जोधपुर. अपने परिवार के साथ खुद को बंधक बनाकर पिछले 18 घंटे से क्वार्टर में बैठे सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट ने आखिरकार अपने आप को गोली मार ली (CRPF Jawan Naresh shot himself) है, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जबकि उससे बात करने के लिए सीआरपीएफ के आईजी विक्रम सहगल भी जोधपुर पहुंच गए थे. उनसे उसकी फोन पर बात हुई थी, आमने-सामने बात नहीं हो सकी. वहीं, उसने अपने पिता को मिलने के लिए बुलाया लेकिन क्वार्टर पहुंचने से रोक दिया और खुद ठोडी के नीचे रायफल लगाकर गोली मार ली.
पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि उससे लगातार समझाइश के प्रयास चल रहे थे. उसकी पत्नी ने भी उसको समझाया और कहा कि नौकरी चली जाएगी तो खेती कर लेंगे. पिता, भाई और अन्य भी लगातार समझा रहे थे, लेकिन सोमवार को उसने खुद को गोली मार कर जीवन लीला समाप्त कर ली. उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंपा जाएगा. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि यह जांच का विषय हैं कि वह किस बात से नाराज था. नरेश की पत्नी और बेटी सुरक्षित है.
साथी से झगड़ा हुआ, उसे ही बदमाश बताया- जानकारी के अनुसार रविवार को नरेश का साथी कांस्टेबल से झगड़ा हुआ था. इस दौरान साथी ने उसे हाथ पर काट लिया था. इसकी शिकायत करने डीआईजी के पास गया था, लेकिन उल्टा उसे ही डांटा गया और कहा गया कि तुम बदमाश हो. बताया जा रहा है कि उसने छुट्टी भी मांग रखी थी, लेकिन उसे मना कर दिया गया था. इसके बाद वह नाराज होकर अपने क्वार्टर गया और परिवार सहित खुद को बंधक बना लिया. इसके बाद पांच बजे उसने पहला फायर किया, जिसके बाद पूरे ट्रेनिग सेंटर ने अफरा तफरी मच गई. उसने साढ़े आठ बजे तक आठ फायर किए.
इसकी सूचना मिलने पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश के प्रयास किए. पुलिस अधिकारी पूरी रात समझाते रहे, फोन पर बात की गई और उसके परिजनों को भी बुलाया. इसके बाद देर रात जवान नरेश ने फोन बंद कर दिया. सुबह उसने आईजी से बात करने का कहा. इसकी सूचना मिलने पर आईजी विक्रम सहगल भी जयपुर से जोधपुर पहुंचे, लेकिन आमने-सामने बात करने से पहले ही उसने खुद को गोली मार दी.
वर्दी में मारी खुद को मारी गोली, बिलखते नजर आए पिता : सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट को अपनी वर्दी से प्यार था. सोमवार को खुद को गोली मारने से पहले अपनी पूरी वर्दी पहनी थी. इंसास रायफल को अपने ठोडी के नीचे अडा कर फायर कर दिया. इससे गोली उसके सिर से पर कर गई. जब वह यह कर रहा था तो तो उसकी पत्नी और बेटी वहीं थे. पत्नी कहती रही कि नौकरी चली जाएगी तो खेती कर लेंगे, लेकिन नरेश ने किसी की नहीं सुनी. यही कहता रहा कि मेरे पास मत आना. अपने कमरे में जाकर गोली मार ली. उसका क्वार्टर चौथी मंजिल पर था. नीचे सारे अधिकारी मौजूद थे. अपने पिता को मिलने के उसने बुलाया, लेकिन बाद में मना कर दिया. कुछ देर बाद उसने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया था.
आईजी विक्रम सहगल भी उसके क्वार्टर की बिल्डिंग के पास थे. अचानक करीब साढे ग्यारह बजे अचानक धमाका हुआ तो सब चिंतित हो उठे. अचानक क्वार्टर से पत्नी बच्ची की चीख ने सबको झकझोर दिया. बूढ़े पिता लिखमाराम जब क्वार्टर गए तो तो वर्दी में खून से लथपथ नरेश को देख फफक पड़े. उसके शरीर को पकड़ कर रोने लगे. पुलिस अधिकारी उन्हें संबल देने लगे. उसकी पत्नी और बेटी को दूसरे कमरे में ले गए. नरेश को अपनी नौकरी से काफी लगाव था. उसके गांव पाली जिले के राजोला स्थित घर पर उसके ज्यादातर फोटो वर्दी और हथियार के साथ ही लगे मिले. तीन सालों से वह इस प्रशिक्षण केंद्र में कांस्टेबल पदस्थापित था. उसका एक भाई पुलिस में यातायात पुलिस में कार्यरत है, जबकि एक एम्स में डॉक्टर है. उसे समझाने आए परिवार के सदस्य व दोस्त सब निराश हो गए.
नौकरी की चिंता थी नरेश को : रविवार शाम को परिवार को बंधक बनाने के बाद नरेश हवाई फायर करने शुरू कर दिए थे. बताया जा रहा था कि वह नशे में था, लेकिन सुबह उसे साफ हो गया कि अब नौकरी चली जाएगी. संभवत उसने इसको लेकर पत्नी से भी बात की थी, क्योंकि उसके पता था कि इस तरह की हरकत से नौकरी जानी तय है. यही कारण था कि उसे सोमवार को पूरा अहसास हो गया था कि अब कुछ नहीं बचा है. जब उसने आईजी विक्रम सहगल के सामने ही अपनी बात रखने की बात कही तो सभी को लगा कि अब शायद वह सरेंडर कर देगा, लेकिन आईजी के पहुंचने पर भी उनसे मिले बिना ही उसने खुद को गोली मार ली.