नई दिल्ली : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की भूमिका पर वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसको लेकर पार्टी ने किया निर्णय लिया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है. इसकी जगह पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस ने 2024 का एक्शन प्लान बनाया है. इस पर विचार मंथन किया गया.
कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के मकसद से एक विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह- 2024 का गठन किया जाएगा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला किया है कि आगामी 13, 14 और 15 मई को राजस्थान के उदयपुर में नवसंकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. सुरजेवाला ने प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़े प्रश्नों पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ यह कहा कि जब यह कार्य समूह बन जाएगा, तब इस बारे में सूचित किया जाएगा कि इसमें कौन शामिल है और किसकी क्या भूमिका है.
सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के सुझावों पर विचार के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की. बैठक के बाद सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन और राजनीतिक चुनौतियों को देखने और परखने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने 21 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. सोनिया गांधी ने आज इस समूह के सदस्यों के साथ मंत्रणा की. इसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया कि भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए इम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप का गठन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह फैसला भी किया है कि 13, 14 और 15 मई को नवसंकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा. इसमें 400 से अधिक नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे. नवंसकल्प शिविर में राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा होगी. सुरजेवाला ने कहा कि मौजूदा सरकार में समाज के विभिन्न वर्गों- दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और किसानों के अधिकारों पर जो कुठाराघात हो रहा है, इससे जुड़े मुद्दों पर चिंतन शिविर में विचार किया जाएगा. संगठन को मजबूत करने पर भी इस चिंतन शिविर में मंथन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या रणनीति रहेगी, इस पर भी निर्णय लिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस चाहती है कि प्रशांत किशोर अन्य पार्टियों से किए गए अपने सभी वादों को समाप्त कर दें और केवल एक कांग्रेसी के रूप में काम करें, न कि सलाहकार के रूप में. हालांकि, अंतिम फैसला राहुल गांधी से बातचीत के बाद लिया जा सकता है. कांग्रेस की आठ सदस्यीय कमेटी ने आज इस पर विचार मंथन किया. इनमें सोनिया के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल थे.
बैठक में वरिष्ठ नेता एके अंटनी और प्रियंका गांधी भी उपस्थित थीं. सूत्रों के अनुसार करीब दो घंटे तक बैठक चली. पिछले सप्ताह ही पीके ने कांग्रेस के सामने लंबा प्रजेंटेशन दिया था. इसमें उन्होंने 600 से अधिक स्लाइडों का उपयोग किया था. हालांकि, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता यह चाहते हैं कि पीके का संबंध कई पार्टियों से है, इसलिए बेहतर होगा कि वह उन पार्टियों से संबंध तोड़ लें.
सूत्र बताते हैं कि पीके ने कांग्रेस को मजबूत क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बनाने का सुझाव दिया है. इनमें टीएमसी और टीआरएस का नाम भी शामिल है. अपनी रिपोर्ट सौंप चुके कुछ पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जहां भी पार्टी क्षेत्रीय ताकतों के खिलाफ खड़ी हो, वहां कोई संघर्ष नहीं होना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि किशोर ने सुझाव दिया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए और इन प्रदेशों में गठबंधन से परहेज करना चाहिए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रस्तुति में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.
इस बीच, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने रविवार को चुनावी रणनीतिकार किशोर द्वारा स्थापित इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने पुष्टि की, कि उनकी पार्टी आई-पैक के साथ काम कर रही है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि इसका प्रशांत किशोर से कोई लेना-देना नहीं है. मुझे नहीं पता कि इसे कौन चला रहा है. पीके ने हमें आई-पैक के बारे में बताया और यह हमारे साथ काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि पीके ने खुद को आई-पैक से अलग कर लिया है, जो देश भर में कई पार्टियों के साथ काम कर रही है. हमारी सिर्फ पीके से बातचीत नहीं हुई थी. कई अन्य लोगों के साथ हमारी कई बार चर्चा हुई. हमने आई-पैक को लेकर सुनील और अन्य लोगों से बात की.