराम (पुत्र नवलाराम मेघवाल) को आयुक्तालय दिल्ली, उत्तर से नोटिस मिला है.
कमाई अठन्नी भी नहीं और जीएसटी करोड़ो की- नरपतराम ने बताया की वो महज 4000 कमाते हैं. पिता खेती किसानी कर घर का खर्चा चलाते हैं. ऐसे में नरपतराम को जैसे ही नोटिस मिली तो वो सन्न रह गए. सोच में पड़ गए कि उनके नाम से तो कोई फर्म है ही नहीं फिर आयकर विभाग ने नोटिस क्यों भेज दिया? दिमाग पर जोर डाला तो महीनों पहले का घटनाक्रम याद आ गया. तब किसी ने मोबाइल पर कॉल कर आधार कार्ड, पैन नम्बर और अन्य डॉक्युमेंट्स के डिटेल मांगे थे. ओटीपी भी पूछा गया था. जो नरपतराम ने नासमझी में साझा कर दिया था. उन्हें लगता है कि ये उसका ही नतीजा है.
नरपत के नाम पर दिल्ली में फर्म!- जीएसटी नोटिस के आधार पर पता चला है कि नरपत के दस्तावेजों के आधार पर किसी शख्स ने दिल्ली में एक फर्म बनाई. वो शख्स भी दिल्ली का है. उसी कम्पनी के आधार पर फर्जीवाड़े का खेल रचा गया. जिसका खामियाजा नरपत को अब भुगतना पड़ा है. 29 दिसंबर 2022 को उन्हें जीएसटी चुकाने की हिदायत के साथ फरमान मिला. नरपतराम ने बताया की उसे केंद्रीय आयुक्तालय दिल्ली उत्तर से जीएसटी विभाग का नोटिस मिला है. जिसमें बताया की इसी पैन कार्ड और आधार कार्ड पर एक कम्पनी का पंजीयन संचालन हो रहा है, जिसका जीएसटी बकाया है.
परिवार परेशान, दौड़ा रहा विभाग- नोटिस मिलने के बाद युवक और उसका परिवार टेंशन में है. पीड़ित नरपतराम का कहना है कि वो महीना 4-5 हजार रुपए कमाता है. गरीब को समझ में नहीं आ रहा कि करे तो करे क्या. बस इतना जानता है कि बड़े लोगों के पास जरूर कोई हल होगा. जेब में इतने पैसे नहीं कि किसी एक्सपर्ट या सरकारी वकील से परामर्श ले. जो कर सकता है कर रहा है. प्रशासनिक विभागों और पुलिस थाने के चक्कर लगा रहा है. फिर भी हाथ खाली ही हैं. सब ओर से टका सा जवाब मिल रहा है कि जो होगा दिल्ली में ही होगा.
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