नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. एनके गांगुली का कहना है कि हालांकि भारत में कोविड के मामले कम हो रहे हैं लेकिन फिर भी ज्यादा हैं. कुछ क्षेत्रों में अन्य जगहों की तुलना में बहुत अधिक मामले हैं, ऐसे में हमें सतर्क रहना होगा.
डॉ. गांगुली ने का कहना है कि भारत में जिस तेजी से यात्राएं हो रहीं हैं, ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा है. त्योहारी सीजन के दौरान अनुचित व्यवहार होता है, तो स्पाइक की संभावना होती है. अगर हम दिवाली तक इससे बच सकते हैं और उस समय तक हमारी अधिकांश वयस्क आबादी का टीकाकरण हो जाता है तो हम काफी सुरक्षित हो सकते हैं.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में रोजाना नए मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. 7 मई को एक दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा 4,14,188 दर्ज किया गया था, जो 30 सितंबर तक घटकर 23,529 हो गया है. लेकिन चिंता की बात ये है कि पिछले हफ्ते कोविड-19 के कुल मामलों में 59.66 प्रतिशत केरल में सामने आए.
डॉ. गांगुली ने खासतौर पर त्यौहारी सीजन में कोविड नियमों का पालन करने पर जोर दिया.डॉ. गांगुली ने कहा, 'बड़ी भीड़ और अनुचित व्यवहार के उदाहरण हैं जहां लोग मास्क नहीं पहनते हैं. मास्क ठोड़ी पर लटका रहता है. यह समस्या पैदा करता है. हमेशा एक स्पाइक होता है. एक अवशिष्ट संक्रमण होता है जो लोगों के भीतर फैलता है.'
डेल्टा वैरिएंट का जिक्र करते हुए, डॉ गांगुली ने कहा कि यह तेजी से फैलता है इसलिए मास्क पहनना और कोविड गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है.
ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करना चाहिए
डॉ. गांगुली ने कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना चाहिए. ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जहां लोग कम संख्या में इकट्ठा हों. खासकर जब दिवाली त्यौहार आ रहा है. यात्रा करते समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए.
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उनसे कोविड के उचित व्यवहार के लिए जागरूकता फैलाने को कहा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को त्योहारी सीजन के दौरान कोविड-19 के उचित व्यवहार में किसी भी तरह की चूक के मामले में जवाबदेही बनाने का भी सुझाव दिया.
ज्यादा टेस्ट करने का दिया सुझाव
डॉ. गांगुली ने बड़ी संख्या में टेस्ट का भी सुझाव दिया ताकि जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाएं तो संक्रमण न फैलने पाए. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान 15,06,254 नमूनों की जांच की गई. भारत में परीक्षण की संख्या 56,89,56,439 तक पहुंच गई.
केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम में मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर डॉ. गांगुली ने कहा कि लगभग इन सभी जगहों पर लोगों का जमावड़ा है. केरल के लोग दुनिया भर में यात्रा करते हैं और त्योहारी सीजन के दौरान घर आते हैं. इसी तरह मुंबई और अन्य जगहों पर भारत के कोने-कोने से लोग आते हैं. यही वजह है कि यहां केस ज्यादा हैं.
उनका कहना है कि पूर्वोत्तर में भी भारी यातायात है. न केवल भारत के भीतर है बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ बाहरी यातायात भी हो रहा है. हालांकि पूर्वोत्तर में जनसंख्या घनत्व अधिक नहीं है, अन्य देशों के लोगों का आना और पूर्वोत्तर में इंटर स्टेट यातायात बड़ी चिंता है.
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डॉ. गांगुली ने सुझाव दिया कि स्कूल खोलने से पहले स्कूल बस ड्राइवरों सहित सभी शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को टीका लगाना चाहिए ... और एक बार जब हमें बच्चों के लिए टीका मिल जाए, तो उन्हें भी टीका लगाया जाना चाहिए.
कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) की मंजूरी के बारे में पूछे जाने पर डॉ. गांगुली ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मानदंड पूर्व-योग्यता और ईयूए के लिए बहुत सख्त हैं. भारत को वैक्सीन की अत्यंत जरूरत थी. भारतीय दवा नियामक द्वारा ईयूए देना एक सही निर्णय था, हालांकि हम दूसरों की तरह नहीं चले जैसा कि डब्ल्यूएचओ और यूएस एफडीए द्वारा आवश्यक है. डॉ. गांगुली ने कहा टीका सुरक्षित और प्रभावी है, आने वाले दिनों में हमें निश्चित रूप से मंजूरी मिल जाएगी.